जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगर में बीते सात दिन से एक विवाहिता का शव और करीब चार दिन से एक दलित युवक का शव एमडीएम की मोर्चरी में पड़ा है. दोनों ही मामलों में परिजन कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. खास बात यह है कि प्रशासन की ओर से दो दिन से कोई बातचीत के प्रयास भी नहीं किए जा रहे हैं. शुक्रवार को जोधपुर आए नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के सामने दोनों मृतकों के परिजनों ने सर्किट हाउस में गुहार लगाई.
इस पर बेनीवाल ने सीएम गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि कल सीएम आ रहे हैं. जनसुनवाई करेंगे लेकिन किस बात की करेंगे पता नहीं. उनके गृह जिले में उनके समाज की बच्ची की निर्मम हत्या हो गई. एक जीनगर समाज के व्यक्ति ने भी परेशान होकर आत्महत्या कर ली फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. बेनीवाल ने परिजनों के सामने ही ग्रामीण एसपी धर्मेन्द्र सिंह यादव को फोन कर कहा कि सीएम के आने से पहले मामले में कार्रवाई करिए. बेनीवाल ने यहां तक कहा कि सीएम को आने से पहले खुद ही अधिकारियों को भेज कर कार्रवाई करने के निर्देश देने चाहिए.
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दहेज के लिए हत्या का आरोप
जिले के पिपाड़ क्षेत्र में गत शनिवार को 25 वर्षीय कंचन की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले को लेकर परिजन शव नहीं उठा रहे हैं. परिजनों का आरोप है कि उनकी बेटी को दामाद, सास व जेठ ने मिलकर मार दिया जिसके चलते उसकी मौत हो गई. इससे पहले भी वे लंबे समय से उसे दहेज के लिए प्रताड़ित कर रहे थे. पुलिस अभी तक सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है, इसके चलते गतिरोध बना हुआ है.
जमीन के मामले में आत्महत्या
डांगियावास थाना क्षेत्र के बिसलपुर निवासी घेवरराम तीन दिन पहले अपने घर मेें आत्महत्या कर ली. आरोप है कि उसकी जमीन का कब्जा हटाने के लिए उस पर विकास अधिकारी, सरपंच सहित अन्य लोग दबाव बना रहे थे. गांव के गढ़ के पास स्थिति उनके मकानों को हटाने के लिए धमकी दी जा रही थी. इसको लेकर घेवराराम के पुत्र ने सरपंच प्रतिनिधि कानाराम, ग्राम विकास अधिकारी सदीप दवे, खंड विकास अधिकारी सोहनलाल व पंचायत समिति के पीओ इंद्रनारायण पारिक के खिलाफ डांगियावास थाने में रिपोर्ट दी जिस पर नामजद मामला दर्ज हो गया, लेकिन परिजन गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. शव भी मोर्चरी में रखा है.