भोपालगढ़ (जोधपुर). कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश में लॉकडाउन के बाद ग्रामीण श्रमिकों के सामने रोजगार को लेकर आर्थिक संकट उत्पन्न हुआ. जिसपर राजस्थान सरकार की ओर से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत अधिक से अधिक गांवों में श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है, लेकिन अब इन श्रमिकों के काम का लेखा जोखा रखने वाले मेट परेशानी बनते जा रहे है. श्रमिकों को काम दिलाने के नाम पर वसूली हो रही है. ऐसा ही मामला भोपालगढ़ में सामने आया है.
भोपालगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र के ग्राम पंचायत बिरानी में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के श्रमिकों से मेट की ओर से प्रति पखवाड़े 200 रुपये अवैध वसूली की गई. जिसके चलते श्रमिक मंगलवार को पंचायत समिति भोपालगढ़ आकर विकास अधिकारी प्रदीप धनदे से मिले और इस बारे में शिकायत की. मनरेगा श्रमिकों ने बताया कि मेटों की ओर से श्रमिकों से 200 रुपये अवैध वसूली के मांगे जा रहे हैं. जो नहीं दे रहे हैं, उनका नाम अगले पखवाड़े के कार्य स्थल से हटाया जा रहे हैं.
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ऐसे में इस पखवाड़े के कई मनरेगा श्रमिकों के नाम मेटों ने अपनी मनमर्जी से काट दिए हैं. रोजगार से वंचित हुई महिला श्रमिकों ने विकास अधिकारी धनदे को अपनी आपबीती सुनाई. साथ ही अपने परिवार की खराब आर्थिक हालत से भी रूबरू करवाया. इस दौरान विकास अधिकारी धनदे ने तुरंत ग्राम विकास अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए और इन मनरेगा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए कहा. साथ ही एक कमेटी का गठन करवाकर मेटों की ओर से अवैध वसूली करने के मामले पर जांच भी शुरू करवाने के निर्देश दिए.