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गमगीन माहौल में जोधपुर के लूणी कस्बे से घोड़ी की निकाली अंतिम यात्रा, लोगों की आंखें हुईं नम - ग्रामीणों ने किया घोड़ी की अंतिम संस्कार

जोधपुर के लोनी गांव में एक घोड़ी की मौत के बाद गमगीन परिजनों और ग्रामीणों ने उसकी शव यात्रा निकाली. यही नहीं घोड़ी के शव का पूरे रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर उसे दफनाया गया.

funeral of mare in jodhpur, ग्रामीणों ने किया घोड़ी की अंतिम संस्कार
घोड़ी की निकाली अंतिम यात्रा
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Published : Feb 13, 2021, 11:02 PM IST

जोधपुर. इंसानों और जानवरों के बीच लगाव और प्रेम के कई मामले सामने आते रहे हैं. व्यक्ति जानवरों को अपने घर के सदस्य की तरह पालते हैं लेकिन उसका जाना घरवालों के लिए दुखदायी हो जाता है. ऐसी ही एक घटना जोधपुर के ग्रामीण लोनी इलाके में देखने को मिली, जहां शनिवार को एक घोड़ी की मौत गई. दुखी परिजनो ने उसे अपने घर का सदस्य मानते हुए उसकी अंतिम यात्रा निकाली और फिर रीति-रिवाजों के अनुसार उसे जमीन में दफना दिया. अंतिम यात्रा के दौरान बच्चों सहित कई लोगों के आंखों में आंसू भी दिखाई दिए.

घोड़ी की निकाली अंतिम यात्रा

जानकारी के अनुसार कयामखानी मोहल्ले के रहने वाले रफीक खान अपने घर कुछ साल पहले एक घोड़ी लेकर आये थे. रफी ने घोड़ी का पालन पोषण अपने परिवार के सदस्य की तरह किया. रफीक खान जानवरों से बेहद प्यार करते हैं जिसके चलते उनका अपने घर लाई घोड़ी से अधिक लगाव हो गया था. साथ ही पूरे परिवार के सदस्य का भी घोड़ी से जुड़ गए थे.

पढ़ें: मोहताजी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और सचिव पर 5 लाख की राशि गबन करने का आरोप, मामला दर्ज

पिछले एक सप्ताह से रफीक की घोड़ी काफी बीमार थी जिसका पशु चिकित्सक से इलाज भी करवाया गया लेकिन घोड़ी की जान नहीं बच सकी. शनिवार को गमनीन माहौल के बीच घोड़ी की शव यात्रा निकाली गई. घोड़ी को रीति रिवाजों के साथ भूमि में दफनाया गया. घोड़ी की अंतिम यात्रा निकालते समय रफीक खान सहित उसके परिवार के सदस्यों की आंखें नम हो गई. परिवार के बच्चे सहित महिलाओं की आंखें भी भीगी रहीं. साथ ही जिन जिन क्षेत्रों से घोड़ी को ट्रैक्टर में डाल कर दफनाने ले जाया गया, वहां क्षेत्रवासियों की भीड़ उमड़ गई.

जोधपुर. इंसानों और जानवरों के बीच लगाव और प्रेम के कई मामले सामने आते रहे हैं. व्यक्ति जानवरों को अपने घर के सदस्य की तरह पालते हैं लेकिन उसका जाना घरवालों के लिए दुखदायी हो जाता है. ऐसी ही एक घटना जोधपुर के ग्रामीण लोनी इलाके में देखने को मिली, जहां शनिवार को एक घोड़ी की मौत गई. दुखी परिजनो ने उसे अपने घर का सदस्य मानते हुए उसकी अंतिम यात्रा निकाली और फिर रीति-रिवाजों के अनुसार उसे जमीन में दफना दिया. अंतिम यात्रा के दौरान बच्चों सहित कई लोगों के आंखों में आंसू भी दिखाई दिए.

घोड़ी की निकाली अंतिम यात्रा

जानकारी के अनुसार कयामखानी मोहल्ले के रहने वाले रफीक खान अपने घर कुछ साल पहले एक घोड़ी लेकर आये थे. रफी ने घोड़ी का पालन पोषण अपने परिवार के सदस्य की तरह किया. रफीक खान जानवरों से बेहद प्यार करते हैं जिसके चलते उनका अपने घर लाई घोड़ी से अधिक लगाव हो गया था. साथ ही पूरे परिवार के सदस्य का भी घोड़ी से जुड़ गए थे.

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पिछले एक सप्ताह से रफीक की घोड़ी काफी बीमार थी जिसका पशु चिकित्सक से इलाज भी करवाया गया लेकिन घोड़ी की जान नहीं बच सकी. शनिवार को गमनीन माहौल के बीच घोड़ी की शव यात्रा निकाली गई. घोड़ी को रीति रिवाजों के साथ भूमि में दफनाया गया. घोड़ी की अंतिम यात्रा निकालते समय रफीक खान सहित उसके परिवार के सदस्यों की आंखें नम हो गई. परिवार के बच्चे सहित महिलाओं की आंखें भी भीगी रहीं. साथ ही जिन जिन क्षेत्रों से घोड़ी को ट्रैक्टर में डाल कर दफनाने ले जाया गया, वहां क्षेत्रवासियों की भीड़ उमड़ गई.

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