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बीसीआर भवन का शिलान्यास और डिजिटलीकरण का शुभारम्भ, न्यायधीशों का रहा जमावड़ा - Rajasthan hjindi news

जोधपुर में आयोजित कार्यक्रम में रविवार को राजस्थान बार काउंसिल के भवन की शिलान्यास किया गया. इस बीसीआर में देश का पहला डिजिटल ऑफिस भी (Digitization of BCR Building) बनकर तैयार हुआ है. इस दौरान कार्यक्रम में बड़ी संख्या में न्यायधीश मौजूल रहे.

बीसीआर भवन का शिलान्यास
बीसीआर भवन का शिलान्यास
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Published : Dec 11, 2022, 9:45 PM IST

जोधपुर. देश में वकालात का पेशा अब आधुनिक होने लगा है. एक ओर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने गोवा में इंटरनेशनल विधि विश्वविद्यालय की शुरुआत की है तो वहीं रविवार को बार काउंसिल ऑफ राजस्थान में देश का पहला डिजिटल ऑफिस भी बना है. इससे दूरदराज से आने वाले अधिवक्ताओं के समय और धन की बचत होगी. रविवार को राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ के झालामंड स्थित परिसर में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के नवीन भवन का शिलान्यास (Foundation stone of BCR new building laid) और बार काउंसिल के डिजिटलीकरण फेज-प्रथम के शुभारम्भ (Digitization of BCR Building) कार्यक्रम का आयोजन हुआ.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दिनेश माहेश्वरी के सान्निध्य में समारोह का आयोजन किया गया. जस्टिस माहेश्वरी कार्यक्रम में वर्चुअली उपस्थित रहे. राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्थल की ओर से भवन का शिलान्यास कर समारोह का शुभारंभ किया गया. अतिथियों की ओर से नवीन भवन के निर्माण कार्य की शुरुआत भूमि पूजन और शुभारंभ पट्टिका के अनावरण से हुई. भव्य समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ. अतिथियों ने बार काउंसिल आफ राजस्थान की वेब साइट का शुभारंभ किया.

बीसीआर भवन का शिलान्यास
बीसीआर भवन का शिलान्यास

पढ़ें. बीसीआर की न्यासी समिति ने 71 दावों का किया निस्तारण

डिजिटलीकरण से प्रक्रिया होगी सुगम
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दिनेश माहेश्वरी ने वर्चुअल माध्यम से मुख्य उद्बोधन में बार काैंसिल ऑफ राजस्थान को नए भवन के शिलान्यास के अवसर पर बधाई दी. उन्होंने बार काउंसिल की ओर से संचालित अकादमिक गतिविधियों, राजस्थान न्यायिक सेवाओं के प्रशिक्षण आदि के बारे में बताते हुए बार काउंसिल के योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि वर्तमान भवन में ऑडिटोरियम का निर्माण होगा, जो एकेडमिक वर्कशॉप और अन्य आयोजनों के लिए अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा. कोविड-19 के बाद न्यायिक प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण ऑनलाइन वर्किंग प्रोसेस से अधिवक्ताओं के कार्य में सुगमता सुनिश्चित हुई है. उन्होंने बार काउंसिल को अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन का सुझाव दिया. इसके साथ ही उन्होंने अपने निजी अनुभवों के बारे में चर्चा की.

बीसीआर भवन का शिलान्यास
न्यायधीशों का रहा जमावड़ा

विधिक पेशा नागरिक अधिकारों का सशक्त पैरोकार
समारोह को संबोधित करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्थल ने बार काउंसिल के नए भवन निर्माण के कार्य के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि राजस्थान बार काउंसिल देश का एकमात्र ऐसा बार काउंसिल है जिसके पास हाईकोर्ट परिसर में अपना भवन होगा. उन्होंने कहा कि बार काउंसिल अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा करने वाली प्रमुख संस्था है. उन्होंने कहा कि वकालात समाज में एक सम्मानीय पेशा है, जो नागरिक अधिकारों का सशक्त पैरोकार है.

पढ़ें. एडीजे भर्ती परीक्षा 2020 को लेकर बार काउंसिल ने की बैठक, उत्तर पुस्तिका दोबारा जांचने की मांग

समन्वित प्रयासों के लिए आभार व्यक्त
हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश संदीप मेहता ने संबोधन में वर्ष 2014 में बार काउंसिल के तत्कालीन चेयरमैन जस्टिस मनोज गर्ग तथा जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की ओर से किए प्रयासों की सराहना की. उन्होंने बार काउंसिल भवन निर्माण को बेहतर स्वरूप में निर्मित करने की दिशा में अब तक किए गए प्रयासों के लिए सभी संबंधितों का आभार प्रकट किया और कहा कि महाधिवक्ता महेंद्र सिंह सिंघवी ने नवीन संशोधित बजट की स्वीकृति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से दिलवाने अहम भूमिका निभाई.

न्यायिक संस्थान अधिवक्ताओं के लिए मंदिर के समान
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि न्यायिक संस्थान अधिवक्ताओं के लिए मंदिर के समान है. सबसे पहले आह्वान करता हूं कि वे संस्थान का सम्मान करें. संस्थान के सम्मान से ही समाज में वकीलों का सम्मान बढे़गा. यह भी कहा कि बीसीआई ने वकालात के क्षेत्र में नवाचार शुरू करते हुए सर्वप्रथम भारत के विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय स्थापित किए थे और अब दूसरा नवाचार अन्तर्राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय गोवा में शुरू किया जिससे वैश्विक स्तर पर विधि के क्षेत्र में भारत अग्रणीय हो जाएगा.

अधिवक्ताओं को मिलेगी बेहतर सुविधाएं
समारोह के आरंभ में स्वागत उद्बोधन देते हुए राजस्थान बार काउंसिल के चेयरमैन सुनील बेनीवाल ने उपस्थित न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, प्रशासनिक एवं न्यायिक अधिकारीगण एवं समस्त गणमान्य एवं आगन्तुकों का स्वागत किया. उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट परिसर में भवन के निर्माण से अधिवक्ताओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. बार काउंसिल के डिजिटलीकरण से अधिवक्ताओं संबंधित कार्यों का सरलीकरण होगा. अब अधिवक्ताओं को पंजीयन और पंजीयन के नवीनीकरण के लिए भौतिक रूप से उपस्थित होना नहीं पड़ेगा.

पढ़ें. बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के पदाधिकारियों का चुनाव, बेनीवाल चेयरमैन और शक्तावत वाइस चेयरमैन बने

मुख्यमंत्री जताया आभार
समारोह के अन्त में संयोजक एवं परिषद के सदस्य जगमाल सिंह चौधरी ने उपस्थिति समस्त न्यायाधीशगण, अधिवक्ताओं का आभार व्यक्त किया. चौधरी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से कोविड-19 में वकीलों के कल्याण के लिए 10 करोड़ की सहायता राशि, बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के नए भवन निर्माण के लिए 14.37 करोड़ रुपए और बार काउंसिल के अधिवक्ताओं के ठहरने के लिए जोधपुर एवं जयपुर में 1-1 बीघा भूमि का निःशुल्क आवंटन और 1-1 करोड़ रुपए से निर्मित भवन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया.

डिजिटलीकरण के संयोजक डॉ सचिन आचार्य ने कहा कि राजस्थान देश का भौगोलिक दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है, जहां करीब 320 न्यायालय परिसर हैं और एक लाख से अधिक अधिवक्ता हैं. डिजिटलीकरण कार्यों का सरलीकरण होने के साथ ही दूरदराज के क्षेत्र में रहने वाले अधिवक्ताओं को जोधपुर आने जाने में समय और धन की बचत होगी. पंजीयन और पंजीयन के नवीनीकरण सहित सभी कार्य अधिवक्ता घर बैठे कर सकेगा. उन्होने कहा कि वे प्रयास कर रहे हैं कि अगले छह माह में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान पूरा पेपरलेस हो जाएगा.

ये रहे मौजूद
मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्थल के अलावा प्रशासनिक न्यायाधीश संदीप मेहता, बार काउंसिल ऑफ इण्डिया के चैयरमेन मनन कुमार मिश्रा, बार काउंसिंल ऑफ इण्डिया के सह अध्यक्ष सुरेशचन्द्र श्रीमाली, बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के चैयरमेन सुनील बेनीवाल, राजस्थान सरकार के महाधिवक्ता महेंद्र सिंह सिंघवी, राजस्थान हाई कोर्ट एड्वोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नाथूसिंह राठौड़, राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन जोधपुर के उपाध्यक्ष डॉ. निखिल डूंगावत, संयोजक एवं बार काउंसिंल ऑफ राजस्थान के सदस्य जगमाल सिंह चौधरी, बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के उपाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह शक्तावत मंचासीन रहे.

इस अवसर पर राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश अरुण भंसाली, न्यायाधीश पुष्पेन्द्र सिंह भाटी, न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर, न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग, न्यायाधीश रेखा बोराणा, न्यायाधीश कुलदीप माथुर एवं पूर्व न्यायाधीशगण, बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के वर्तमान एवं पूर्व सदस्यगण, वरिष्ठ अधिवक्तागण, विभिन्न बार संघो के पदाधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में अधिवक्तागण शामिल हुए.

जोधपुर. देश में वकालात का पेशा अब आधुनिक होने लगा है. एक ओर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने गोवा में इंटरनेशनल विधि विश्वविद्यालय की शुरुआत की है तो वहीं रविवार को बार काउंसिल ऑफ राजस्थान में देश का पहला डिजिटल ऑफिस भी बना है. इससे दूरदराज से आने वाले अधिवक्ताओं के समय और धन की बचत होगी. रविवार को राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ के झालामंड स्थित परिसर में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के नवीन भवन का शिलान्यास (Foundation stone of BCR new building laid) और बार काउंसिल के डिजिटलीकरण फेज-प्रथम के शुभारम्भ (Digitization of BCR Building) कार्यक्रम का आयोजन हुआ.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दिनेश माहेश्वरी के सान्निध्य में समारोह का आयोजन किया गया. जस्टिस माहेश्वरी कार्यक्रम में वर्चुअली उपस्थित रहे. राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्थल की ओर से भवन का शिलान्यास कर समारोह का शुभारंभ किया गया. अतिथियों की ओर से नवीन भवन के निर्माण कार्य की शुरुआत भूमि पूजन और शुभारंभ पट्टिका के अनावरण से हुई. भव्य समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ. अतिथियों ने बार काउंसिल आफ राजस्थान की वेब साइट का शुभारंभ किया.

बीसीआर भवन का शिलान्यास
बीसीआर भवन का शिलान्यास

पढ़ें. बीसीआर की न्यासी समिति ने 71 दावों का किया निस्तारण

डिजिटलीकरण से प्रक्रिया होगी सुगम
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दिनेश माहेश्वरी ने वर्चुअल माध्यम से मुख्य उद्बोधन में बार काैंसिल ऑफ राजस्थान को नए भवन के शिलान्यास के अवसर पर बधाई दी. उन्होंने बार काउंसिल की ओर से संचालित अकादमिक गतिविधियों, राजस्थान न्यायिक सेवाओं के प्रशिक्षण आदि के बारे में बताते हुए बार काउंसिल के योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि वर्तमान भवन में ऑडिटोरियम का निर्माण होगा, जो एकेडमिक वर्कशॉप और अन्य आयोजनों के लिए अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा. कोविड-19 के बाद न्यायिक प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण ऑनलाइन वर्किंग प्रोसेस से अधिवक्ताओं के कार्य में सुगमता सुनिश्चित हुई है. उन्होंने बार काउंसिल को अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन का सुझाव दिया. इसके साथ ही उन्होंने अपने निजी अनुभवों के बारे में चर्चा की.

बीसीआर भवन का शिलान्यास
न्यायधीशों का रहा जमावड़ा

विधिक पेशा नागरिक अधिकारों का सशक्त पैरोकार
समारोह को संबोधित करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्थल ने बार काउंसिल के नए भवन निर्माण के कार्य के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि राजस्थान बार काउंसिल देश का एकमात्र ऐसा बार काउंसिल है जिसके पास हाईकोर्ट परिसर में अपना भवन होगा. उन्होंने कहा कि बार काउंसिल अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा करने वाली प्रमुख संस्था है. उन्होंने कहा कि वकालात समाज में एक सम्मानीय पेशा है, जो नागरिक अधिकारों का सशक्त पैरोकार है.

पढ़ें. एडीजे भर्ती परीक्षा 2020 को लेकर बार काउंसिल ने की बैठक, उत्तर पुस्तिका दोबारा जांचने की मांग

समन्वित प्रयासों के लिए आभार व्यक्त
हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश संदीप मेहता ने संबोधन में वर्ष 2014 में बार काउंसिल के तत्कालीन चेयरमैन जस्टिस मनोज गर्ग तथा जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की ओर से किए प्रयासों की सराहना की. उन्होंने बार काउंसिल भवन निर्माण को बेहतर स्वरूप में निर्मित करने की दिशा में अब तक किए गए प्रयासों के लिए सभी संबंधितों का आभार प्रकट किया और कहा कि महाधिवक्ता महेंद्र सिंह सिंघवी ने नवीन संशोधित बजट की स्वीकृति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से दिलवाने अहम भूमिका निभाई.

न्यायिक संस्थान अधिवक्ताओं के लिए मंदिर के समान
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि न्यायिक संस्थान अधिवक्ताओं के लिए मंदिर के समान है. सबसे पहले आह्वान करता हूं कि वे संस्थान का सम्मान करें. संस्थान के सम्मान से ही समाज में वकीलों का सम्मान बढे़गा. यह भी कहा कि बीसीआई ने वकालात के क्षेत्र में नवाचार शुरू करते हुए सर्वप्रथम भारत के विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय स्थापित किए थे और अब दूसरा नवाचार अन्तर्राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय गोवा में शुरू किया जिससे वैश्विक स्तर पर विधि के क्षेत्र में भारत अग्रणीय हो जाएगा.

अधिवक्ताओं को मिलेगी बेहतर सुविधाएं
समारोह के आरंभ में स्वागत उद्बोधन देते हुए राजस्थान बार काउंसिल के चेयरमैन सुनील बेनीवाल ने उपस्थित न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, प्रशासनिक एवं न्यायिक अधिकारीगण एवं समस्त गणमान्य एवं आगन्तुकों का स्वागत किया. उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट परिसर में भवन के निर्माण से अधिवक्ताओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. बार काउंसिल के डिजिटलीकरण से अधिवक्ताओं संबंधित कार्यों का सरलीकरण होगा. अब अधिवक्ताओं को पंजीयन और पंजीयन के नवीनीकरण के लिए भौतिक रूप से उपस्थित होना नहीं पड़ेगा.

पढ़ें. बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के पदाधिकारियों का चुनाव, बेनीवाल चेयरमैन और शक्तावत वाइस चेयरमैन बने

मुख्यमंत्री जताया आभार
समारोह के अन्त में संयोजक एवं परिषद के सदस्य जगमाल सिंह चौधरी ने उपस्थिति समस्त न्यायाधीशगण, अधिवक्ताओं का आभार व्यक्त किया. चौधरी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से कोविड-19 में वकीलों के कल्याण के लिए 10 करोड़ की सहायता राशि, बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के नए भवन निर्माण के लिए 14.37 करोड़ रुपए और बार काउंसिल के अधिवक्ताओं के ठहरने के लिए जोधपुर एवं जयपुर में 1-1 बीघा भूमि का निःशुल्क आवंटन और 1-1 करोड़ रुपए से निर्मित भवन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया.

डिजिटलीकरण के संयोजक डॉ सचिन आचार्य ने कहा कि राजस्थान देश का भौगोलिक दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है, जहां करीब 320 न्यायालय परिसर हैं और एक लाख से अधिक अधिवक्ता हैं. डिजिटलीकरण कार्यों का सरलीकरण होने के साथ ही दूरदराज के क्षेत्र में रहने वाले अधिवक्ताओं को जोधपुर आने जाने में समय और धन की बचत होगी. पंजीयन और पंजीयन के नवीनीकरण सहित सभी कार्य अधिवक्ता घर बैठे कर सकेगा. उन्होने कहा कि वे प्रयास कर रहे हैं कि अगले छह माह में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान पूरा पेपरलेस हो जाएगा.

ये रहे मौजूद
मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्थल के अलावा प्रशासनिक न्यायाधीश संदीप मेहता, बार काउंसिल ऑफ इण्डिया के चैयरमेन मनन कुमार मिश्रा, बार काउंसिंल ऑफ इण्डिया के सह अध्यक्ष सुरेशचन्द्र श्रीमाली, बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के चैयरमेन सुनील बेनीवाल, राजस्थान सरकार के महाधिवक्ता महेंद्र सिंह सिंघवी, राजस्थान हाई कोर्ट एड्वोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नाथूसिंह राठौड़, राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन जोधपुर के उपाध्यक्ष डॉ. निखिल डूंगावत, संयोजक एवं बार काउंसिंल ऑफ राजस्थान के सदस्य जगमाल सिंह चौधरी, बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के उपाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह शक्तावत मंचासीन रहे.

इस अवसर पर राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश अरुण भंसाली, न्यायाधीश पुष्पेन्द्र सिंह भाटी, न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर, न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग, न्यायाधीश रेखा बोराणा, न्यायाधीश कुलदीप माथुर एवं पूर्व न्यायाधीशगण, बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के वर्तमान एवं पूर्व सदस्यगण, वरिष्ठ अधिवक्तागण, विभिन्न बार संघो के पदाधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में अधिवक्तागण शामिल हुए.

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