जोधपुर. केंद्र सरकार की नौकरियों में विश्नोई जाति के युवाओं को ओबीसी में आरक्षण को लेकर लोहावट के पूर्व विधायक किशनाराम विश्नोई ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता की. उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर विश्नोई समाज लामबंद हो रहा है. दिल्ली में कई दिनों से प्रदर्शन चल रहा है. हाल ही में समाज के नेता कुलदीप विश्नोई के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर आरक्षण की मांग रखी है. उन्होंने कहा कि इस मांग को लेकर अब महापंचायत बुलाने की तैयारी की गई है. फरवरी के दूसरे सप्ताह में जोधपुर संभाग के विश्नोई समाज की महापंचायत आयोजित की जाएगी. ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के तत्वावधान में यह महापंचायत होगी.
किशनाराम विश्नोई ने कहा कि केंद्र सरकार ने जाटों को आरक्षण दे दिया, जबकि विश्नोई में और जाटों में कोई अंतर नहीं है, लेकिन हमें आरक्षण से वंचित रखा गया है. प्रदेश की पिछली गहलोत सरकार ने इसकी अनुशंषा भी केंद्र को भेजी थी. समाज के लोगों से चर्चा करने के लिए यह महापंचायत आयोजित की जा रही है.
एनसीबीसी ने जाति नहीं माना : किशनाराम विश्नोई ने कहा कि 1999 अटल बिहार वाजपेयी ने जब जाटों को केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल किया गया था, उस समय विश्नोई भी मांग कर रहे थे, लेकिन उन्हें शामिल नहीं किया गया. नेशनल कमीशन ऑफ बैकवर्ड कास्ट ने विश्नोई को जाति नहीं माना. इसके चलते यह लंबित हो गया. 2000 में राजस्थान सरकार ने प्रदेश में विश्नोई जाति को ओबीसी के दायरे में शामिल कर लिया, लेकिन केंद्र में अभी तक नियम परिवर्तन नहीं होने से हम लोग आरक्षण से वंचित हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में सर्वाधिक विश्नोई पश्चिमी जिलों में हैं. फरवरी के दूसरे सप्ताह में होने वाली महापंचायत में हजारों की संख्या में विश्नोई यहां एकत्र होंगे, इनमें जोधपुर के अलावा, नागौर, बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, सांचौर, बीकानेर से लोग आएंगे.