जोधपुर. भाजपा के पूर्व विधायक कैलाश भंसाली का गुरुवार को निधन हो गया. भंसाली की अंतिम यात्रा दोपहर बाद रवाना होगी. कैलाश भंसाली भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में से एक थे. वे भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष भी रहे चुके हैं. भंसाली जोधपुर शहर से 2 बार विधायक बन चुके थे. कैलाश भंसाली के निधन पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित अन्य भाजपा नेताओं ने शोक जताया है.
पार्टी ने जोधपुर शहर से उनको दो बार चुनाव लड़ाया था. 2018 में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. इसके बाद पार्टी ने उनके भतीजे अतुल भंसाली को टिकट दिया. हालांकि, 2018 के चुनाव में अतुल हार गए थे. इस बार भी पार्टी ने अतुल भंसाली को ही टिकट दिया है. पार्टी ने पहली बार उन्हें 2008 में जोधपुर शहर से टिकट दिया, तब कांग्रेस ने जुगल काबरा को यहां से टिकट दिया था. भंसाली ने काबरा को हराकर पहली बार विधानसभा की सदस्यता हासिल की. इसके बाद 2013 के चुनाव में उनके सामने सीएम अशोक गहलोत ने सुपरास भंडारी को खड़ा किया, लेकिन इस बार भी भंसाली ही विजयी हुए. लगातार दो चुनाव जीतने के बाद उन्होंने तीसरी बार चुनाव लड़ने से मना कर दिया था.
पीएम मोदी के कट्टर समर्थक : कैलाश भंसाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े समर्थक थे. पिछले लंबे समय से वे बीमार चल रहे थे. इसके बावजूद पीएम की 'मन की बात' कार्यक्रम को वो बेड पर सुनते थे. उनका कहना था कि नरेंद्र मोदी जैसा नेता कोई और नहीं हो सकता.
छात्र राजनीति से निकले नेता : कैलाश भंसाली संघ परिवार से जुड़े थे. 1961 में वे जोधपुर के एसएमके कॉलेज के छात्रसंघ सचिव बने थे. इसके बाद 1964 में जोधपुर विश्वविद्यालय के महासचिव बने थे. 1977-78 में जनता पार्टी के जिला सचिव बने थे. वे 2005 में भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष भी बने थे.