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मोदी की सभा के बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे हुईं सक्रिय, दावेदारों से लिया फीडबैक, 2013 जैसी सफलता की कवायद - वसुंधरा राजे का जैसलमेर बाडमेर पर फोकस

पीएम मोदी की दौरे के लिए जोधपुर पहुंची पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पश्चिमी राजस्थान में सक्रियता से उनके समर्थकों में उत्साह है तो उनके विरोधियों की नींद उड़ गई है. पढ़िए उनकी सक्रियता की वजह....

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 6, 2023, 5:27 PM IST

Updated : Oct 6, 2023, 5:41 PM IST

जोधपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के लिए जोधपुर आई पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सक्रियता भले ही मोदी की सभा में नजर नहीं आई. लेकिन सभा से पहले और बाद में राजे जिस तरीके से पश्चिमी राजस्थान में सक्रियता दिखाई है. उसके अलग अलग मायने निकाले जा रहे हैं. कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि क्या नेतृत्व ने उन्हें पश्चिमी राजस्थान में पार्टी की स्थिति की टोह लेने का जिम्मा दिया है. यही कारण है कि गुरुवार को पीएम की यात्रा के बाद सभी नेता जोधपुर से निकल गए लेकिन राजे जोधपुर में रुकीं. सभा के बाद बालोतरा गई और देर शाम को वापस लौटी और अजीत भवन में नेताओं के साथ मंत्रणा भी की. इस दौरान एक संघ के बड़े पदाधिकारी से मुलाकात की भी बात सामने आ रही है. नेताओं व दावेदारों से वन टू वन मुलाकात में कमल को आगे बढ़ाने की बात भी कही. पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह दस बजे तक मारवाड़ के नेताओं से मुलाकात कर क्षेत्र की राजनीतिक नब्ज भी टटोली हैं.

जैसलमेर बाड़मेर पर फोकस : राजे तीन दिनों से बाड़मेर जैसलमेर में सक्रिय रही हैं. बताया जा रहा है कि यह दौरे वह अपनी धार्मिक यात्रा के तहत कर रही हैं. लेकिन जानकार कह रहे हैं कि राजे अपने समर्थकों को निराश नहीं देखना चाहती है, उनकी उम्मीदें बनाए रखने के लिए उन्होंने मुलाकातें की हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि गत चुनाव में उनके बाड़मेर, जैसलमेर व जोधपुर के समर्थकों की करारी हार हुई थी. ऐसे में यहां फोकस किया गया है. इन तीन जिलों में भाजपा के पास सिर्फ तीन सीटें ही है. जबकि 2013 में इन जिलों की 17 विधान सभा सीट पर भाजपा का परचम लहराया था. पढ़ें

पढ़ें वसुंधरा का गहलोत सरकार पर पलटवार, कहा- खजाना खाली करके जा रहे हैं, कैसे इनकी योजनाएं आगे चलेंगी ?

रात को हुई अजीत भवन में मुलाकातें : सीएम रहते हुए राजे ने अपने जोधपुर दौरे पर कभी भी सर्किट हाउस में प्रवास नहीं किया. वह उम्मेद भवन या अजीत भवन में ही रूकती रही हैं. बीते पांच साल में परिपाटी बदली और राजे ने सर्किट हाउस का रुख किया था. जहां पर वह कार्यकर्ताओं से मिलती थी. लेकिन गुरुवार को मोदी की सभा के बाद वह बाड़मेर गई थी. रात को वापस लौटी और अजीत भवन में रुकीं. जहां पर उनके खास समर्थक ही मिलने पहुंचे. बताया जा रहा है कि इनमें संघ के एक बडे पदाधिकारी भी थे.

पढ़ें वसुंधरा राजे बोलीं - द्रौपदी को बचाने श्रीकृष्ण आए थे, मेरे लिए आएंगी नारी शक्ति, मैं नहीं छोड़ूंगी राजस्थान

समर्थकों के जुटने की एक वजह यह भी : भाजपा के जानकारों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक भी फिलहाल उत्साहित हैं क्योंकि उम्मीदवारों के चयन को लेकर दिल्ली में हुई चुनाव समिति की बैठक में राजे शामिल हुई थीं. ऐसे में समर्थक एवं दावेदारों को लगता है कि राजे ने जरूर उनका नाम आगे किया होगा. बताया जा रहा है कि उम्मीदवारों की सूची जारी होने से पहले केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी. जिसमें राजे भी शामिल होंगी जहां वो अपने फीड बैक की रिपोर्ट देंगी. समर्थकों को भी यह उम्मीद है कि उनके नामों को आगे बढ़ाया जाएगा.

जोधपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के लिए जोधपुर आई पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सक्रियता भले ही मोदी की सभा में नजर नहीं आई. लेकिन सभा से पहले और बाद में राजे जिस तरीके से पश्चिमी राजस्थान में सक्रियता दिखाई है. उसके अलग अलग मायने निकाले जा रहे हैं. कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि क्या नेतृत्व ने उन्हें पश्चिमी राजस्थान में पार्टी की स्थिति की टोह लेने का जिम्मा दिया है. यही कारण है कि गुरुवार को पीएम की यात्रा के बाद सभी नेता जोधपुर से निकल गए लेकिन राजे जोधपुर में रुकीं. सभा के बाद बालोतरा गई और देर शाम को वापस लौटी और अजीत भवन में नेताओं के साथ मंत्रणा भी की. इस दौरान एक संघ के बड़े पदाधिकारी से मुलाकात की भी बात सामने आ रही है. नेताओं व दावेदारों से वन टू वन मुलाकात में कमल को आगे बढ़ाने की बात भी कही. पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह दस बजे तक मारवाड़ के नेताओं से मुलाकात कर क्षेत्र की राजनीतिक नब्ज भी टटोली हैं.

जैसलमेर बाड़मेर पर फोकस : राजे तीन दिनों से बाड़मेर जैसलमेर में सक्रिय रही हैं. बताया जा रहा है कि यह दौरे वह अपनी धार्मिक यात्रा के तहत कर रही हैं. लेकिन जानकार कह रहे हैं कि राजे अपने समर्थकों को निराश नहीं देखना चाहती है, उनकी उम्मीदें बनाए रखने के लिए उन्होंने मुलाकातें की हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि गत चुनाव में उनके बाड़मेर, जैसलमेर व जोधपुर के समर्थकों की करारी हार हुई थी. ऐसे में यहां फोकस किया गया है. इन तीन जिलों में भाजपा के पास सिर्फ तीन सीटें ही है. जबकि 2013 में इन जिलों की 17 विधान सभा सीट पर भाजपा का परचम लहराया था. पढ़ें

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रात को हुई अजीत भवन में मुलाकातें : सीएम रहते हुए राजे ने अपने जोधपुर दौरे पर कभी भी सर्किट हाउस में प्रवास नहीं किया. वह उम्मेद भवन या अजीत भवन में ही रूकती रही हैं. बीते पांच साल में परिपाटी बदली और राजे ने सर्किट हाउस का रुख किया था. जहां पर वह कार्यकर्ताओं से मिलती थी. लेकिन गुरुवार को मोदी की सभा के बाद वह बाड़मेर गई थी. रात को वापस लौटी और अजीत भवन में रुकीं. जहां पर उनके खास समर्थक ही मिलने पहुंचे. बताया जा रहा है कि इनमें संघ के एक बडे पदाधिकारी भी थे.

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समर्थकों के जुटने की एक वजह यह भी : भाजपा के जानकारों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक भी फिलहाल उत्साहित हैं क्योंकि उम्मीदवारों के चयन को लेकर दिल्ली में हुई चुनाव समिति की बैठक में राजे शामिल हुई थीं. ऐसे में समर्थक एवं दावेदारों को लगता है कि राजे ने जरूर उनका नाम आगे किया होगा. बताया जा रहा है कि उम्मीदवारों की सूची जारी होने से पहले केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी. जिसमें राजे भी शामिल होंगी जहां वो अपने फीड बैक की रिपोर्ट देंगी. समर्थकों को भी यह उम्मीद है कि उनके नामों को आगे बढ़ाया जाएगा.

Last Updated : Oct 6, 2023, 5:41 PM IST

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