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काले हिरणों के लिए वन क्षेत्र आरक्षित, कोर्ट ने समिति को कार्य शुरू करने के दिए निर्देश

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Published : Jan 31, 2023, 9:31 PM IST

जसवंतगढ में 2223 बीघा भूमि फोरेस्ट के लिए आरक्षित करने की जानकारी सरकार की ओर से देने के बाद कोर्ट ने सरकार से निगरानी समिति का गठन नहीं होने पर चिंता जताई है.

Forest land reserved in Tal Chhapar Abhyaran
काले हिरणों के लिए वन क्षेत्र आरक्षित, कोर्ट ने समिति को कार्य शुरू करने के दिए निर्देश

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में तालछापर अभ्यारण्य को लेकर सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश कर बताया गया कि जसवंतगढ में 2223 बीघा भूमि फोरेस्ट के लिए अवर्गीकृत और आरक्षित कर दी गई है. कोर्ट ने सरकार के प्रयास की सराहना की, लेकिन अभी तक निगरानी समिति का गठन नहीं होने पर चिंता जताई.

न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश राजेन्द्र प्रकाश सोनी की खंडपीठ के समक्ष काले हिरणों की आबादी को लेकर स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सरकार की ओर से एएजी सुनील बेनीवाल ने 30 जनवरी, 2023 का एक आदेश पेश किया है. जिसमें बताया कि जसवंतगढ़ के खसरा संख्या 329 एवं 361 में फोरेस्ट को बढ़ाने के लिए 2223 बीघा 11 बिस्वा भूमि आरक्षित की गई है. इस पर कोर्ट ने सराहना की, लेकिन 23 नवम्बर, 2022 के आदेश के बावजूद अभी तक निगरानी समिति का गठन नहीं होने पर चिंता जाहिर की.

पढ़ें: तालछापर अभ्यारण्य को लेकर हाईकोर्ट गंभीर, जनहित याचिका दायर कर जारी किये नोटिस

कोर्ट ने कहा कि चूरू डीसीएफ के प्रस्ताव को मंजूर करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस दलीप सिंह की अध्यक्षता में निगरानी समिति गठित की जाए. समिति में विशेषज्ञ सदस्य आरएन मेहरोत्रा, सूरतसिंह पूनिया, डॉ महावीर प्रसाद, डॉ केसी सोनी और आनंद सिंह गहलोत होंगे. अध्यक्ष एवं सदस्यों के नियम व शर्तें प्रमुख सचिव वन द्वारा अगले 15 दिन में विशेषज्ञों के परामर्श से तय होगी. समिति से अनुरोध किया कि वो अपना कार्य शुरू करे और प्रारम्भिक प्रगति रिपोर्ट दो महीने बाद सुनवाई पर अवलोकन के लिए पेश करे. साथ ही सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को भी सहयोग करने के निर्देश दिए हैं.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में तालछापर अभ्यारण्य को लेकर सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश कर बताया गया कि जसवंतगढ में 2223 बीघा भूमि फोरेस्ट के लिए अवर्गीकृत और आरक्षित कर दी गई है. कोर्ट ने सरकार के प्रयास की सराहना की, लेकिन अभी तक निगरानी समिति का गठन नहीं होने पर चिंता जताई.

न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश राजेन्द्र प्रकाश सोनी की खंडपीठ के समक्ष काले हिरणों की आबादी को लेकर स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सरकार की ओर से एएजी सुनील बेनीवाल ने 30 जनवरी, 2023 का एक आदेश पेश किया है. जिसमें बताया कि जसवंतगढ़ के खसरा संख्या 329 एवं 361 में फोरेस्ट को बढ़ाने के लिए 2223 बीघा 11 बिस्वा भूमि आरक्षित की गई है. इस पर कोर्ट ने सराहना की, लेकिन 23 नवम्बर, 2022 के आदेश के बावजूद अभी तक निगरानी समिति का गठन नहीं होने पर चिंता जाहिर की.

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कोर्ट ने कहा कि चूरू डीसीएफ के प्रस्ताव को मंजूर करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस दलीप सिंह की अध्यक्षता में निगरानी समिति गठित की जाए. समिति में विशेषज्ञ सदस्य आरएन मेहरोत्रा, सूरतसिंह पूनिया, डॉ महावीर प्रसाद, डॉ केसी सोनी और आनंद सिंह गहलोत होंगे. अध्यक्ष एवं सदस्यों के नियम व शर्तें प्रमुख सचिव वन द्वारा अगले 15 दिन में विशेषज्ञों के परामर्श से तय होगी. समिति से अनुरोध किया कि वो अपना कार्य शुरू करे और प्रारम्भिक प्रगति रिपोर्ट दो महीने बाद सुनवाई पर अवलोकन के लिए पेश करे. साथ ही सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को भी सहयोग करने के निर्देश दिए हैं.

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