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जोधपुर के भोपालगढ़ में हाईटेक खेती की शुरुआत...डेढ़ लाख तक की होगी आय, जानें - ETV Bharat news

भोपालगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र के पालड़ी राणावता गांव में एक किसान ने कृषि की नवीन तकनीक को अपनाया है. किसान ने कम जमीन में हाईटेक नर्सरी की शुरुआत की है. इस हाईटेक नर्सरी से किसान न केवल कम जमीन में खेती कर सकता है, बल्कि यह आय का अच्छा स्रोत है.

भोपालगढ़ हाइटेक नर्सरी खेती, Bhopalgarh Hitech Nursery Farming
किसान समूह ने हाइटेक खेती की शुरुआत की
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Published : Jul 5, 2020, 1:22 PM IST

भोपालगढ़ (जोधपुर). आधुनिक खेती में हाईटेक उन्नत कृषि-उद्यानिकी की तकनीकी अपनाने में क्षेत्र के किसानों की रूची बढ़ने लगी है. हॉर्टीकल्चर सुपरवाइजर रफीक अहमद कुरैशी ने कहा कि क्षेत्र के किसान भी आधुनिक खेती और उद्यानिकी तकनीकी को महत्व दे रहे हैं. ग्राम पालड़ी राणावता के किसान समूह के सीताराम सेंगवा ने बताया कि हमने एक किसान समूह बनाया. जिससे नाबार्ड और काजरी से नेटशेड में विभिन्न प्रकार की सुविधाओं के लाभ लिए.

किसान समूह ने की हाईटेक खेती की शुरुआत

वहीं, पौधै तैयार करने की तकनीकी सलाह किसान समूह के आय का स्रोत है. नाबार्ड योजना मे पौधशाला नेटशेड स्ट्रक्चर तैयार हुआ, जिसमें छायादार, फूलदार, फलदार और सब्जियों की पौध तैयार कर रहा हूं. इसमें खेजड़ी, कुमुट, रोहिड़ा, खारीबादाम, सेंजन, अडूसा, बोगनवेलिया, आंवला, अमरूद, बेर, अनार, पपीता, केरून्दा, टमाटर, बेंगन, गोभी, मीर्च और तुरई समेत कई पौधै तैयार किये जा रहे हैं. नेटशेड की लम्बाई 12 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर में है. सीताराम सेंगवा ने बताया कि पिछले साल समूह को पचास हजार और इस साल डेढ़ लाख रुपए की आय प्राप्त होगी.

पढ़ेंः जोधपुर: बाजारों में कोरोना से बचने और बचाने के लिए जारी है जतन, लेकिन ग्राहकों में अभी भी डर

जोधपुर उद्यानिकी और काजरी से समय-समय पर उन्नत तकनीक की जानकारी मिल रही है. सेंगवा ने बताया कि, खेती में विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जाता है. खेती में नवीन संसाधनों को अपनाते हुए हाईटेक खेती मे भागीदारी सुनिश्चित करते हुए आय की भी वृद्धि कर सकते हैं. इस मौके पर उद्यान सहायक कृषि अधिकारी नासिर खिलजी ने हाईटेक खेती की विस्तृत जानकारी साझा करते हुए कहा कि पोलीहाउस, नर्सरी, औषधि खेती और बूंद-बूंद सिचांई पद्धति आज की आवश्यकता है.

भोपालगढ़ (जोधपुर). आधुनिक खेती में हाईटेक उन्नत कृषि-उद्यानिकी की तकनीकी अपनाने में क्षेत्र के किसानों की रूची बढ़ने लगी है. हॉर्टीकल्चर सुपरवाइजर रफीक अहमद कुरैशी ने कहा कि क्षेत्र के किसान भी आधुनिक खेती और उद्यानिकी तकनीकी को महत्व दे रहे हैं. ग्राम पालड़ी राणावता के किसान समूह के सीताराम सेंगवा ने बताया कि हमने एक किसान समूह बनाया. जिससे नाबार्ड और काजरी से नेटशेड में विभिन्न प्रकार की सुविधाओं के लाभ लिए.

किसान समूह ने की हाईटेक खेती की शुरुआत

वहीं, पौधै तैयार करने की तकनीकी सलाह किसान समूह के आय का स्रोत है. नाबार्ड योजना मे पौधशाला नेटशेड स्ट्रक्चर तैयार हुआ, जिसमें छायादार, फूलदार, फलदार और सब्जियों की पौध तैयार कर रहा हूं. इसमें खेजड़ी, कुमुट, रोहिड़ा, खारीबादाम, सेंजन, अडूसा, बोगनवेलिया, आंवला, अमरूद, बेर, अनार, पपीता, केरून्दा, टमाटर, बेंगन, गोभी, मीर्च और तुरई समेत कई पौधै तैयार किये जा रहे हैं. नेटशेड की लम्बाई 12 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर में है. सीताराम सेंगवा ने बताया कि पिछले साल समूह को पचास हजार और इस साल डेढ़ लाख रुपए की आय प्राप्त होगी.

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जोधपुर उद्यानिकी और काजरी से समय-समय पर उन्नत तकनीक की जानकारी मिल रही है. सेंगवा ने बताया कि, खेती में विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जाता है. खेती में नवीन संसाधनों को अपनाते हुए हाईटेक खेती मे भागीदारी सुनिश्चित करते हुए आय की भी वृद्धि कर सकते हैं. इस मौके पर उद्यान सहायक कृषि अधिकारी नासिर खिलजी ने हाईटेक खेती की विस्तृत जानकारी साझा करते हुए कहा कि पोलीहाउस, नर्सरी, औषधि खेती और बूंद-बूंद सिचांई पद्धति आज की आवश्यकता है.

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