जोधपुर. जिस तरह से कैमरे की मदद से यातायात पुलिस ई चालान काटती है उसी तरह से बिना मास्क पहनने वाले लोगों के भी खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. इसके लिए कैमरे को एक सॉफ्टवेयर से जोड़ना होगा. यह सॉफ्टवेयर जोधपुर के छात्र रोहन दुबे ने तैयार किया है जिसमें लाइव और रिकार्डेड वीडियो से बिना मास्क वाले लोगों की पहचान आसानी से की जा सकती है.
इंजीनियरिंग के छात्र रोहन दुबे ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है जो भीड़ के दौरान यह बताएगा की किस आदमी ने मास्क पहना है और किस ने नहीं पहना. मास्क नहीं पहनने वाले शख्स का चेहरा डिटेक्ट किया जा सकेगा. बिट्स हैदराबाद से इंजीनियरिंग कर रहे जोधपुर के एक छात्र रोहन दुबे ने कोरोना से बचने के सबसे अधिक कारगर साबित हो रहे फेस मास्क को डिटेक्ट करने वाला सॉफ्टवेयर विकसित किया है.
यातायात पुलिस ने शहर में कई स्थान पर उच्च गुणवत्ता के कैमरे लगा रखे है. इनके माध्यम से यातायात नियमों को उल्लंघन करने वाले चालकों के ई-चालान काटे जाते है. पुलिस नियंत्रण कक्ष में स्थापित अभय कमांड से इस सॉफ्टवेयर को जोड़ देने पर यह सड़कों पर बगैर मास्क घूम रहे लोगों को चिह्नित करेगा.
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रोहन के पिता कृष्ण गोपाल दुबे जो कि टूरिस्ट डिपार्टमेंट में काम करते हैं उनका कहना है कि यह सॉफ्टवेयर काफी कारगर साबित हो सकता है. इसकी मदद से समारोह, होटल बैंकट हॉल जैसी जगहों पर इस सॉफ्टवेयर से मॉनिटरिंग की जा सकती है और अगर यह सीधे कंट्रोल रूम से जोड़ दिया जाए तो वह सीधे ही पता चल जाएगा कहां कितने लोग बिना मास्क के हैं. रोहन के पिता का कहना है कि अगर सरकार इस सॉफ्टवेयर को विभिन्न चौराहों पर अभय कमांड के सीसीटीवी कैमरे से जुड़कर नवाचार करती है तो अन्य राज्य भी इस सॉफ्टवेयर को काम में लेकर मास्क लगाने संबंधी कानून की पालना करा सकते हैं.