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Child Marriage in Rajasthan : डॉ. कृति ने निरस्त करवाया 50वां बाल विवाह, अब जोधपुर की कंचन हुई 'आजाद' - विवाह का दंश

डॉ. कृति ने राजस्थान में 50वां बाल विवाह निरस्त करवा कर नया कीर्तिमान बनाया है. अब उन्होंने जोधपुर की कंचन को बाल विवाह के बंधन से मुक्त कराया है.

Child Marriage in Rajasthan
जोधपुर की कंचन हुई 'आजाद'
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Published : Aug 12, 2023, 7:13 AM IST

डॉ. कृति ने क्या कहा, सुनिए...

जोधपुर. जोधपुर के सारथी ट्रस्ट की कृति भारती ने 50वां बाल विवाह निरस्त करवा दिया है. शुक्रवार को पचासवें विवाह के निरस्त के आदेश जारी हुए. पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश मुज्जफर चौधरी ने कंचन के 11 साल पहले महज 7 साल की उम्र में हुए बाल विवाह को निरस्त करने के फैसले में न्यायाधीश चौधरी ने समाज को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि बाल विवाह का दंश कई पीढ़ियों तक झेलना पड़ता है. मासूमों पर बाल विवाह के सितम को रोकने में सबको समेकित जिम्मेदारी निभानी होगी. बता दें कि राजस्थान में अब तक 50 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवाकर डॉ. कृति भारती ने अनूठा कीर्तिमान कायम किया है. उन्होंने और भी कई बाल विवाह रुकवाए हैं.

कंचन ने 11 साल झेला बाल विवाह का दंश : जोधपुर जिले की रहने वाली कंचन को बड़ी होने पर ही खुद के बाल विवाह के बारे में पता चला था. वह पढ़ना चाहती थी. इस दौरान ही ससुराल वालों ने कंचन का गौना करवाने के दबाव बना दिया. कंचन का भाई डॉ. कृति भारती से बाल विवाह निरस्त करवाने के लिए मिला. डॉ. कृति भारती की मदद से कंचन के बाल विवाह निरस्त करवाने के लिए जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 में दायर किया गया. कई दिनों तक सुनवाई चली. इधर बाल विवाह निरस्त का वाद दायर करना कुछ पंचों को नागवार गुजरा. जाति पंचों ने कंचन, उसके परिजनों और कुछ सहयोगियों को जाति से बाहर करने का फरमान सुना दिया. वहीं, लाखों का अर्थ दंड भी लगा दिया.

पढ़ें : Child Marriage in Dungarpur : उपला रास्ता गांव में प्रशासन ने रुकवाया बाल विवाह, बैरंग लौटाई बारात

पंचों की काउंसलिंग : कंचन व परिजनों पर जाति पंचों के फैसले को लेकर डॉ. कृति भारती ने कई पंचों की काउंसलिंग की. जिसके बाद कई जाति पंच कंचन के पक्ष में आ गए और कंचन के परिजनों को बिरादरी में वापस शामिल कर दिया. वहीं, कंचन के बाल विवाह निरस्त पर भी सहमति जता दी. इस बीच डॉ. कृति की काउंसलिंग और वर पक्ष के वकील प्रकाश पंवार के सकारात्मक सहयोग से दोनों पक्षों में सहमति बन गई, जिसके बाद विवाह निरस्त हुआ.

डॉ. कृति ने क्या कहा, सुनिए...

जोधपुर. जोधपुर के सारथी ट्रस्ट की कृति भारती ने 50वां बाल विवाह निरस्त करवा दिया है. शुक्रवार को पचासवें विवाह के निरस्त के आदेश जारी हुए. पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश मुज्जफर चौधरी ने कंचन के 11 साल पहले महज 7 साल की उम्र में हुए बाल विवाह को निरस्त करने के फैसले में न्यायाधीश चौधरी ने समाज को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि बाल विवाह का दंश कई पीढ़ियों तक झेलना पड़ता है. मासूमों पर बाल विवाह के सितम को रोकने में सबको समेकित जिम्मेदारी निभानी होगी. बता दें कि राजस्थान में अब तक 50 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवाकर डॉ. कृति भारती ने अनूठा कीर्तिमान कायम किया है. उन्होंने और भी कई बाल विवाह रुकवाए हैं.

कंचन ने 11 साल झेला बाल विवाह का दंश : जोधपुर जिले की रहने वाली कंचन को बड़ी होने पर ही खुद के बाल विवाह के बारे में पता चला था. वह पढ़ना चाहती थी. इस दौरान ही ससुराल वालों ने कंचन का गौना करवाने के दबाव बना दिया. कंचन का भाई डॉ. कृति भारती से बाल विवाह निरस्त करवाने के लिए मिला. डॉ. कृति भारती की मदद से कंचन के बाल विवाह निरस्त करवाने के लिए जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 में दायर किया गया. कई दिनों तक सुनवाई चली. इधर बाल विवाह निरस्त का वाद दायर करना कुछ पंचों को नागवार गुजरा. जाति पंचों ने कंचन, उसके परिजनों और कुछ सहयोगियों को जाति से बाहर करने का फरमान सुना दिया. वहीं, लाखों का अर्थ दंड भी लगा दिया.

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पंचों की काउंसलिंग : कंचन व परिजनों पर जाति पंचों के फैसले को लेकर डॉ. कृति भारती ने कई पंचों की काउंसलिंग की. जिसके बाद कई जाति पंच कंचन के पक्ष में आ गए और कंचन के परिजनों को बिरादरी में वापस शामिल कर दिया. वहीं, कंचन के बाल विवाह निरस्त पर भी सहमति जता दी. इस बीच डॉ. कृति की काउंसलिंग और वर पक्ष के वकील प्रकाश पंवार के सकारात्मक सहयोग से दोनों पक्षों में सहमति बन गई, जिसके बाद विवाह निरस्त हुआ.

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