जोधपुर. अगस्त के दो सप्ताह बीत चुके हैं, लेकिन अभी सरकार ने छात्रसंघ चुनावों की घोषणा नहीं की है. जबकि दूसरी और विश्वविद्यालय में चुनाव का रंग पूरी तरह से चढ़ गया है. जगह-जगह पर दीवारें पोस्टर्स से बदरंग हो चुकी हैं, लेकिन अभी चुनावों की घोषणा नहीं होने से चुनाव में भागीदारी निभाने की तैयारी कर रहे छात्र भी पशोपेश में हैं.
इनका कहना है कि राजनीतिक की पहली सीढ़ी छात्रसंघ चुनाव होते हैं. सरकार को यह चुनाव करवाने चाहिए. छात्रों ने कहा कि हम चुनावों को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री से मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक घोषणा नहीं करना समझ से परे है. इससे खास तौर से ऐसे छात्र नेता परेशान हैं जिनका विश्वविद्यालय में अंमित वर्ष है. अगर चुनाव नहीं हुए, तो उनका मौका हाथ से निकल जाएगा.
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शुरू कर चुके हैं चुनाव प्रचारः जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव को लेकर प्रचार शुरू हो चुका है. हर दिन विश्वविद्यालय के नए परिसर, पुराना परिसर व केएन कॉलेज में छात्र नेताओं का जमघट लग रहा है. छात्र संगठनों के संभावित प्रत्याशी अपने पक्ष में छात्रों को करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. यहां तक प्रवेश प्रक्रिया में भी बाहर से आने वाले छात्रों के काम करवाने के लिए अपनी टीमें लगा रखी हैं. इन छात्र नेताओं का भी यही कहना है कि सरकार को चुनाव की अब जल्द घोषणा कर देनी चाहिए.
जोधपुर में फिर होगा घमासानः गत चुनाव में जेएनवीयू में छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर जोरदार घमासान हुआ था. एबीवीपी व एनएसयूआई ने जाट उम्मीदवार उतारे थे. एसएफआई के उम्मीदवार अरविंद सिंह भाटी ने एनएसयूआई के हरेंद्र चौधरी को 900 मतों से चुनाव हराया था. इस चुनाव को लेकर आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत व कांग्रेस संगठन पार्षद सभी मैदान में उतर आए थे. लेकिन इसके बावजूद एनएसयूआई प्रत्याशी को हारना पड़ा. अगर इस बार चुनाव होते हैं, तो फिर चुनाव में घमासान होगा.
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गत वर्ष हुए दो साल बाद चुनावः कारेना के चलते 2020 व 2021 में छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए थे. 2022 में सरकार ने 2 साल के अंतराल के बाद चुनाव करवाए थे. जिसमें छात्रों ने जबरदस्त उत्साह दिखाया था. इस साल विधानसभा चुनाव भी होने जा रहे हैं. ऐसे में चुनावों को लेकर छात्रों में ज्यादा उत्साह है. यही कारण है कि इस बार भी बडी संख्या में पूरे राज्य में एक माह पहले से ही विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में चुनाव प्रचार शुरू हो गया है.