जोधपुर. राजस्थान विधानसभा ने मार्च 2020 में राजस्थान अधिवक्ता कल्याण कोष अधिनियम (संशोधन) बिल, 2020 को पारित किया था. बार कौंसिल ऑफ राजस्थान ने जल्द ही यह बिल कौंसिल को पुनर्विचार के लिए लौटाने का अनुरोध किया है. इस संबंध में कौंसिल के शिष्टमंडल ने कानून मंत्री से अनुरोध किया है.
बुधवार को बार कौंसिल के सदस्यों के शिष्टमंडल ने चैयरमेन सैयद शाहिद हसन के नेतृत्व में प्रदेश के कानून मंत्री शांतिकुमार धारीवाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. शिष्टमंडल में घनश्याम सिंह राठौड और सुशीलकुमार शर्मा भी मौजूद रहे. ज्ञापन में राजस्थान अधिवक्ता कल्याण कोष अधिनियम (संशोधन) बिल, 2020 को पुनर्विचार के लिए लौटाने का अनुरोध किया गया. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में अधिवक्ताओं के लिए किये गये वादों को भी शीघ्र क्रियान्वित कराने का अनुरोध भी किया गया.
जिसमें अधिवक्ता समुदाय के प्रतिनिधियों से बात करके अधिवक्ताओं को पेंशन,पुस्तकालय,बीमा के लिए नीतियों पर चर्चा कर सकारात्मक निर्णय, अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम बनाना, अधिवक्ता कल्याण कोष में आनुपातिक योगदान, वर्तमान प्रचलित कानूनों की समीक्षा एवं सरलीकरण हेतु आवश्यक कार्य योजना, हाउसिंग बोर्ड एवं विकास प्राधिकरणों की योजनाओं में अधिवक्ताओं के आवास आरक्षण, विभिन्न न्यायिक एवं अर्द्धन्यायिक आयोग तथा विभागों में यथासम्भव अधिवक्ताओं की नियुक्ति सुनिश्चित करना, राजस्थान के न्यायालयों में ढांचागत व्यवस्थाओं को सुधारने जिसमें पक्षकारों के बैठने, जलपान की व्यवस्था हेतु स्थान चिन्हित करना तथा अधिवक्ताओं के बैठने हेतु चैम्बर्स की व्यवस्था करने की बात कही.
पढ़ें - वेब सीरीज 'आश्रम' के निर्माता प्रकाश झा और बॉबी देओल को नोटिस, जानें कारण
साथ ही साथ राजस्थान के अधिवक्ताओं हेतु कोरोना काल में आर्थिक सहायता पैकेज के रूप में 100 करोड रूपए की राशि राज्य सरकार द्वारा अधिवक्ता कल्याण कोष में दिए जाने का अनुरोध भी ज्ञापन में किया गया. शिष्टमंडल द्वारा बुधवार को प्रमुख शासन सचिव, विधि एवं न्याय विभाग, जयपुर से मिलकर उन्हें ज्ञापन देकर अधिवक्ताओं से सम्बंधित सभी मॉंगों को जल्द से जल्द लागू करने की मांग गई. प्रमुख शासन सचिव द्वारा शिष्टमंडल को यह आश्वासन दिया गया कि अधिवक्ताओं से सम्बंधित सभी मुद्दों पर शीघ्र ही एक मीटिंग का आयोजन कर सभी मांगों पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा.