जोधपुर. शहर पुलिस ने 94 हजार की साइबर ठगी के मामले में एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस गिरोह के खिलाफ देशभर में ठगी के 70 मामले दर्ज हैं. आरोपी मेवात क्षेत्र के रहने वाले हैं. एयरपोर्ट थाना पुलिस ने आरोपियों को खाटू श्यामजी से दस्तयाब कर गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि गिरोह का सरगना पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है.
डीसीपी ईस्ट डॉ अमृता दुहन ने बताया कि इनके खिलाफ शिकायतों की लंबी फेहरिस्त है. ठगी की वारदातों का अंजाम देकर, आरोपियों ने आलीशान घर बनवाए हैं और महंगी गाड़ियों में घूमते हैं. ठगी के लिए नार्थ ईस्ट से थोक में सिम मंगवाते हैं. इतना ही नहीं पेटीएम और फोनपे पर केवाईसी अपडेट सिम को महंगे दाम पर खरीदते हैं. इनसे बरामद फोन के तकनीकी विश्लेषण में सामने आया कि 8 माह में 310 सिम का उपयोग कर ठगी की है. आरोपियों ने गांव में जो संपत्ति बनाई है, उससे अंदाज लगाया जा सकता है कि यह राशि करोड़ों में है.
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डीसीपी ने बताया कि एअरपोर्ट थाने में गत माह एक व्यक्ति को परिचित बताकर पेमेंट वॉलेट का लिंक भेज कर ठगी की थी. कुल 94 हजार रुपए खाते से उड़ाए थे. पुलिस की साइबर टीम ने पड़ताल की, तो तार मेवात से जुड़े सामने आए थे. आरोपियों के खाटू श्यामजी में होने की जानकारी मिलने पर पुलिस टीम ने वहां जाकर अलवर के रामगढ़ चामा निवासी अजरूदीन और अलवर के नोगांव के डावरी निवासी मनीष कुमार को पकड़ा है.
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यूट्यूब से सीखा ठगी करना: गिरफ्तार दोनों आरोपी दसवीं व बारहवीं पास हैं. ये सब यूट्यूब व अपने अन्य बदमाशों की सहायता से ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं. इसमें सबसे महत्वूपर्ण महत्वपूर्ण कॉलर होता है. इसके अलावा सिम लाने और उसके बाद कमीशन के आधार पर खातों की व्यवस्था कर ठगी की राशि लेते हैं. ठगी की राशि एटीम कार्ड के मार्फत पेट्रोल पंपों से लेते हैं, जिससे पहचान नहीं हो सके.