जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की स्थायी पीठ जोधपुर में प्रारंभ की जानी जरूरी है. साथ ही जेडीए जोधपुर अधिकरण और अपीलेट ट्रिब्यूनल को तत्काल प्रभाव से स्थापित करें. राज्य सरकार इनकी स्थापना को लेकर कार्रवाई करते हुए आगामी 6 जनवरी को अनुपालना रिपोर्ट पेश करे. न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ में राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नाथू सिंह राठौड़ की ओर से दायर अलग-अलग जनहित याचिका पर सुनवाई (Various tribunal establishment PIL in Court) हुई.
अधिवक्ता अनिल भंडारी ने कहा कि जोधपुर में जयपुर से अधिक प्रकरण होने के बावजूद राज्य उपभोक्ता आयोग की चल पीठ ही कार्यरत है. जबकि जयपुर में तीन स्थायी पीठ कार्यरत हैं. जोधपुर में तत्काल ही स्थायी पीठ गठन किए जाने का आदेश पारित किया जाए. उन्होंने कहा कि जोधपुर में राज्य आयोग में स्टेनोग्राफर का पद ही स्वीकृत नहीं है और मानव संसाधन भी पूर्ण नहीं होने से राज्य उपभोक्ता आयोग के कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
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उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के गत 19 जुलाई के आदेश के क्रियान्वन में राज्य सरकार ने राजस्थान राज्य सिविल सेवा अपीलीय प्राधिकरण की स्थायी पीठ गठित किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी है. लेकिन राज्य सरकार को निर्देश दिया जाए कि संसाधन सुविधा पर्याप्त उपलब्ध कराएं. अधिवक्ता भंडारी ने कहा कि जोधपुर में जेडीए की स्थापना वर्ष 2009 में हो गई और ट्रिब्यूनल स्थापित करने के नियम भी सितम्बर 2017 में बन जाने के बावजूद अभी तक जेडीए ट्रिब्यूनल और अपीलेट ट्रिब्यूनल गठित नहीं किया गया है.
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 16 अधिकरण अधिसूचित किए हुए हैं. तत्काल प्रभाव से ऋण वसूली अधिकरण, राष्ट्रीय कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग और राष्ट्रीय हरित अधिकरण तथा राज्य सरकार द्वारा आदेशित रेरा प्राधिकरण और रेरा अपीलेट ट्रिब्यूनल की पीठ स्थापित करने बाबत दोनों सरकार से क्रियान्वन रिपोर्ट ली जाए. राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता व अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह, अतिरिक्त महाधिवक्ता सुनील बेनीवाल और अतिरिक्त महाधिवक्ता करण सिंह राजपुरोहित तथा भारत सरकार की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल मुकेश राजपुरोहित ने पैरवी की.