बालेसर (जोधपुर). जिले के बालेसर उपखंड क्षेत्र के भालू राजवा गांव में बुधवार को फ्रांस से आए एक जोड़े ने हिन्दू रीति रिवाज से विधिवत मुहूर्त के बाद अग्नि के समक्ष सात फेरे लेकर जीवन साथी बने. इस जोड़े ने बाबा रामदेव जी के मंदिर में पूर्ण राजस्थानी रीति रिवाज से शादी की.
जोधपुर जिले के बालेसर उपखंड क्षेत्र के भालू राजवा गांव में सात समुन्दर पार फ्रांस से आया दूल्हा जां फासुआं और दुल्हन सेसील ने अपनी शादी के लिए इस गांव का चयन किया. हिन्दू रीति रिवाज से हुए विवाह समारोह में दूल्हा जां फासुआं ऊटगाड़ी पर बैठकर बारात के रूप में विवाह स्थलबाबा रामदेव मंदिर पहुंचे और तोरण की रस्म निभाई.
वहीं, बारात में शामिल ग्रामीण युवक नाचते हुए विवाह स्थल पहुंचे. पाणिग्रहण संस्कार में दूल्हे जां फासुआं ने जब सेसील की मांग भरी तो मंदिर परिसर तालियों की गडगड़ाहट से गूंज उठा. पंडित ने जब सात फेरों के साथ सात जन्मों का संकल्प दिलवाया तो ग्रामीण महिलाओं ने पारम्परिक विवाह गीत गाए. महिलाओं के गीत सुनकर दूल्हा और दुल्हन एक दूसरे को देख उत्साहित नजर आए.
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कुलदीप सिंह शेखावत ने बताया कि गांव के सोढ़ों की ढाणी स्थित शिवसिंह सोढ़ा के घर पर दूल्हा और दुल्हन को पारम्परिक रीति-रिवाज के अनुसार तैयार किया गया. दूल्हे को धोती-कुर्ता पहनाया गया. साथ ही जोधपुरी साफे पर मोड़ और तुर्रियां लगाई गई. वहीं दुल्हन भी मारवाड़ी वेशभूषा में सजी-धजी नजर आई. इस शादी को लेकर फ्रैंच जोड़ा पिछले सात दिनों से गांव में है. इस शादी की तैयारी ग्रामीणों ने की है. गांव में विदेशी जोड़े की शादी को देख ग्रामीण भी काफी रोमांचित हुए.