जोधपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव के मैदान में बिछी सियासी बिसात की तस्वीर धीरे-धीरे साफ होने लगी है. राजस्थान की कई विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के बीच मुकाबले तय हो गए हैं. इस कड़ी में मारवाड़ की बात करें तो यहां पर 26 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी आमने-सामने हो गए हैं. वहीं, मारवाड़ के छह जिलों की 33 सीटों में से 7 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस का मुकाबला अभी तय नहीं हुआ है. इन सीटों में से तीन पर भाजपा के प्रत्याशी आने हैं तो सात पर कांग्रेस के प्रत्याशी का ऐलान होना बाकी है.जोधपुर की शेरगढ़ एक मात्र सीट है जिसके लिए दोनों पार्टियों ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं. इसके अलावा कांग्रेस ने सूरसागर, लोहावट, फलौदी, सुमेरपुर, आहोर और गुढामलानी से प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. वहीं, भाजपा ने शेरगढ़ के अलावा बाड़मेर और पचपदरा से कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया है.
मारवाड़ में पूरी 33 सीटों की स्थिति साफ होने पर कई सीटों पर आरएलपी की वजह से यहां मुकाबला त्रिकोणिय हो गया है. इसके अलावा सुमेरपुर में भाजपा के पूर्व विधायक मदन राठौड़ ने बागी होकर ताल ठोकने का ऐलान किया है. पिछले चुनाव में मारवाड़ की 33 में से 14 सीटें भाजपा के पास हैं, जबकि 16 कांग्रेस ने जीती थी. निर्दलीय चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे संयम लोढ़ा और खुशीवर सिंह अब कांग्रेस में हैं, जबकि भोपालगढ़ से आरएलपी के पुखराज गर्ग चुनाव जीते थे.
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आरएलपी ने बनाया त्रिकोणिय संघर्ष: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने बायतू से पूर्व मंत्री हरिश चौधरी के सामने उमेदाराम बेनीवाल को मैदान में उतारा है तो वहीं जोधपुर शहर से डॉ अजय त्रिवेदी को टिकट दिया है. इसके अलावा भोपालगढ़ के मौजूदा विधायक पुखराज गर्ग पर फिर से भरोसा जताया है.
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शेरगढ़ में फंसा हैं पेच: भारतीय जनता पार्टी के लिए बाड़मेर जिला मुख्यालय की सीट पर बड़ा पेच फंसा हुआ है. कांग्रेस ने यहां पर मौजूदा विधायक मेवाराम जैन को फिर टिकट दिया है. बीजेपी की ओर से प्रियंका चौधरी ने टिकट की दावेदारी की है, लेकिन चर्चा है कि प्रियंका का पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक से कनेक्शन की वजह से पार्टी उनसे दूरी बना रही है. बीजेपी बाड़मेर से केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को उतारना चाह रही है, जिन्होंने पहले ही चुनाव लड़ने से इनकार कर रखा है. इसी तरह से शेरगढ़ को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. यहां पूर्व विधायक बाबू सिंह का टिकट वसुंधरा राजे और गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच अटका हुआ है. पचपदरा में भी उम्मीदवार अभी तक फाइनल नहीं हुआ है.
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कांग्रेस में मौजूदा एमएलए के लिए टिकट का संकट: मारवाड़ में कांग्रेस को अभी 7 टिकटों का ऐलान बाकी है. जोधपुर के लोहावट और शेरगढ़ से मौजूदा विधायक पार्टी के होने के बाद भी स्थिति साफ नहीं हो रही है, जबकि फलोदी और सूरसागर में पार्टी चेहरे बदलना चाहती है. सुमेरपुर में बीना काक और करण सिंह उचियारडा के बीच टिकट की रेस लगी हुई है. गुड़ामालानी में पूर्व मंत्री हेमाराम के चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद भी यहां भी सस्पेंस बरकार है. आहोर सीट पर भी कैंडिडेट फाइनल नहीं हो पाया है.