जोधपुर. अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जर्मनी की तर्ज पर बनने वाले देश के पहले रेलवे टेस्ट ट्रैक का निर्माण कार्य राजस्थान के जोधपुर रेल मंडल के नावां सिटी रेलवे स्टेशन के पास प्रारंभ हो गया है. इसके निर्माण से रेलवे के क्षेत्र में इंटरनेशनल स्टेंडर्ड की टेस्टिंग फेसिलिटी उपलब्ध होगी.
जोधपुर रेल मंडल के डीआरएम पंकज कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे में यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के लिए लगातार कोच का रूप बदला जा रहा है. वंदे भारत के कोच भी लगातार विकसित हो रहे हैं. ऐसे में रेल के कोच व अन्य वैगन टेस्टिंग करने के लिए अनुसंधान संगठन रिसर्च एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा देश का पहला रेलवे टेस्ट ट्रैक जोधपुर मंडल के नावां रेलवे स्टेशन के पास गुढा-ठठाणा मीठड़ी के बीच विकसित किया जा रहा है. इस ट्रैक परियोजना के पूरा होने के साथ भारत ऐसा पहला देश होगा, जिसके पास रोलिंग स्टॉक के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों की व्यापक परीक्षण सुविधाएं होंगी. वर्तमान किसी भी तरह के ट्रायल के नियमित रेल सेवाएं प्रभावित होती हैं.
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60 किमी का बन रहा ट्रैक: डीआरएम ने बताया कि उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल में विकसित हो रहा टेस्ट ट्रैक करीब 60 किलोमीटर लंबा होगा. इसका निर्माण कार्य चरणबद्ध तरीके से आरंभ किया गया है. इस कुल 819.90 करोड़ रुपए की लागत आएगी. यह डेडिकेटेड टेस्ट ट्रैक दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार होने की संभावना है.
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दो फेज में निर्माण, 34 ब्रिज बनेंगे: टेस्ट ट्रैक का निर्माण दो फेज में पूरा होगा. जिसमें पहला फेज 25 किलोमीटर का है. इसके मेजर ब्रिज का निर्माण 95 फीसदी पूरा हो गया है. टेस्ट के लिए 34 छोटे ब्रिजों का भी निर्माण हो रहा है. 24 का लगभग कार्य पूरा हो चुका है. टेस्ट ट्रैक पर 8 आरयूबी बन रहे हैं. काम पूरा होने के बाद अमरीका और आस्ट्रेलिया की तर्ज पर 220 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हाई स्पीड, रेगुलर ट्रेनों व गुड्स वैगन इत्यादि का यहां ट्रायल संभव हो सकेगा.