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देश के पहले रेलवे टेस्ट ट्रैक का निर्माण जोधपुर मंडल में शुरू, 60 किमी का बनेगा ट्रैक - Railway test track upto 60 kms

देश के पहले रेलवे टेस्ट ट्रैक का निर्माण जोधपुर मंडल में शुरू, 60 किमी का बनेगा ट्रैक

First Railway test track of India in Jodhpur
देश के पहले रेलवे टेस्ट ट्रैक का निर्माण
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 26, 2023, 10:50 PM IST

देश के पहले रेलवे टेस्ट ट्रैक का निर्माण कार्य शुरू

जोधपुर. अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जर्मनी की तर्ज पर बनने वाले देश के पहले रेलवे टेस्ट ट्रैक का निर्माण कार्य राजस्थान के जोधपुर रेल मंडल के नावां सिटी रेलवे स्टेशन के पास प्रारंभ हो गया है. इसके निर्माण से रेलवे के क्षेत्र में इंटरनेशनल स्टेंडर्ड की टेस्टिंग फेसिलिटी उपलब्ध होगी.

First Railway test track of India
टेस्ट ट्रैक का निर्माण जोधपुर मंडल में शुरू

जोधपुर रेल मंडल के डीआरएम पंकज कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे में यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के लिए लगातार कोच का रूप बदला जा रहा है. वंदे भारत के कोच भी लगातार विकसित हो रहे हैं. ऐसे में रेल के कोच व अन्य वैगन टेस्टिंग करने के लिए अनुसंधान संगठन रिसर्च एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा देश का पहला रेलवे टेस्ट ट्रैक जोधपुर मंडल के नावां रेलवे स्टेशन के पास गुढा-ठठाणा मीठड़ी के बीच विकसित किया जा रहा है. इस ट्रैक परियोजना के पूरा होने के साथ भारत ऐसा पहला देश होगा, जिसके पास रोलिंग स्टॉक के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों की व्यापक परीक्षण सुविधाएं होंगी. वर्तमान किसी भी तरह के ट्रायल के नियमित रेल सेवाएं प्रभावित होती हैं.

First Railway test track of India
डेडिकेटेड टेस्ट ट्रैक

पढ़ें: रेलवे बोर्ड का आदेशः रेलवे रनिंग स्टाफ को नहीं देना पड़ेगा ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट

60 किमी का बन रहा ट्रैक: डीआरएम ने बताया कि उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल में विकसित हो रहा टेस्ट ट्रैक करीब 60 किलोमीटर लंबा होगा. इसका निर्माण कार्य चरणबद्ध तरीके से आरंभ किया गया है. इस कुल 819.90 करोड़ रुपए की लागत आएगी. यह डेडिकेटेड टेस्ट ट्रैक दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार होने की संभावना है.

पढ़ें: चलती ट्रेन में TTE का होगा ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट, पेशाब कांड के बाद रेलवे ने लिया फैसला

दो फेज में निर्माण, 34 ब्रिज बनेंगे: टेस्ट ट्रैक का निर्माण दो फेज में पूरा होगा. जिसमें पहला फेज 25 किलोमीटर का है. इसके मेजर ब्रिज का निर्माण 95 फीसदी पूरा हो गया है. टेस्ट के लिए 34 छोटे ब्रिजों का भी निर्माण हो रहा है. 24 का लगभग कार्य पूरा हो चुका है. टेस्ट ट्रैक पर 8 आरयूबी बन रहे हैं. काम पूरा होने के बाद अमरीका और आस्ट्रेलिया की तर्ज पर 220 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हाई स्पीड, रेगुलर ट्रेनों व गुड्स वैगन इत्यादि का यहां ट्रायल संभव हो सकेगा.

देश के पहले रेलवे टेस्ट ट्रैक का निर्माण कार्य शुरू

जोधपुर. अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जर्मनी की तर्ज पर बनने वाले देश के पहले रेलवे टेस्ट ट्रैक का निर्माण कार्य राजस्थान के जोधपुर रेल मंडल के नावां सिटी रेलवे स्टेशन के पास प्रारंभ हो गया है. इसके निर्माण से रेलवे के क्षेत्र में इंटरनेशनल स्टेंडर्ड की टेस्टिंग फेसिलिटी उपलब्ध होगी.

First Railway test track of India
टेस्ट ट्रैक का निर्माण जोधपुर मंडल में शुरू

जोधपुर रेल मंडल के डीआरएम पंकज कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे में यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के लिए लगातार कोच का रूप बदला जा रहा है. वंदे भारत के कोच भी लगातार विकसित हो रहे हैं. ऐसे में रेल के कोच व अन्य वैगन टेस्टिंग करने के लिए अनुसंधान संगठन रिसर्च एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा देश का पहला रेलवे टेस्ट ट्रैक जोधपुर मंडल के नावां रेलवे स्टेशन के पास गुढा-ठठाणा मीठड़ी के बीच विकसित किया जा रहा है. इस ट्रैक परियोजना के पूरा होने के साथ भारत ऐसा पहला देश होगा, जिसके पास रोलिंग स्टॉक के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों की व्यापक परीक्षण सुविधाएं होंगी. वर्तमान किसी भी तरह के ट्रायल के नियमित रेल सेवाएं प्रभावित होती हैं.

First Railway test track of India
डेडिकेटेड टेस्ट ट्रैक

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60 किमी का बन रहा ट्रैक: डीआरएम ने बताया कि उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल में विकसित हो रहा टेस्ट ट्रैक करीब 60 किलोमीटर लंबा होगा. इसका निर्माण कार्य चरणबद्ध तरीके से आरंभ किया गया है. इस कुल 819.90 करोड़ रुपए की लागत आएगी. यह डेडिकेटेड टेस्ट ट्रैक दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार होने की संभावना है.

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दो फेज में निर्माण, 34 ब्रिज बनेंगे: टेस्ट ट्रैक का निर्माण दो फेज में पूरा होगा. जिसमें पहला फेज 25 किलोमीटर का है. इसके मेजर ब्रिज का निर्माण 95 फीसदी पूरा हो गया है. टेस्ट के लिए 34 छोटे ब्रिजों का भी निर्माण हो रहा है. 24 का लगभग कार्य पूरा हो चुका है. टेस्ट ट्रैक पर 8 आरयूबी बन रहे हैं. काम पूरा होने के बाद अमरीका और आस्ट्रेलिया की तर्ज पर 220 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हाई स्पीड, रेगुलर ट्रेनों व गुड्स वैगन इत्यादि का यहां ट्रायल संभव हो सकेगा.

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