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Jodhpur International Theater Festival : सीएम गहलोत ने किया उद्घाटन, नाटक 'भूमि' का हुआ मंचन - ETV Bharat Rajasthan news

जोधपुर में पांच दिवसीय दिवसीय इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल शुरू (International Theater Festival begins) हुआ. फेस्टिवल का उदघाटन सीएम अशोक गहलोत ने वीसी के जरिए किया.

Jodhpur International Theater Festival
जोधपुर इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल का उद्घाटन
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Published : Mar 18, 2023, 11:00 PM IST

जोधपुर. सीएम अशोक गहलोत ने जोधपुर में शनिवार को पांच दिवसीय इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल का उदघाटन किया. नई दिल्ली के बीकानेर हाउस से वीसी के जरिए जुड़ते हुए गहलोत ने कहा कि नाट्यकला एक जीवन्त चित्रण विद्या है, जो समाज पर गहरी छाप छोड़ती है. नाट्यकला के माध्यम से समाज को प्रेरणा मिलती है तथा इसको प्रोत्साहन देने से समाज में बदलाव का मार्ग प्रशस्त होता है.

उन्होंने कहा कि राज्य की समृद्ध संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन में नाट्यकला की भूमिका महत्वपूर्ण है. इस मौके पर राजस्थान संगीत अकादमी की अध्यक्ष बिनाका जयेश मालू ने मुख्यमंत्री को इस आयोजन को जोधपुर में देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया. वीसी के जरिए संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला भी जुड़े हुए थे. कार्यक्रम राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा भी मौजूद रहे. इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल में रविवार को दो नाटक झिलमिल हज़ारिका की ओर से निर्देशित उज्बेकिस्तान का नाटक- 'टू किल और नॉट टू बी किल' व दूसरा नाटक दुबई का नाटक - 'धी' मंचित होगा.

पढ़ें. Thar Festival begins : शोभायात्रा के साथ महोत्सव का आगाज, BSF का कैमल टैटू शो रहा आकर्षक का केंद्र

पहले दिन ‘भूमि’ नाटक का मंचनः उद्घाटन सत्र के बाद नाट्य प्रस्तुति का दौर शुरू हुआ. इसमें समागम रंगमंडल जबलपुर की ओर से आशीष पाठक की ओर से लिखित एवं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की स्वाति दुबे द्वारा निर्देशित ‘भूमि’ नाटक की प्रस्तुति हुई. नाटक ‘भूमि’ महाभारत के वन पर्व की पृष्ठभूमि पर अर्जुन चित्रांगदा की कथा पर आधारित है. रोचकताओं से भरी नाट्य प्रस्तुति में संदेश दिया गया कि भू-स्वामी बनने की चाह हर मनुष्य में होती है, वो जीवन भर इस प्रयास में रहता है. जब ये चाह लालच में बदल जाती है तब महाभारत भी उसे पूरा नहीं कर पाती. इतने युद्धों से होकर मनुष्य आज भी भूमि के वर्चस्व के लिए लड़ रहा है.

जोधपुर. सीएम अशोक गहलोत ने जोधपुर में शनिवार को पांच दिवसीय इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल का उदघाटन किया. नई दिल्ली के बीकानेर हाउस से वीसी के जरिए जुड़ते हुए गहलोत ने कहा कि नाट्यकला एक जीवन्त चित्रण विद्या है, जो समाज पर गहरी छाप छोड़ती है. नाट्यकला के माध्यम से समाज को प्रेरणा मिलती है तथा इसको प्रोत्साहन देने से समाज में बदलाव का मार्ग प्रशस्त होता है.

उन्होंने कहा कि राज्य की समृद्ध संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन में नाट्यकला की भूमिका महत्वपूर्ण है. इस मौके पर राजस्थान संगीत अकादमी की अध्यक्ष बिनाका जयेश मालू ने मुख्यमंत्री को इस आयोजन को जोधपुर में देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया. वीसी के जरिए संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला भी जुड़े हुए थे. कार्यक्रम राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा भी मौजूद रहे. इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल में रविवार को दो नाटक झिलमिल हज़ारिका की ओर से निर्देशित उज्बेकिस्तान का नाटक- 'टू किल और नॉट टू बी किल' व दूसरा नाटक दुबई का नाटक - 'धी' मंचित होगा.

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पहले दिन ‘भूमि’ नाटक का मंचनः उद्घाटन सत्र के बाद नाट्य प्रस्तुति का दौर शुरू हुआ. इसमें समागम रंगमंडल जबलपुर की ओर से आशीष पाठक की ओर से लिखित एवं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की स्वाति दुबे द्वारा निर्देशित ‘भूमि’ नाटक की प्रस्तुति हुई. नाटक ‘भूमि’ महाभारत के वन पर्व की पृष्ठभूमि पर अर्जुन चित्रांगदा की कथा पर आधारित है. रोचकताओं से भरी नाट्य प्रस्तुति में संदेश दिया गया कि भू-स्वामी बनने की चाह हर मनुष्य में होती है, वो जीवन भर इस प्रयास में रहता है. जब ये चाह लालच में बदल जाती है तब महाभारत भी उसे पूरा नहीं कर पाती. इतने युद्धों से होकर मनुष्य आज भी भूमि के वर्चस्व के लिए लड़ रहा है.

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