जोधपुर. प्रदेश में ओबीसी आरक्षण की विसंगति (Rajasthan OBC Reservation) को लेकर विधायक अब अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर खामोशी साधे हुए हैं. शुक्रवार को जोधपुर आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एयरपोर्ट पर मीडियाकर्मियों से बातचीत की. इस दौरान सीएम ने सूबे की सियासी मुद्दों पर खुलकर अपनी बातें रखी, लेकिन जब उनसे ओबीसी आरक्षण की विसंगति और इसको लेकर जारी युवाओं के आंदोलन के बाबत सवाल किया गया तो वो सवाल को टालते (CM Gehlot silent on OBC reservation) नजर आए. साथ ही उन्होंने कहा कि वो इस मुद्दे पर पहले ही बोल चुके हैं.
इससे पहले सीएम ने करीब पांच मिनट तक मीडियाकर्मियों से बात की. इस दौरान उन्होंने जोधपुर में कराए अपने कार्यों को गिनवाया. साथ ही सीएम ने केंद्रीय मंत्री शेखावत पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि फिनटेक यूनिवर्सिटी के निर्माण में केंद्रीय मंत्री ने कोई सहयोग नहीं किया. वहीं, ओबीसी आरक्षण की विसंगति के निस्तारण के मुद्दे पर उन्होंने एक शब्द नहीं बोला. जबकि प्रदेश के ओबीसी वर्ग के युवा पूर्व की बीजेपी सरकार के इस आरक्षण में की गई विसंगतियों को खत्म करने की मांग कर रहे हैं.
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साथ ही सरकार को ओबीसी के कांग्रेस विधायकों का समर्थन भी मिल रहा है. पूर्व मंत्री हरीश चौधरी (Former minister Harish Chaudhary angry with Gehlot) ने तो बीते 9 नवंबर को हुए कैबिनेट बैठक में इस मुद्द पर कोई निर्णय नहीं लिए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी तो वहीं, ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ने भी इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था.
शेखावत पर साधा निशाना: सीएम गहलोत ने कहा कि पूर्व में वित्त निगम के अध्यक्ष व जोधपुर के दामाद एनके सिंह ने हमारा सहयोग किया था. फिनटेक यूनिवर्सिटी की बात आई तो हमारे सांसद ने कहा कि जोधपुर में खुले तो केंद्र सहयोग करेगा. अब हम जोधपुर में 600 करोड़ खर्च कर बना रहे हैं, लेकिन अब उनकी बोलती बंद हो गई है. हम तो उनसे कह रहे हैं कि एक तिहाई राशि यानी 200 करोड़ रुपये केंद्र से दिला दीजिए. आगे चुनाव की बात पर गहलोत ने कहा कि हिमाचल और गुजरात में सरकार के खिलाफ माहौल है. दोनों ही जगहों पर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना है. ऐसे में वहां पार्टी को फायदा मिलना तय है.