जोधपुर. गुरुवार को राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बालिका गृह का औचक निरीक्षण किया. जहां निरीक्षण के दौरान उन्हें कई अनियमितताएं देखने को मिली. औचक निरीक्षण के दौरान बालिका गृह के अधीक्षक सहित कर्मचारियों के हाथ-पैर फूल गए और आयोग के अध्यक्ष द्वारा पूरे बालिका ग्रह का औचक निरीक्षण करने के बाद राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने जोधपुर बालिका गृह के अधीक्षक सहित तीन केयर टेकर को निलंबित कर दिया.
आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि उन्हें कही से सूचना मिली थी कि बालिका गृह जोधपुर में लड़कियां परेशान हैं. जब वे औचक निरीक्षण पर गईं तो वहां कई अनियमितता देखने को मिली और निरीक्षण के दौरान कुछ लड़कियों ने उन्हें आंखों से इशारा किया और रुकने को कहा. इस पर आयोग के अध्यक्ष द्वारा अधीक्षक और केयरटेकर को कमरे से बाहर भेजा गया और लड़कियों से अकेले में बात की गई.
संगीता बेनीवाल ने बताया कि लड़कियों से अकेले में बात करने पर उन्होंने ऐसी ऐसी बाते बताई की उनके पैरों के नीचे की जमीन खिसक गई. लड़कियों ने बताया कि उनके साथ अधीक्षक अन्य केअर टेकर द्वारा बद से बदतर व्यवहार किया जाता है साथ ही उनके मासिक धर्म आने पर उन्हें सेनेटरी पैड नहीं दिए जाते और उनके साथ गाली-गलौज की जाती है.
आयोग की अध्यक्ष अकेले में बात करने के दौरान बालिका गृह की लड़कियों ने बताया कि अधीक्षक और केयर कर द्वारा 12 से 17 साल की लड़कियों के कपड़े खुलवा कर उन्हें पिंच किया जाता है. साथ ही खाने के नाम पर उन्हें सूखी रोटियां दी जाती है और अगर किसी लड़की को ओर खाने की जरूरत हो तो उन्हें खाना नहीं दिया जाता और उनके साथ मारपीट की जाती है. जिस पर राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने इस मामले की जानकारी तुरंत रूप से राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों को भी और उच्च अधिकारियों के निर्देशन पर जोधपुर बालिका ग्रह की अधीक्षक असमां परिजादा सहित तीन केयरटेकर को तुरंत रूप से निलंबित किया गया.
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आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि लड़कियों से बात करने पर उन्होंने बताया कि इस तरह की जिंदगी से तो अच्छा है कि वे फांसी पर लटक जाए क्योंकि बालिका ग्रह जोधपुर में लड़कियों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता ना ही उनके खाने पीने को लेकर किसी प्रकार की कोई सुविधा है जिसके चलते वह रहने वाली सभी लड़कियां काफी परेशान है। साथ ही बालिकाओं ने बताया कि बालिका गृह में कुछ अनजान लोग आते हैं और अधीक्षक अनजान लोगों को अंदर आने की अनुमति देते हैं. जो कि बालिकाओं को पसंद नहीं है इस बारे में अधीक्षक को कहने के बावजूद भी उसके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई.
आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल का कहना है कि बालिका गृह को लेकर राज्य सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत काफी संवेदनशील है. जिसके चलते तुरंत रूप से कार्रवाई की गई है साथ ही आगे भी आयोग की अध्यक्ष द्वारा पूरे राजस्थान में कहीं पर भी जाकर औचक निरीक्षण किया जाएगा. अगर अनियमित है पाई जाती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.