जोधपुर: जिले में पंचायत समिति चुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में टिकटों को लेकर हुए उलटफेर से नेताओं की नाराजगी सामने आ रही है. ताजा मामला जोधपुर के शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र की पंचायत समितियों का है जहां शेरगढ़ से तीन बार भाजपा के विधायक रहे बाबू सिंह राठौड़ ने कथित तौर पर एक कार्यकर्ता से फोन पर बात करते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के टिकट बंटवारे में हस्तक्षेप को नाकाबिल ए बर्दाश्त बताया है.
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मेरी नहीं चली: बाबू सिंह राठौड़ ने यहां तक कहा कि गजेंद्र सिंह जी चाहते है कि बाबूसिंह खत्म हो जाए तो वह राजपूतों के अकेले लीडर रह जाएंगे. दरअसल, पंचायत समिति चुनाव के साथ आने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति तय की जा रही है. विधायक के दावेदार अपने-अपने कार्यकर्ताओं के नामों पर दांव लगा रहे हैं. इस कड़ी में बाबू सिंह राठौड़ भी सक्रिय हैं. लेकिन उनकी सुनी नहीं जा रही. हुआ यूं कि, एक पंचायत समिति में कांग्रेस की ओर से घोषित उम्मीदवार भगवान सिंह तेना के सामने जो नाम बाबू सिंह राठौड़ ने सुझाया उसे पार्टी ने नकार दिया. राठौड़ के मुताबिक उनका उम्मीदवार मजबूत है और टिकट काटा जाना गलत फैसला है. उन्होंने ऐन वक्त पर टिकट बदले जाने पर हैरानी भी जाहिर की.
कमजोर कैंडिटेट होगा मजबूत: बाबू लाल के मुताबिक इस फैसले से विपक्षी पार्टी कांग्रेस को फायदा होगा और उनके उम्मीदवार भगवान सिंह की जीत आसान होगी. पूर्व विधायक का तर्क है कि ऐसा जानबूझकर किया गया है. क्योंकि भगवान सिंह आगे जाकर बाबू सिंह की खिलाफत करेंगे. उनकी राह में रोड़े डालेंगे. राठौड़ का ये भी कहना है कि शेखावत ने भगवान सिंह की इच्छा के अनुसार भाजपा का उम्मीदवार बदल दिया. जिससे उसे (तेना को) फायदा हो जाए.
अपने लिए पार्टी को हराना चाहते हैं शेखावत: कार्यकर्ता सवाई सिंह से बात करते हुए बाबू सिंह राठौड़ यह भी कहते हैं कि उन्हें विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि भगवान सिंह ने शेखावत से बात कर कहा है कि उसे MLA चुनाव में भाजपा से एलर्जी है. तेना ने प्रस्ताव भी रखा है कि अगर उनकी इच्छा के अनुसार भाजपा अपना उम्मीदवार उतारती है तो वह लोकसभा चुनाव में राजपूत गोगादेव समाज के वोट शेखावत को दिलवा देंगे. यही कारण है कि शेखावत उनका समर्थन कर रहे हैं. ऑडियो में बाबू सिंह कहते है कि- आने वाले विधानसभा चुनाव में शेरगढ़ से कांग्रेस से भगवान सिंह एमएलए टिकिट के दावेदार रहेंगे. अगर वह पंचायत समिति में चुनाव जीत कर प्रधान बनते हैं तो उनकी टिकट की दावेदारी मजबूत होगी.
राठौड़ है वसुंधरा गुट से इसलिए नाराजगी: बाबू सिंह राठौड़ शेरगढ़ विधानसभा से तीन बार भाजपा से चुनाव जीत चुके हैं. शुरुआती दौर में वसुंधरा के विरोधी खेमे में सक्रिय थे, लेकिन गत भाजपा सरकार में बाबू सिंह राठौड़ वसुंधरा खेमे में चले गए और उनकी वसुंधरा से काफी नजदीकियां बढ़ गई. जिसके चलते शेखावत से राठौड़ की दूरियां बढ़ी. यही कारण है कि पिछले विधानसभा चुनाव में बाबू सिंह की हार हुई तो उन्होंने इसको लेकर भी शेखावत पर आरोप लगाए थे. गजेंद्र सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे के बीच की प्रतिस्पर्धा सर्वविदित है.