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बाल विवाह एक अभिशाप है, बाल विवाह को कहें ना - बाल विवाह के खिलाफ जागरूक

जिला एवं सेशन न्यायाधीश जोधपुर महानगर रविन्द्र कुमार जोशी के सान्निध्य में रा.बा.उ.मा. विद्यालय रातानाड़ा में बाल विवाह निषेध अभियान के तहत शिविर का आयोजन किया गया. जिसके तहत लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक किया गया.

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बाल विवाह को लेकर चलाया गया जागरूक अभियान
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Published : Apr 5, 2021, 10:47 PM IST

जोधपुर. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर की ओर से बाल विवाह निषेध अभियान 03.04.2021 से 30.06.2021 तक प्रदेश भर में चलाये जाने के निर्देश दिए गए हैं. रालसा के निर्देशो की पालना में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर महानगर की ओर से सोमवार को रातानाड़ा विद्यालय में शिविर का आयोजन किया गया.

जिला एवं सेशन न्यायाधीश जोधपुर महानगर रविन्द्र कुमार जोशी के सान्निध्य में रा.बा.उ.मा. विद्यालय रातानाड़ा में बाल विवाह निषेध अभियान के तहत शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में श्रीमती रैना शर्मा अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायधीश, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जोधपुर महानगर ने बताया कि बाल विवाह समाज के लिए एक अभिशाप है.

बाल विवाह से ना केवल बच्चों के विकास की गति रूक जाति बल्कि समाज को भी इससे बड़ा नुकसान पहुंचता है. माता-पिता छोटे बच्चों की शादी करके वे अपने बच्चों के भविष्य के साथ खिडवाड़ करते है. बच्चों का शारिरिक व मानसिक विकास रूक जाता है. गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी आदि समस्याओं में वृद्धि होती है, इससे देश के विकास की गति भी अवरूद्ध होती है. छोटी उम्र में शादी करने से बच्चें अपने भविष्य पर ज्यादा फोकस नहीं कर पाते है. जिससे वह समाज में आर्थिक रूप से पिछड़ जाते हैं और जिन्दगीभर परेशानियों से झूंझते रहते है.

पढ़ें- बेसुमार संपत्ति हड़पने के लिए पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति को निपटाया, Lover संग गई जेल

इसके साथ ही हम आए दिन कई ऐसे मामले भी देखते है कि छोटी उम्र में विवाह कर तो दिया जाता है, पर बच्चे बड़े होने पर अपनी पसंद ना पसंद जाहिर कर देते है, इससे कई परिवारों के रिश्तों में दरारे पड़ी है. कई बच्चें मानसिक अवसाद में भी चले जाते है. इसलिए बच्चों को बाल विवाह न करने व अपना कैरियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया व छात्राओं को पढ़ लिखकर अपना नाम रोशन करने अपने माता-पिता और अपने समाज का नाम रोशन करने करने के लिए प्रेरित किया. सचिव श्रीमती रैना शर्मा ने रालसा के निर्देश की पालना में छात्राओं को बाल विवाह न करने व ना होने देने की शपथ भी दिलाई.

जोधपुर. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर की ओर से बाल विवाह निषेध अभियान 03.04.2021 से 30.06.2021 तक प्रदेश भर में चलाये जाने के निर्देश दिए गए हैं. रालसा के निर्देशो की पालना में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर महानगर की ओर से सोमवार को रातानाड़ा विद्यालय में शिविर का आयोजन किया गया.

जिला एवं सेशन न्यायाधीश जोधपुर महानगर रविन्द्र कुमार जोशी के सान्निध्य में रा.बा.उ.मा. विद्यालय रातानाड़ा में बाल विवाह निषेध अभियान के तहत शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में श्रीमती रैना शर्मा अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायधीश, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जोधपुर महानगर ने बताया कि बाल विवाह समाज के लिए एक अभिशाप है.

बाल विवाह से ना केवल बच्चों के विकास की गति रूक जाति बल्कि समाज को भी इससे बड़ा नुकसान पहुंचता है. माता-पिता छोटे बच्चों की शादी करके वे अपने बच्चों के भविष्य के साथ खिडवाड़ करते है. बच्चों का शारिरिक व मानसिक विकास रूक जाता है. गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी आदि समस्याओं में वृद्धि होती है, इससे देश के विकास की गति भी अवरूद्ध होती है. छोटी उम्र में शादी करने से बच्चें अपने भविष्य पर ज्यादा फोकस नहीं कर पाते है. जिससे वह समाज में आर्थिक रूप से पिछड़ जाते हैं और जिन्दगीभर परेशानियों से झूंझते रहते है.

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इसके साथ ही हम आए दिन कई ऐसे मामले भी देखते है कि छोटी उम्र में विवाह कर तो दिया जाता है, पर बच्चे बड़े होने पर अपनी पसंद ना पसंद जाहिर कर देते है, इससे कई परिवारों के रिश्तों में दरारे पड़ी है. कई बच्चें मानसिक अवसाद में भी चले जाते है. इसलिए बच्चों को बाल विवाह न करने व अपना कैरियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया व छात्राओं को पढ़ लिखकर अपना नाम रोशन करने अपने माता-पिता और अपने समाज का नाम रोशन करने करने के लिए प्रेरित किया. सचिव श्रीमती रैना शर्मा ने रालसा के निर्देश की पालना में छात्राओं को बाल विवाह न करने व ना होने देने की शपथ भी दिलाई.

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