ओसियां (जोधपुर). पूरी दुनिया कोराना से निपटने में लगी है, लेकिन प्रदेश में किसान कोराना को भुलकर टिड्डियों से जूझ रहे हैं. अब किसानों को कोराना से ज्यादा टिड्डियों का डर सताने लगा है, उनकी सुबह से शाम तक टिड्डियों के साथ लड़ाई जारी है.
ओसियां विधानसभा क्षेत्र के तिंवरी, मथानियां और आस-पास के गांवों में पिछले एक सप्ताह में चार पांच बार टिड्डियां दस्तक दे चुकी है. ऐसे में किसान टिड्डियों को भगाने के लिए पूरे दिन ढोल, थाली बजाने में व्यस्त रहते हैं. कभी-कभी तो सुबह खेत ही खाली मिलते हैं.
आलम ये है कि पिछले कई दिनों से दर्जनों गांवों में टिड्डियां धावा बोल चुकी हैं. रात में भी क्षेत्र में टिड्डी दल खेतों में पड़ाव डालता है. जिससे इन दिनों खेतों में हजारों हैक्टेयर में बोई हुई बाजरा, मूंगफली, गवार, मोठ, तिल, मूंग, कपास आदि फसलों को टिड्डियां चट कर रही है.
टिड्डियों को किया जा रहा नियंत्रित
क्षेत्र में लगातार हो रहे टिड्डियों के हमले को लेकर एक तरफ जहां किसान चिंतित है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार के निर्देशानुसार कृषि विभाग के अधिकारी ड्रोन और ट्रैक्टरों की मदद से स्प्रे कर टिड्डियों को नियंत्रण करने में जुटे हैं.
लॉकडाउन के दौरान मुख्य फसलों का सीजन नहीं होने से कोई बड़ा नुकसान तो नहीं हुआ है, लेकिन मानसून के आगमन के बाद क्षेत्र के किसानों की ओर से हजारों हेक्टेयर में बाजरा की फसल बोई गई है. जिससे टिड्डियां असिचित क्षेत्र की फसलों के लिए भी खतरा बन गई हैं.
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कृषि सहायक अधिकारी ग्यारसी लाल और निशा चौहान ने बताया कि क्षेत्र से गुजर रहे टिड्डी दल खेतों में हरियाली देखकर फसल पर बैठने लगते है और दो तीन पत्तियों वाला पौधा कुछ ही क्षण में चट कर देते हैं. हाल ही में सरकार की ओर से संसाधन के रूप में ड्रोन की व्यवस्था की गई है, जिससे रासायनिक छिड़काव कर टिड्डियों पर नियंत्रण पाया जा रहा है.