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सात दिन से एम्स में चल रहा आसाराम का उपचार, धूमिल हुई कोर्ट से राहत की उम्मीद

Asaram admitted in Jodhpur AIIMS, सात दिनों से जोधपुर एम्स में भर्ती आसाराम को अब उपचार के लिए कोर्ट से पेरोल या जमानत मिलना संभव नहीं है, क्योंकि उसका यहीं पर इलाज शुरू हो गया है. सीने में दर्द की शिकायत होने पर आसाराम को बीते 9 जनवरी को एम्स में भर्ती कराया गया था.

Asaram admitted in Jodhpur AIIMS
Asaram admitted in Jodhpur AIIMS
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 18, 2024, 2:31 PM IST

जोधपुर. पिछले सात दिनों से जोधपुर एम्स में भर्ती आसाराम को अब उपचार के लिए कोर्ट से पेरोल या जमानत मिलना संभव नहीं है, क्योंकि उसका यहीं पर इलाज शुरू हो गया है. दरअसल, सीने में दर्द की शिकायत होने पर आसाराम को बीते 9 जनवरी को एम्स में भर्ती कराया गया था, जबकि पूर्व में आसाराम ने सिर्फ आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार के लिए हामी भरी थी. हालांकि, एम्स में हुई एंजियोग्राफी में आसराम के हार्ट की दो धमनियों में 90 से 95 फीसदी ब्लॉकेज होने की बात सामने आई. वहीं, इसको लेकर आसाराम के आश्रम की ओर से नियमित रूप से सोशल मीडिया पर हेल्थ बुलेटिन जारी किया जा रहा है, जिसमें बताया गया कि आसाराम के शरीर में खून की कमी है.

हीमोग्लोबिन स्तर घटकर 7 हो गया है, जिसके चलते डॉक्टरों नें एंजियोग्राफी के बाद ब्लॉकेज खोलने के लिए एंजियोप्लास्टी को फिलहाल कुछ समय के लिए टाल दिया है. इसी बीच शरीर में खून की कमी के उपचार के लिए उसकी कोलोनोस्कोपी की गई. साथ ही टुडी ईको भी किया गया. हालांकि, दोनों ही रिपोर्ट नार्मल आई है. वहीं, आसाराम को ब्लड भी चढ़ाया गया. साथ ही डॉक्टरों ने कैप्सूल एंडोस्कोपी भी की. इससे अब साफ हो गया है कि आखिरकार खून की कमी क्यों हो रही है, लेकिन अभी रिपोर्ट आनी बाकी है. एम्स सूत्रों की ओर से बताया कि अभी एक सप्ताह तक आसाराम को इलाज के लिए यहां रखा जा सकता है, क्योंकि अभी एंजियोप्लास्टी होनी बाकी है.

इसे भी पढ़ें - Rajasthan : आसाराम के समर्थकों ने मनाया काला दिवस, साजिश करके जेल में डालने का लगाया आरोप

आयुर्वेदिक उपचार की जिद्द छोड़ी : आसाराम 2013 से जोधपुर जेल में है. मामले की सुनवाई के दौरान तबीयत खराब होने पर उसकी निजी वैद्य नीता को पहले बुलाया गया था. प्राकृतिक जीवन रहने तक आजीवन कारावास की सजा के बाद जब भी उसकी तबीयत खराब होती है तो उसे एम्स में ले जाया जाता है, लेकिन वो एलोपैथी पद्धति से उपचार कराने से लगातार इनकार कर रहा था और उसका कहना था कि वो सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार करवाएगा. इधर, हर बार अस्पताल से सामान्य उपचार के बाद छुट्टी लेकर जेल लौट आता था.

कोर्ट से याचिका खारिज : जनवरी में आसाराम की ओर से महाराष्ट्र के माधव आयुर्वेद अस्पताल में उपचार की अनुमति मांगी थी. इस पर कोर्ट ने पूछा था कि वो अपने खर्च और पुलिस कस्टडी में उपचार करवाने के लिए तैयार है? इस पर उसके अधिवक्ता ने सजा स्थगन का प्रार्थना पत्र लगाया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसके बाद उसके बाहर उपचार की संभावना भी समाप्त हो गई है.

जोधपुर. पिछले सात दिनों से जोधपुर एम्स में भर्ती आसाराम को अब उपचार के लिए कोर्ट से पेरोल या जमानत मिलना संभव नहीं है, क्योंकि उसका यहीं पर इलाज शुरू हो गया है. दरअसल, सीने में दर्द की शिकायत होने पर आसाराम को बीते 9 जनवरी को एम्स में भर्ती कराया गया था, जबकि पूर्व में आसाराम ने सिर्फ आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार के लिए हामी भरी थी. हालांकि, एम्स में हुई एंजियोग्राफी में आसराम के हार्ट की दो धमनियों में 90 से 95 फीसदी ब्लॉकेज होने की बात सामने आई. वहीं, इसको लेकर आसाराम के आश्रम की ओर से नियमित रूप से सोशल मीडिया पर हेल्थ बुलेटिन जारी किया जा रहा है, जिसमें बताया गया कि आसाराम के शरीर में खून की कमी है.

हीमोग्लोबिन स्तर घटकर 7 हो गया है, जिसके चलते डॉक्टरों नें एंजियोग्राफी के बाद ब्लॉकेज खोलने के लिए एंजियोप्लास्टी को फिलहाल कुछ समय के लिए टाल दिया है. इसी बीच शरीर में खून की कमी के उपचार के लिए उसकी कोलोनोस्कोपी की गई. साथ ही टुडी ईको भी किया गया. हालांकि, दोनों ही रिपोर्ट नार्मल आई है. वहीं, आसाराम को ब्लड भी चढ़ाया गया. साथ ही डॉक्टरों ने कैप्सूल एंडोस्कोपी भी की. इससे अब साफ हो गया है कि आखिरकार खून की कमी क्यों हो रही है, लेकिन अभी रिपोर्ट आनी बाकी है. एम्स सूत्रों की ओर से बताया कि अभी एक सप्ताह तक आसाराम को इलाज के लिए यहां रखा जा सकता है, क्योंकि अभी एंजियोप्लास्टी होनी बाकी है.

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आयुर्वेदिक उपचार की जिद्द छोड़ी : आसाराम 2013 से जोधपुर जेल में है. मामले की सुनवाई के दौरान तबीयत खराब होने पर उसकी निजी वैद्य नीता को पहले बुलाया गया था. प्राकृतिक जीवन रहने तक आजीवन कारावास की सजा के बाद जब भी उसकी तबीयत खराब होती है तो उसे एम्स में ले जाया जाता है, लेकिन वो एलोपैथी पद्धति से उपचार कराने से लगातार इनकार कर रहा था और उसका कहना था कि वो सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार करवाएगा. इधर, हर बार अस्पताल से सामान्य उपचार के बाद छुट्टी लेकर जेल लौट आता था.

कोर्ट से याचिका खारिज : जनवरी में आसाराम की ओर से महाराष्ट्र के माधव आयुर्वेद अस्पताल में उपचार की अनुमति मांगी थी. इस पर कोर्ट ने पूछा था कि वो अपने खर्च और पुलिस कस्टडी में उपचार करवाने के लिए तैयार है? इस पर उसके अधिवक्ता ने सजा स्थगन का प्रार्थना पत्र लगाया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसके बाद उसके बाहर उपचार की संभावना भी समाप्त हो गई है.

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