जोधपुर. निजी अस्पतालों की तर्ज पर अब निचले स्तर के सरकारी अस्पताल भी हाइटेक हो रहे हैं. इसके तहत प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जहां कंप्यूटराइज्ड रजिस्ट्रेशन नहीं होता है, वहां के मरीज अब मोबाइल एप के माध्यम से पीएचसी पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. जिसके बाद अस्पताल पहुंचने पर सीधे ओपीडी पर्ची प्राप्त कर परामर्श कर सकेंगे. जिससे रजिस्ट्रेशन में लगने वाला समय बचेगा.
वहीं डॉ. मण्डा ने बताया कि इस एप के जरिए मरीज घर बैठे इंटीग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम से सम्बंधित अस्पताल के चिकित्सकों, ओपीडी, आईपीडी, जांच रिपोर्ट, ब्लड बैंक की स्थिति जानने के साथ ऑनलाइन रेजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने बताया कि अस्पताल में आने वाले मरीज को लेकर आईएचएमएस (इंटीग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम) के कंप्यूटर ऑपरेटर्स सभी जरूरी सूचनाएं कंप्यूटर में एंटर करेंगे. इसके लिए मरीजों से भामाशाह कार्ड, आधार कार्ड और मोबाइल नम्बर के आधार पर एचाईडी नम्बर जनरेट किया जाएगा. जिससे संबंधित मरीज की जानकारी ऑटोमेटिक कंप्यूटर में प्राप्त की जा सके. इसके लिए मरीज के साथ ही अस्पताल प्रबंधन को भी मरीज की जानकारी जुटाने में आसानी रहेगी.
बता दें कि बतौर पायलट प्रोजेक्ट जोधपुर के दो शहरी प्राथमिक केंद्रों नवचौकिया और बीजेडएस डिस्पेंसरी पर यह व्यवस्था लागू की गई है. जिसका ट्रायल हो चुका है और अब नियमित होने जा रही है. इसके बाद मरीज को पर्ची के लिए कतार में नहीं लगना पड़ेगा. रजिस्ट्रेशन के बाद मरीज सीधे पर्ची लेकर किसी भी विशेषज्ञ डॉक्टर्स के पास जाकर आसानी के साथ परामर्श ले सकेगा.
गौरतलब है कि अब तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजो का पंजीयन कंप्यूटराइज्ड नहीं हो रहा था. लेकिन अब सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरूआती तौर पर कुछ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को चिन्हित किया है. जिसमें जोधपुर के बीजेएस और नवचौकिया यूपीएचसी में यह सुविधा प्रारम्भ की जा रही है.
इसके लिए मरीज को गुगल प्ले स्टोर से आईएचएमएस एप डाउनलोड करना पड़ेगा. जिसमें मोबाइल नंबर के आधार पर रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा. इसके बाद चयनित अस्पताल में बिना लाइन में लगे पर्ची लेकर सीधे डॉक्टर्स से परामर्श लिया जा सकता है. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था होने से कतार में लगने वाले मरीजों को काफी हद तक राहत मिलेगी. विभाग की इस अभिनव पहल का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए अस्पतालों में जगह-जगह पर फ्लैश बोर्ड लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं.