ETV Bharat / state

जोधपुर: लूणी में धूमधाम से मनाई गई अनंत चतुर्दशी का पर्व...

जोधपुर के लूणी में संगलवार को अनंत चतुर्दशी का त्योहार पूरे हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया. जिसमें भगवान विष्णु के जागरण के साथ समूचे क्षेत्र में अनेक श्रोताओं ने अनंत भगवान के लिए उपवास रखकर खुशहाली की कामना की.

jodhpur news, rajasthan news, राजस्थान न्यूज, जोधपुर न्यूज
जोधपुर: लूणी में धूमधाम से मनाई गई अनंत चतुर्दशी का पर्व
author img

By

Published : Sep 1, 2020, 5:54 PM IST

लूणी (जोधपुर). जिले के लूणी कस्बे के ग्राम पंचायत डोली में मंगलवार को अनंत चतुर्दशी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. जिसके बाद विष्णु भगवान के जागरण के साथ कई क्षेत्रों के अनेक श्रोताओं ने अनंत भगवान का उपवास रखकर खुशहाली की कामना की.

बता दें कि अनंत चतुर्दशी व्रत हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है. इस त्योहार को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के कई अवतारों का स्मरण किया जाता है. वहीं भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाता है. साथ ही इस दिन भगवान गणेश के विसर्जन का भी दिन होता है.

ज्योतिआचार्य के अनुसार, इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 1 सितंबर को मनाई जाएगी. हिंदी पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष के 14 वें दिन अनंत चतुर्दशी हैं. यह त्योहार उत्सव और भाईचारे की भावना का प्रतीक माना जाता है. इसी दिन अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद बांह पर एक धागा बांधा जाता है.

पढ़ें: जोधपुर: अनंत चतुर्दशी पर नहीं होगा गणपति विसर्जन, पुलिस ने किया रूट मार्च

यह धागा रेशम का होता है और इसमें 14 गाठे होती हैं. पुजारी ने बताया कि, अनंत चतुर्दशी के अवसर पर कथा श्रवण कर घर में सुख शांति वैभव अवस्थी की कामना की जाती हैं. साथ ही व्रत को कोई व्यक्ति लगातार 14 वर्षों तक नियम से करें तो उसे विष्णु लोक की प्राप्ति होती हैं.

अनंत चतुर्दशी का महत्व...

पुरानी कथाओं के अनुसार, अनंत चतुर्दशी के त्योहार की जड़ें महाभारत से जुड़ी हुई हैं. इस दिन को भगवान विष्णु से जुड़े होने के रूप में माना जाता है. स्वामी ने 14 लोकों, अटल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, जन, तक, सत्य, मह का निर्माण किया है.

वहीं इनका पालन करने और उनकी रक्षा करने के लिए व 14 विभिन्न अवतारों के रूप में भगवान विष्णु दुनिया में आए हैं. इन अवतारों ने एक प्रमुख भूमिका निभाई है. इसीलिए अनंत चतुर्दशी के दिन का बहुत महत्व है.

लूणी (जोधपुर). जिले के लूणी कस्बे के ग्राम पंचायत डोली में मंगलवार को अनंत चतुर्दशी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. जिसके बाद विष्णु भगवान के जागरण के साथ कई क्षेत्रों के अनेक श्रोताओं ने अनंत भगवान का उपवास रखकर खुशहाली की कामना की.

बता दें कि अनंत चतुर्दशी व्रत हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है. इस त्योहार को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के कई अवतारों का स्मरण किया जाता है. वहीं भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाता है. साथ ही इस दिन भगवान गणेश के विसर्जन का भी दिन होता है.

ज्योतिआचार्य के अनुसार, इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 1 सितंबर को मनाई जाएगी. हिंदी पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष के 14 वें दिन अनंत चतुर्दशी हैं. यह त्योहार उत्सव और भाईचारे की भावना का प्रतीक माना जाता है. इसी दिन अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद बांह पर एक धागा बांधा जाता है.

पढ़ें: जोधपुर: अनंत चतुर्दशी पर नहीं होगा गणपति विसर्जन, पुलिस ने किया रूट मार्च

यह धागा रेशम का होता है और इसमें 14 गाठे होती हैं. पुजारी ने बताया कि, अनंत चतुर्दशी के अवसर पर कथा श्रवण कर घर में सुख शांति वैभव अवस्थी की कामना की जाती हैं. साथ ही व्रत को कोई व्यक्ति लगातार 14 वर्षों तक नियम से करें तो उसे विष्णु लोक की प्राप्ति होती हैं.

अनंत चतुर्दशी का महत्व...

पुरानी कथाओं के अनुसार, अनंत चतुर्दशी के त्योहार की जड़ें महाभारत से जुड़ी हुई हैं. इस दिन को भगवान विष्णु से जुड़े होने के रूप में माना जाता है. स्वामी ने 14 लोकों, अटल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, जन, तक, सत्य, मह का निर्माण किया है.

वहीं इनका पालन करने और उनकी रक्षा करने के लिए व 14 विभिन्न अवतारों के रूप में भगवान विष्णु दुनिया में आए हैं. इन अवतारों ने एक प्रमुख भूमिका निभाई है. इसीलिए अनंत चतुर्दशी के दिन का बहुत महत्व है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.