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जोधपुर में बोर्ड परीक्षा परिणाम अच्छा नहीं आने पर कार्रवाई, 4 शिक्षकों की रोकी वार्षिक वेतन वृद्धि

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Published : Jul 16, 2020, 4:22 PM IST

जोधपुर के मुख्य शिक्षा अधिकारी ने अब बोर्ड में अच्छे परिणाम नहीं आने पर शिक्षकों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. जिसके तहत 4 शिक्षकों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोक दी गई है.

राजस्थान न्यूज  rajasthan latest news
बोर्ड परीक्षा परिणाम अच्छे नहीं आने पर कार्रवाई

जोधपुर. हाल ही में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा परिणाम जारी किए हैं. वहीं सरकारी विद्यालयों का परीक्षा परिणाम अच्छा नहीं रहने पर जोधपुर के मुख्य शिक्षा अधिकारी ने माध्यमिक विद्यालयों के 818 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस भेजा है. वहीं नोटिस का संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है.

बता दें कि सरकारी विद्यालयों में साल 2017-18 और 2018-19 जिन शिक्षकों के परीक्षा परिणाम निर्धारित मानदंड से कम रहे हैं, उन सभी शिक्षकों को मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद सांखला ने कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा. मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद सांखला ने बताया कि सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा और गुणवत्तापूर्वक शिक्षा मिले, इसको लेकर अभियान चलाया जा रहा है.

बोर्ड परीक्षा परिणाम अच्छे नहीं आने पर कार्रवाई

यह भी पढ़ें. जोधपुर के बिलाड़ा में टिड्डियों का बड़ा हमला, नियंत्रण दल ने किया 'एयर स्ट्राइक'

इस अभियान के तहत एक सूची तैयार की गई है. जिसमें माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं बोर्ड परीक्षा और आठवीं बोर्ड परीक्षा में जोधपुर सहित बाड़मेर और बीकानेर के जिन विद्यालयों के परीक्षा परिणाम मानदंड से कम रहे हैं, उन विद्यालयों के शिक्षकों को नोटिस देकर जवाब मांगा गया.

4 शिक्षकों की 1 साल की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी

मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि नोटिस देने के बाद सभी शिक्षकों का प्रतिउत्तर प्राप्त हुआ. उसका परीक्षण करने के बाद जिन शिक्षकों का कारण संतोषजनक लगा, उन्हें चेतावनी दी गई है. साथ ही आगामी सालों में अच्छे परीक्षा परिणाम देने हेतु पाबंद किया गया. इसके अलावा ऐसे 4 शिक्षक जिनके परीक्षा परिणाम पिछले 3 वर्षों से मानदंडों से न्यूनतम रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी 1 साल की वार्षिक वेतन वृद्धि को रोक कर दंडित किया गया है.

यह भी पढ़ें. बड़ी खबर : स्पीकर के नोटिस के खिलाफ पायलट कैंप ने दायर की HC में याचिका...

प्रेमचंद सांखला ने बताया कि आठवीं बोर्ड की परीक्षा के परिणाम को लेकर विद्यालय के संस्था प्रभारी को नोटिस दिए गए हैं तो वहीं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के शिक्षकों को विषय वार नोटिस दिए गए हैं. सांखला ने बताया कि शिक्षकों को नोटिस देने का मुख्य उद्देश्य है कि सभी शिक्षक अपने दायित्व के प्रति सचेत रहें. साथ ही वे अपने-अपने विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्वक पढ़ाई करवाएं. जिससे की सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर उच्च रहे.

जोधपुर. हाल ही में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा परिणाम जारी किए हैं. वहीं सरकारी विद्यालयों का परीक्षा परिणाम अच्छा नहीं रहने पर जोधपुर के मुख्य शिक्षा अधिकारी ने माध्यमिक विद्यालयों के 818 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस भेजा है. वहीं नोटिस का संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है.

बता दें कि सरकारी विद्यालयों में साल 2017-18 और 2018-19 जिन शिक्षकों के परीक्षा परिणाम निर्धारित मानदंड से कम रहे हैं, उन सभी शिक्षकों को मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद सांखला ने कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा. मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद सांखला ने बताया कि सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा और गुणवत्तापूर्वक शिक्षा मिले, इसको लेकर अभियान चलाया जा रहा है.

बोर्ड परीक्षा परिणाम अच्छे नहीं आने पर कार्रवाई

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इस अभियान के तहत एक सूची तैयार की गई है. जिसमें माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं बोर्ड परीक्षा और आठवीं बोर्ड परीक्षा में जोधपुर सहित बाड़मेर और बीकानेर के जिन विद्यालयों के परीक्षा परिणाम मानदंड से कम रहे हैं, उन विद्यालयों के शिक्षकों को नोटिस देकर जवाब मांगा गया.

4 शिक्षकों की 1 साल की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी

मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि नोटिस देने के बाद सभी शिक्षकों का प्रतिउत्तर प्राप्त हुआ. उसका परीक्षण करने के बाद जिन शिक्षकों का कारण संतोषजनक लगा, उन्हें चेतावनी दी गई है. साथ ही आगामी सालों में अच्छे परीक्षा परिणाम देने हेतु पाबंद किया गया. इसके अलावा ऐसे 4 शिक्षक जिनके परीक्षा परिणाम पिछले 3 वर्षों से मानदंडों से न्यूनतम रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी 1 साल की वार्षिक वेतन वृद्धि को रोक कर दंडित किया गया है.

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प्रेमचंद सांखला ने बताया कि आठवीं बोर्ड की परीक्षा के परिणाम को लेकर विद्यालय के संस्था प्रभारी को नोटिस दिए गए हैं तो वहीं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के शिक्षकों को विषय वार नोटिस दिए गए हैं. सांखला ने बताया कि शिक्षकों को नोटिस देने का मुख्य उद्देश्य है कि सभी शिक्षक अपने दायित्व के प्रति सचेत रहें. साथ ही वे अपने-अपने विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्वक पढ़ाई करवाएं. जिससे की सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर उच्च रहे.

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