जोधपुर. घरों में घुसकर बंदूक की नोक पर लूट करने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है. कमिश्नरेट के जिला पश्चिम के प्रताप नगर थाना पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने 16 दिन पहले शहर के प्रताप नगर थाना क्षेत्र के पॉश इलाके कमला नेहरू नगर के एक घर में घुसकर बंदूक की नोक पर लूट का प्रयास किया था. घर में ज्यादा सदस्य की मौजूदगी के डर से आरोपी फरार हो गए और जाते समय एक मोबाइल छीन कर ले गए थे. इस घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर आरोपियों की तलाश शुरू की. कड़ी मशक्कत के बाद इन आरोपियों को अलग-अलग जगह से पुलिस ने दस्तयाब कर गिरफ्तार किया है.
आधा दर्जन से अधिक अनट्रेस वारदातें : डीसीपी पश्चिम गौरव यादव ने बताया कि ये आरोपी पांच वारदात को अंजाम दे चुके हैं. इनसे विस्तृत पूछताछ की जा रही है. आरोपियों से दो देसी पिस्टल भी बरामद हुई है. मुख्य आरोपी राहुल सियाग ने अपने साथियों के साथ बिलाड़ा क्षेत्र में चेन लूट, फायरिंग करना, कुडी भगतासनी में बैग लूटना, सरदारपुरा एरिया से मोटरसाइकिल चोरी करना और बाड़मेर से सोलर प्लेट चोरी करने के करीब आधा दर्जन से अधिक अनट्रेस वारदातें करना स्वीकार किया है.
500 कैमरे के फुटेज देखे तब हुई पहचान : प्रतापनगर थाना क्षेत्र स्थित कमला नेहरू नगर के सी सेक्टर निवासी भवनेश जांगिड़ के घर 23 अगस्त को 4 युवकों ने सिर पर हेल्मेट और मुह पर मास्क लगाकर घर में घुसकर हथियार की नोक पर बड़ी लूट करने का प्रयास किया था. वापस भागे तो सीसीटीवी कैमरे में इनके हुलिए और पहनावे का पता चला. इसके बाद पुलिस ने अलग अलग टीमें बनाई और 500 सीसीटीवी कैमरे के फुटेज और आसूचना तंत्र के आधार पर विष्णु की ढाणी, कापरडा निवासी राहुल सियाग और बाड़मेर के गडरा निवासी कानाराम मेघवाल की पहचान हुई. इनको दस्तयाब करने के बाद अलग-अलग स्थानों पर दबिश देकर बाकी के आरोपी पकड़े गए.
रेकी कर देते घटना को अंजाम : राहुल सियाग पुत्र श्यामलाल और चूरू के बीदासर से आदित्य शर्मा पुत्र अशोक कुमार शर्मा से दस्तयाब किया गया. कानाराम उर्फ कानजी पुत्र बीजाराम मेघवाल को जोधपुर के तानावाड़ा, अशोक पुत्र बरंसिंगाराम विश्नोई खिलेरी मदेरणा कॉलोनी और सुभाष पुत्र पुनाराम विश्नोई को जालेली फोजदार से पकड़ा गया. पूछताछ में सामने आया कि आरोपी रेकी कर घर पहुंचे थे. कमला नेहरू नगर के घर की भी सुभाष ने रेकी कर शाम का समय चुना था. राहुल सियाग, कानाराम, अशोक, आदित्य लूट के उदेश्य से बैग लेकर घर में घुसे थे, लेकिन घर में ज्यादा लोग होने के चलते वो वारदात को अंजाम नहीं दे पाए. आरोपी सुभाष इनको शरण देता था. उस दिन भी आरोपी उसके घर गए थे. सुभाष के हथियार से ही वारदात को अंजाम देते थे, इसलिए उसे लूट का हिस्सा देते थे.