लोहावट (जोधपुर). चिकित्सकों को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है, इसका ताजा उदाहरण लोहावट स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर देखने को मिला. जहां लोहावट के विष्णु नगर में मिट्टी के टीले के पास बने मांद में 12 साल का किशोर खेल रहा था. जिसके बाद अचानक मांद के ढह जाने से किशोर रेत में दब गया. जिससे किशोर बेहोश हो गया.
अस्पताल पहुंचने के दौरान बच्चे की सांस रुक गई और उसकी धड़कने कम हो गई. बाद में लोहावट सीएचसी प्रभारी एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कमल किशोर विशनोई ने बच्चे को एंडो ट्रेकियल ट्यूब लगाकर सीपीआर दिया. जिससे उसकी सांस वापस शुरू हुई और धड़कन बढ़ने से उसे जीवनदान मिला.
जानकारी के अनुसार विष्णु नगर में रेत के टीले के पास मांद बनाकर कुछ बच्चे खेल रहे थे, उसमें हरीश अचानक मांद के ढहने से रेत में दब गया. दूसरे बच्चों के चिल्लाने पर परिजन वहां पहुंचे और बच्चें को बेहोशी की हालत में लोहावट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाया गया.
अस्पताल पर ले जाने के दौरान बच्चे की सांस बंद हो गई और धड़कन की गति भी कम हो गई. सीएचसी प्रभारी एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कमल किशोर विशनोई ने तत्काल एंडो ट्रेकीयल ट्यूब लगा अम्बुबैग के सहारे सीपीआर दिया. डॉ. विशनोई की सूझबूझ और तत्परता से बच्चे की श्वास पुनः शुरू हो गई और बालक को जीवनदान मिल गया. उसके बाद बालक को जोधपुर रेफर कर दिया गया.