झुंझुनू. पुलवामा हमले के तीन दिन बाद ही आंतकियों से दो-दो हाथ करते हुए शहादत को गले लगाने वाले राजस्थान के वीर जवान श्योराम गुर्जर के आंगन में शुक्रवार रात को किलकारियां गूंज उठी. शहीद की विरांगना ने पुत्र को जन्म दिया हैं. इन किलकारियों ने मानो शहीद के घर गमगीन माहौल में नई ऊर्जा का संचार किया. मानो जैसे देशभक्ति के तराने गूंज उठे.
शहीद श्योराम गुर्जर पुलवामा के पिंगलाना में आंतकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. शहादत के 17 दिन बाद शहीद के आंगन में खुशियों महक उठी. श्योराम गुर्जर इस माहौल का हिस्सा होता तो खुशियों से झूम जाता.
जिस वक्त श्योराम गुर्जर आंतिकयों से भिड़ रहे थे तब उनकी पत्नी गर्भवती थी. पति ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में शहादत हासिल की तो जैसे विरांगना सुनिता पर पहाड़ टूट पड़ा पर उसने खुद को संभालते हुए शुक्रवार रात महिला दिवस के अवसर पर शहीद के आंगन को महका दिया. शहीद के भाई रूपचंद ने बताया कि वीरांगना सुनीता के प्रसव पीड़ा होने पर उसे पहले राजकीय अजीत अस्पताल खेतड़ी लेकर आए. जहां से उसे जयपुर रैफर किया गया.