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शहादत के 17 दिन बाद शहीद श्योराम गुर्जर के आंगन में गूंजी किलकारियां...वीरांगना ने दिया बेटे को जन्म

17 दिन से लगातार गमगीन वातावरण में रहने वाली शहीद श्योराम की पत्नी ने शुक्रवार रात को बेटे को जन्म दिया. पुलवामा हमले के तीन दिन बाद ही आंतकियों से दो-दो हाथ करते हुए शहादत को गले लगाने वाले राजस्थान के वीर जवान श्योराम गुर्जर के आंगन में शुक्रवार रात को किलकारियां गूंज उठी

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Published : Mar 9, 2019, 11:01 AM IST

Updated : Mar 9, 2019, 11:11 AM IST

शहीद श्योराम गुर्जर के आंगन में गूंजी किलकारियां


झुंझुनू. पुलवामा हमले के तीन दिन बाद ही आंतकियों से दो-दो हाथ करते हुए शहादत को गले लगाने वाले राजस्थान के वीर जवान श्योराम गुर्जर के आंगन में शुक्रवार रात को किलकारियां गूंज उठी. शहीद की विरांगना ने पुत्र को जन्म दिया हैं. इन किलकारियों ने मानो शहीद के घर गमगीन माहौल में नई ऊर्जा का संचार किया. मानो जैसे देशभक्ति के तराने गूंज उठे.

शहीद श्योराम गुर्जर पुलवामा के पिंगलाना में आंतकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. शहादत के 17 दिन बाद शहीद के आंगन में खुशियों महक उठी. श्योराम गुर्जर इस माहौल का हिस्सा होता तो खुशियों से झूम जाता.

जिस वक्त श्योराम गुर्जर आंतिकयों से भिड़ रहे थे तब उनकी पत्नी गर्भवती थी. पति ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में शहादत हासिल की तो जैसे विरांगना सुनिता पर पहाड़ टूट पड़ा पर उसने खुद को संभालते हुए शुक्रवार रात महिला दिवस के अवसर पर शहीद के आंगन को महका दिया. शहीद के भाई रूपचंद ने बताया कि वीरांगना सुनीता के प्रसव पीड़ा होने पर उसे पहले राजकीय अजीत अस्पताल खेतड़ी लेकर आए. जहां से उसे जयपुर रैफर किया गया.


झुंझुनू. पुलवामा हमले के तीन दिन बाद ही आंतकियों से दो-दो हाथ करते हुए शहादत को गले लगाने वाले राजस्थान के वीर जवान श्योराम गुर्जर के आंगन में शुक्रवार रात को किलकारियां गूंज उठी. शहीद की विरांगना ने पुत्र को जन्म दिया हैं. इन किलकारियों ने मानो शहीद के घर गमगीन माहौल में नई ऊर्जा का संचार किया. मानो जैसे देशभक्ति के तराने गूंज उठे.

शहीद श्योराम गुर्जर पुलवामा के पिंगलाना में आंतकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. शहादत के 17 दिन बाद शहीद के आंगन में खुशियों महक उठी. श्योराम गुर्जर इस माहौल का हिस्सा होता तो खुशियों से झूम जाता.

जिस वक्त श्योराम गुर्जर आंतिकयों से भिड़ रहे थे तब उनकी पत्नी गर्भवती थी. पति ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में शहादत हासिल की तो जैसे विरांगना सुनिता पर पहाड़ टूट पड़ा पर उसने खुद को संभालते हुए शुक्रवार रात महिला दिवस के अवसर पर शहीद के आंगन को महका दिया. शहीद के भाई रूपचंद ने बताया कि वीरांगना सुनीता के प्रसव पीड़ा होने पर उसे पहले राजकीय अजीत अस्पताल खेतड़ी लेकर आए. जहां से उसे जयपुर रैफर किया गया.


 झुन्झुनू। 
खेतड़ी के शहीद शयोराम गुर्जर के घर वीरांगना सुनीता देवी ने बेटे को जन्म दिया है। शहीद की शहादत के बाद पूरा परिवार गमगीन माहोल में जीवन व्यतीत कर रहा था ,  इस दौरान वीरांगना अपनी प्रसव पीड़ा से भी जुझ रही थी। डॉ. की रिपोर्ट के मुताबिक वीरांगना के प्रसव की तारीख 15 मार्च के आसपास थी लेकिन शुक्रवार दोपहर बाद वीरांगना को प्रसव पीड़ा होने लगी थी । वीरांगना सुनीता देवी को 108 एंबुलेंस से खेतड़ी के राजकीय  अस्पताल में लाया गया,  लेकिन वीरांगना का इलाज पहले से ही जयपुर चांदपोल जनाना अस्पताल से चल रहा था। इसलिए उसे जयपुर रैफर  किया गया। जयपुर के जनाना अस्पताल में वीरांगना को रात्रि 9:30 बजे प्रसव पीड़ा होने पर ऑपरेशन से पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। जच्चा-बच्चा  दोनों स्वस्थ हैं। जल्द ही छुट्टी मिलने के बाद अपने पैतृक गांव डिब्बा लोटेगें।




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Last Updated : Mar 9, 2019, 11:11 AM IST
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