खेतड़ी (झुंझुनू). जिले के खेतड़ी उपखंड की ढाणी गुजराला तन त्योन्दा सैनिकों का गांव है, लेकिन इसके बाद भी भय के माहौल में जीने को स्थानीय ग्रामीण मजबूर हैं. कारण है ढाणी के पास में खनन माफियाओं की ओर से की जाने वाली ब्लास्टिंग. अवैध खनन करते हुए की जा रही ब्लास्टिंग के कारण ढाणी के कई घरों में दरारें आ गई हैं. ग्रामीणों ने इस संबंध में प्रशासन और खान विभाग को शिकायत कर चुके, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस पर ग्रामीणों ने शनिवार को प्रदर्शन किया.
इस ढाणी में करीब 50 घर हैं. जिनमें से करीब 25 सैनिक देश की सरहद पर तैनात हैं. लेकिन खनन माफियाओं के आगे ये पूरी ढाणी असहाय बनी हुई है. अवैध खनन के लिए आए दिन होने वाली ब्लास्टिंग से परेशान ग्रमीणों ने शनिवार को खनन माफियाओं के खिलाफ प्रदर्शन किया. साथ ही चेतावनी दी है कि 7 दिन में ब्लास्टिंग व अवैध खनन को प्रशासन रोके नहीं तो सभी ग्रामीण धरने पर बैठ जाएंगे.
ग्रामीणों ने बताई खनन से परेशानीः ग्रामीण अमर सिंह ने बताया पिछले 2 साल से भारी ब्लास्टिंग व अवैध खनन हो रहा है. ब्लास्टिंग दिन और रात में की जा रही है. जिससे घरों में दरारें आ गई हैं. अब स्थिति यह हो गई है कि खनन के आसपास की गोचर भूमि व मंदिर की जमीन भी खनन माफियाओं की ओर से कब्जे में लेकर खनन प्रारंभ कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सैकड़ों साल पुराने रास्तों को भी बंद कर दिया गया है जिससे मंदिर में आने जाने का रास्ता भी बंद हो गया है. सरपंच प्रतिनिधि मनीष शर्मा ने बताया कि सब जगह शिकायत करके हार चुके. लेकिन इन माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.
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माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ढाणी के आस-पास हो रहे अवैध खनन व ब्लास्टिंग की खेतङी उपखंड अधिकारी से लेकर कलेक्टर तथा खान विभाग के अधिकारियों तक शिकायत कर चुके. लेकिन अधिकारी महज सिर्फ खानापूर्ति करके चले जाते हैं. इन खनन माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती. ग्रामीण संदीप सिंह ने बताया पटवारी ने अवैध खनन होने की बात प्रशासन को लिखा था. लेकिन राजनीतिक रसूख के कारण खनन माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी.
शिकायत करने पर मुकदमों का दिखाते हैं भय
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि भारी ब्लास्टिंग से घरों में दरारें आने लगी हैं जिसको लेकर प्रशासन से शिकायत करने पर खनन माफिया ने डराना-धमकाना शुरू कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया है कि दो-चार लोगों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज करा दिए. ग्रामीणों ने कहा कि अवैध खनन और ब्लास्टिंग के कारण ग्रामीण महिला अपने खेतों में भी जाने से डर रही है. ब्लास्टिंग के धमाके से पशु भी भयभीत रहते हैं.