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राजस्थान पुलिस के प्रथम शहीद कांस्टेबल चन्द्रभान को दी श्रद्धांजलि

राजस्थान पुलिस के प्रथम शहीद कांस्टेबल चंद्रभान की दसवीं पुण्यतिथि मंगलवार को श्रद्धा से मनाई गई. बता दें कि सूरजगढ़ थाने के पास शहीद कांस्टेबल चंद्रभान स्मारक पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस दौरान स्थानीय लोगों के साथ पुलिस कर्मियों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया.

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Published : Jun 9, 2020, 4:49 PM IST

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प्रथम शहीद कांस्टेबल चंद्रभान की दसवीं पुण्यतिथि श्रद्धा से मनाई गई

सूरजगढ़ (झुंझुनू). जिले के वीरों की गाथा यहां के लोक गीतों में सुनाई देती है. अपनी बहादुरी का लोहा मनवाले वाले सैकड़ों जवानों की वीर गाथा यहां के कण-कण में बसी है. इन्ही वीरों में एक राजस्थान पुलिस कांस्टेबल चन्द्रभान का नाम भी आता है. जिन्होंने डकैतों से निहत्थे ही जूझते हुए बहादूरी का परिचय दिया और अपने प्राणों का बलिदान देकर वर्दी का फर्ज निभाया था. बता दें कि आज मंगलवार को उसी वीर जवान शहीद कांस्टेबल चंद्रभान की दसवीं पुण्यतिथि श्रद्धा पूर्वक मनाई गई.

प्रथम शहीद कांस्टेबल चंद्रभान की दसवीं पुण्यतिथि

सूरजगढ़ थाना परिसर के पास शहीद चंद्रभान स्मारक पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन हुआ. श्रद्धांजलि कार्य्रकम में पूर्व चेयरमैन सुरेश शर्मा के नेतृत्व में स्थानीय लोगों के साथ, एएसआई नरेश कुमार, एएसआई ईश्वरसिंह और अन्य पुलिसकर्मियों ने शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किये.

बात दें कि घटना 9 जून 2010 की है. जब सूरजगढ़ थाना पुलिस को सूचना मिली की बलौदा गांव की बड़ौदा बैंक में चार हथियार बंद लुटेरे बैंक को लूट कर फरार हो रहे हैं. सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस हरकत में आई और क्षेत्र की नाकाबंदी करवा दी. इस बीच सूरजगढ़ थाने के कांस्टेबल चन्द्रभान किसी मामले की तामील के लिये काजला गांव की ओर गए हुऐ थे. थाने से मिली सूचना के बाद कांस्टेबल चंन्द्रभान ने काजला गांव के कच्चे रास्ते पर पत्थरों के सहारे रास्ता जाम कर दिया. इस बीच गांव के ही कुछ युवा भी मौके पर पहुंच गए.

वहीं, उन्हें लुटेरों की गाड़ी आती दिखाई दी. इसके बाद कांस्टेबल रास्ते पर मोटरसाइकिल खड़ी कर लुटेरों का रास्ता रोक कर खड़े हो गए. जिसके बाद हथियार बंद लुटेरों ने फरार होने की कोशिश की. जिस पर कांस्टेबल की ओर से लुटेरों की रोकने की कोशिश की गई तो एक लुटेरे ने पिछे से चन्द्रभान के सिर में गोली दाग दी. इसी बीच आसपास के थानों की पूलिस मौके पर पहुंच गई. जिसके बाद काफी देर तक फायरिंग चली. जिसमें एक लुटेरे की मौके पर मौत हो गई और बाकि तीन गोली लगने से घायल हो गया. वहीं, जब घायल चंद्रभान को चिड़ावा अस्पताल लाया गया तो डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

यह भी पढ़ें. जयपुर के चारदीवारी क्षेत्र में कोरोना विस्फोट, एक ही परिवार के 26 लोग मिले कोरोना पॉजिटिव

इसके बाद जिले की पुलिस ने राज्य सरकार से चंद्रभान को शहीद का दर्जा देने की मांग की. जिसके बाद 2012 में सूरजगढ़ थाने के पास शहीद कांस्टेबल चंद्रभान की मूर्ती अनावरण के दौरान तात्कालिक डीजीपी हरीश मीणा ने उन्हें शहीद का दर्जा देने की घोषणा की. साथ ही उन्हें राजस्थान पुलिस के प्रथम शहीद होने का दर्जा प्रदान किया.

सूरजगढ़ (झुंझुनू). जिले के वीरों की गाथा यहां के लोक गीतों में सुनाई देती है. अपनी बहादुरी का लोहा मनवाले वाले सैकड़ों जवानों की वीर गाथा यहां के कण-कण में बसी है. इन्ही वीरों में एक राजस्थान पुलिस कांस्टेबल चन्द्रभान का नाम भी आता है. जिन्होंने डकैतों से निहत्थे ही जूझते हुए बहादूरी का परिचय दिया और अपने प्राणों का बलिदान देकर वर्दी का फर्ज निभाया था. बता दें कि आज मंगलवार को उसी वीर जवान शहीद कांस्टेबल चंद्रभान की दसवीं पुण्यतिथि श्रद्धा पूर्वक मनाई गई.

प्रथम शहीद कांस्टेबल चंद्रभान की दसवीं पुण्यतिथि

सूरजगढ़ थाना परिसर के पास शहीद चंद्रभान स्मारक पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन हुआ. श्रद्धांजलि कार्य्रकम में पूर्व चेयरमैन सुरेश शर्मा के नेतृत्व में स्थानीय लोगों के साथ, एएसआई नरेश कुमार, एएसआई ईश्वरसिंह और अन्य पुलिसकर्मियों ने शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किये.

बात दें कि घटना 9 जून 2010 की है. जब सूरजगढ़ थाना पुलिस को सूचना मिली की बलौदा गांव की बड़ौदा बैंक में चार हथियार बंद लुटेरे बैंक को लूट कर फरार हो रहे हैं. सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस हरकत में आई और क्षेत्र की नाकाबंदी करवा दी. इस बीच सूरजगढ़ थाने के कांस्टेबल चन्द्रभान किसी मामले की तामील के लिये काजला गांव की ओर गए हुऐ थे. थाने से मिली सूचना के बाद कांस्टेबल चंन्द्रभान ने काजला गांव के कच्चे रास्ते पर पत्थरों के सहारे रास्ता जाम कर दिया. इस बीच गांव के ही कुछ युवा भी मौके पर पहुंच गए.

वहीं, उन्हें लुटेरों की गाड़ी आती दिखाई दी. इसके बाद कांस्टेबल रास्ते पर मोटरसाइकिल खड़ी कर लुटेरों का रास्ता रोक कर खड़े हो गए. जिसके बाद हथियार बंद लुटेरों ने फरार होने की कोशिश की. जिस पर कांस्टेबल की ओर से लुटेरों की रोकने की कोशिश की गई तो एक लुटेरे ने पिछे से चन्द्रभान के सिर में गोली दाग दी. इसी बीच आसपास के थानों की पूलिस मौके पर पहुंच गई. जिसके बाद काफी देर तक फायरिंग चली. जिसमें एक लुटेरे की मौके पर मौत हो गई और बाकि तीन गोली लगने से घायल हो गया. वहीं, जब घायल चंद्रभान को चिड़ावा अस्पताल लाया गया तो डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

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इसके बाद जिले की पुलिस ने राज्य सरकार से चंद्रभान को शहीद का दर्जा देने की मांग की. जिसके बाद 2012 में सूरजगढ़ थाने के पास शहीद कांस्टेबल चंद्रभान की मूर्ती अनावरण के दौरान तात्कालिक डीजीपी हरीश मीणा ने उन्हें शहीद का दर्जा देने की घोषणा की. साथ ही उन्हें राजस्थान पुलिस के प्रथम शहीद होने का दर्जा प्रदान किया.

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