सूरजगढ़ (झुंझुनू). पांच दिन पहले श्यालू कलां में एक साथ 89 ग्रामीण पॉजिटिव आए थे. जिसके बाद गांव को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया. अब ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन उनसे सौतेला व्यवहार कर रही है. ग्रामीणों का कहना है कि दूध और सब्जी वो नहीं खरीद पा रहे हैं.
झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ ब्लॉक के स्यालू कलां गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की बेरुखी और उदासीनता के कारण पांच दिन से वे दूध और सब्जी के लिए तरस रहे हैं. कंटनमेंट जोन श्यालू कलां गांव में घरों में कैद ग्रामीण मूलभूत आवश्यकताओं को तरस गए है. आपको बता दे की श्यालू कलां गांव में 15 मई को एक साथ 89 ग्रामीण कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. गांव में एक साथ इतने पॉजिटिव मिलने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया था.
जिला कलेक्टर से लेकर स्थानिय प्रशासन ने गांव का दौरा कर ग्रामीणों को ग्रामीणों को सरकार की ओर से पूरे सहयोग और मदद का आश्वासन दिया. प्रशासन के दावों की हकीकत की पोल अगले दिन ही खुलती नजर आई. जब कोरोना संक्रमित मरीजों के घर उनके छोटे-छोटे बच्चे घरों में दूध को तरसने लगे. प्रशासन ने गांव को कन्टेनमेंट जोन बना तो दिया लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी मूलभूत आवश्यक वस्तुओं को घर पहुंचाने के कोई ठोस प्रबंध नहीं किए.
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ग्रामीणों ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उनके साथ सौतेला व्यवहार किए जाने का आरोप लगाए हैं. वहीं चिकित्सा विभाग पर भी ग्रामीणों ने सैंपलिंग करने में भी लापरवाही के आरोप लगाए हैं. दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारी अपने ऊपर लगे आरोपों से पल्ला झाड़ते हुए सुविधाएं देने के दावे कर रहे हैं.