झुंझुनूं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से वित्त साल 2021-22 का बजट पेश किया गया. जिसमें उन्होंने कई बड़े ऐलान के साथ नई योजनाओं की घोषणाएं भी की है. इसी को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों, चार्टस एकाउंटेंट और शिक्षाविदों ने अपने-अपने हिसाब से वित्त मंत्री के बजट को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की है.
बजट आपदा में अवसर की तरह बनाए जाने का प्रयास
श्री श्याम आर्शीवाद सेवा संस्थान के ट्रस्टी डॉ. डीएन तुलस्यान ने केंद्रीय वित्त मंत्री की ओर से प्रस्तुत बजट को आपदा में अवसर की तरह बनाए जाने का प्रयास बताया. उन्होंने बताया कि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव तो नहीं हुआ, लेकिन 75 साल से अधिक के बुजुर्गों को वित्त मंत्री ने बड़ी राहत देते हुए ऐसे सीनियर सिटीजन, जो केवल पेंशन और जमा से ब्याज पाते हैं उन्हें टैक्स से राहत दी है. साथ ही वित्त मंत्री ने जल जीवन मिशन शहरी लॉन्च कर इसके तहत 2.86 करोड़ घरों को नल कनेक्शन दिए जाने, सप्लीमेंट्री पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान का विलय, मिशन पोषण 2.0 की शुरूआत करने, हेल्थ सेक्टर पर निवेश को बढ़ाया जाने के साथ ही पीएम आत्मनिर्भर, स्वस्थ भारत योजना शुरू की है.
साथ ही सात हजार ग्रामीण और 11 हजार अर्बन हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स को सपोर्ट करने का निर्णय लिया है. जिससे स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की क्षमता का विकास होगा, नई बीमारियों का पता लगाने और ठीक करने के लिए संस्थानों का भी विकास होगा. साथ ही 17 नए पब्लिक हैल्थ यूनिट शुरू होंगे और देश में 75 हजार नए हैल्थ सेंटर बनाए जाने के साथ ही 602 ब्लॉक में क्रिटिकल केयर अस्पताल बनेंगे.
50 हजार बच्चों की मुत्यु को टालने का होगा प्रयास
ट्रस्टी डॉ. डीएन तुलस्यान ने बताया कि बजट में घोषण की गई है कि अभी तक पांच राज्यों तक सीमित न्यूमोकॉकल वैक्सीन की सुविधा अब पूरे देश में होगी, इससे सालाना 50 हजार बच्चों की मृत्यु को टाला जा सकेगा. इस प्रकार बजट में जनता के स्वास्थ्य पर के प्रति विशेष ध्यान रखा गया है. साथ ही इस बजट में बिजली को लेकर बड़ा ऐलान किया गया है. ग्राहक बिजली कंपनी खुद चुन सकेगा, कॉरपोरेट बॉन्ड मार्केट के लिए परमानेंट इंस्टीट्यूशन फ्रेमवर्क बनेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार बजट 6 स्तंभों पर टिका है, पहला स्तंभ स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना, तीसरा आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना, 5वां नवाचार, अनुसंधान और विकास, 6वां न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन को बेहतर बनाने के प्रयास किए गए हैं. साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिक्षा के लिए 15 हजार से अधिक स्कूलों में गुणवत्ता में सुधार किए जाने को कहा, अनुसूचित जाति के लिए स्कॉलरशिप स्कीम 35,219 करोड़ का आवंटन, इसमें 4 करोड़ शेड्यूल कॉस्ट स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा और साथ ही बजट में उच्च शिक्षा के लिए कमीशन बनाए जाने का प्रस्ताव शामिल है.
बजट के दिल में गांव, किसान: आत्मनिर्भर भारत मिशन को मिलेगी मजबूती
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से लोकसभा में पेश बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा जिला उपाध्यक्ष इंजी. प्यारेलाल ढूकिया ने कहा कि ये बजट नए भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला बजट है. बजट देश के इफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव लाएगा. साथ ही युवाओं को कई मौके देने का काम करेगा. भाजपा नेता ढूकिया ने कहा कि इस बजट के दिल में गांव और किसान हैं, उन्होंने ने कहा कि ऐसे बजट कम ही देखने को मिलते हैं, जिसकी शुरुआत में अच्छे परिणाम सामने आए. बजट को लेकर ढूकिया बोले कोरोन जैसी चुनौतियों के बावजूद भी सरकार ने बजट को ट्रांसपेरेंट बनाने पर जोर दिया. उन्होंने ने कहा कि भारत कोरोना काल में काफी प्रो-एक्टिव रहा है. आत्मनिर्भर भारत के इस शानदार बजट के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय टीम को ढूकिया ने बधाई दी.
बजट में ऐतिहासिक बदलाव किए गए, सभी तरह के सेक्टर को बजट में स्थान मिला
केंद्रीय वित्त बजट को लेकर सीए लोकेश अग्रवाल ने बताया कि वित्तीय साल बजट 2021-22 में ऐतिहासिक बदलाव किए गए साथ ही वित्त मंत्री ने सभी तरह के सेक्टर के लिए बजट में जगह दी है. साथ ही सात मेगा टैक्सटाइल पार्क की घोषणा की गई, जिससे टैक्सटाइल इंडस्ट्री को बूस्ट मिलेगा. वर्तमान में झुंझुनूं जिले में 13 कपास की इकाइयां चल रही है, हो सकता है निकट भविष्य में इससे झुंझुनूं में टैक्सटाइल इंडस्ट्री की संभावना बन सके.
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सीए लोकेश अग्रवाल ने बताया ने बताया कि इस बजट में वन पर्सन कंपनी को बनाने और उसके कंप्लायंस करने के प्रावधानों को सरल बनाया जाएगा. इससे असंगठित क्षेत्र विशेषकर प्रोपराइटर बिजनेस को वन पर्सन कंपनी के रूप में चलाने में सुविधा होगी. 75 साल से ऊपर की आयु के वरिष्ठ नागरिक को जिनकी आए पेंशन और बैंक ब्याज से है को अपनी इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आवश्यकता नहीं होगी. साथ ही इनकम टैक्स में, इनकम छुपाने पर 6 सालों तक उस साल के असेसमेंट को ओपन करने का प्रावधान था, जिसे इस बजट में तीन वर्षों तक सीमित कर दिया गया है, अब विशेष परिस्थिति जहां पर 50 लाख से ऊपर किसी साल में छुपाई गई हो को 10 साल तक ओपन रखा गया है. साथ ही ट्रस्ट के माध्यम से चलने वाले स्कूल, हॉस्पिटल जिनकी प्राप्तियां एक करोड़ से अधिक होती थी, उन्हें प्राप्तियां पांच करोड़ होने तक प्रावधानों में रियात मिलती रहेगी. इससे भी झुंझुनू जिले में चल रहे विभिन्न हॉस्पिटल और स्कूलों को फायदा मिलेगा.