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Rajasthan Assembly Election 2023: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह ने झुंझुनूं भाजपा प्रत्याशी की टिकट का जताया विरोध - झुंझुनूं विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह ने झुंझुनूं से निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र भांबू का समर्थन किया है. साथ ही यहां से भाजपा प्रत्याशी को टिकट दिए जाने का विरोध किया है.

Sumitra Singh opposed BJP candidate in Jhunjhunu
सुमित्रा सिंह ने भाजपा प्रत्याशी की टिकट का जताया विरोध
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 17, 2023, 6:57 PM IST

झुंझुनूं. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह ने गत भाजपा प्रत्याशी और झुंझुनूं विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र भांबू के साथ प्रेस वार्ता कर उनके साथ होने का संदेश दिया. सुमित्रा सिंह ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की युक्ति का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर संगठन गलती करे, तो कार्यकर्ताओं को इसमें सुधार करना चाहिए. साथ ही कहा कि हमारा झुंझुनूं जिला शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी है. ऐसे में हमारा दायित्व बनता है कि ऐसे नेता को चुनें, जो शिक्षा के साथ-साथ उच्च विचारधारा रखता हो. जिसके साथ समाज और झुंझुनूं का विकास हो सके.

दरअसल झुंझुनूं विधानसभा सीट पर भाजपा की बगावत खुलकर सामने आ गई है. गत विधानसभा चुनाव के अधिकृत प्रत्याशी और भाजपा उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह भांबू ने अपने निवास पर प्रेस वार्ता बुलाकर फिर से भाजपा प्रत्याशी बबलू चौधरी की टिकट का विरोध जताया. इस दौरान राजेन्द्र भांबू ने कहा कि जनता ने मुझे चुनाव लड़ने का संदेश दिया है. वंशवाद और अपराधियों से मुक्त करने के लिए मैंने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.

पढ़ें: Rajasthan Assembly Election 2023: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह के पुत्र सहित भाजपा का पूर्व प्रत्याशी भी बागी

झुंझुनूं में भाजपा के लिए बढ़ी मुश्किल: इस बगावत के साथ भारतीय जनता पार्टी के लिए इस सीट पर मुश्किल बढ़ गई है. कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी पूर्व मंत्री बृजेंद्र ओला की वजह से यह सीट भाजपा के लिए पहले ही डी क्लास की सीट रही है. यहां से बृजेंद्र ओला गत तीन चुनाव जीत चुके हैं और इस तरह से अपने आप में यह कांग्रेस के लिए राजस्थान की सबसे सेफ सीटों में माना जाता है. ऐसे में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी की घोषणा होने के बाद से जिस तरह से बगावत हुई है, उससे यह सीट जीतना भाजपा के लिए बेहद मुश्किल हो गया है.

झुंझुनूं. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह ने गत भाजपा प्रत्याशी और झुंझुनूं विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र भांबू के साथ प्रेस वार्ता कर उनके साथ होने का संदेश दिया. सुमित्रा सिंह ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की युक्ति का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर संगठन गलती करे, तो कार्यकर्ताओं को इसमें सुधार करना चाहिए. साथ ही कहा कि हमारा झुंझुनूं जिला शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी है. ऐसे में हमारा दायित्व बनता है कि ऐसे नेता को चुनें, जो शिक्षा के साथ-साथ उच्च विचारधारा रखता हो. जिसके साथ समाज और झुंझुनूं का विकास हो सके.

दरअसल झुंझुनूं विधानसभा सीट पर भाजपा की बगावत खुलकर सामने आ गई है. गत विधानसभा चुनाव के अधिकृत प्रत्याशी और भाजपा उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह भांबू ने अपने निवास पर प्रेस वार्ता बुलाकर फिर से भाजपा प्रत्याशी बबलू चौधरी की टिकट का विरोध जताया. इस दौरान राजेन्द्र भांबू ने कहा कि जनता ने मुझे चुनाव लड़ने का संदेश दिया है. वंशवाद और अपराधियों से मुक्त करने के लिए मैंने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.

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झुंझुनूं में भाजपा के लिए बढ़ी मुश्किल: इस बगावत के साथ भारतीय जनता पार्टी के लिए इस सीट पर मुश्किल बढ़ गई है. कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी पूर्व मंत्री बृजेंद्र ओला की वजह से यह सीट भाजपा के लिए पहले ही डी क्लास की सीट रही है. यहां से बृजेंद्र ओला गत तीन चुनाव जीत चुके हैं और इस तरह से अपने आप में यह कांग्रेस के लिए राजस्थान की सबसे सेफ सीटों में माना जाता है. ऐसे में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी की घोषणा होने के बाद से जिस तरह से बगावत हुई है, उससे यह सीट जीतना भाजपा के लिए बेहद मुश्किल हो गया है.

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