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भारत-पाक युद्ध में इच्छामति को पार करने वाली 12 राजरिफ ने युद्ध की यादों को किया ताजा

भारत-पाक युद्ध में अदम्य साहस दिखाने वाले पूर्व जवानों ने झुंझुनू में शहीद स्मारक में इच्छामती दिवस के रूप में मनाया. बता दें कि 12 राजरिफ के पूर्व सैनिकों ने युद्ध के प्रसंग सुनाकर अपनी युद्ध में भूमिका को भी याद किया.

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Published : Dec 16, 2019, 10:07 AM IST

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राजरिफ के जवानों ने मनाया इच्छामती दिवस

झुंझुनू. भारत-पाक युद्ध में अदम्य साहस दिखाने वाले पूर्व जवानों ने झुंझुनू में शहीद स्मारक में इच्छामती दिवस के रूप में मनाया. जिसमें 12 राजरिफ के पूर्व सैनिकों ने युद्ध के प्रसंग सुनाकर अपनी युद्ध में भूमिका को याद किया. इसी के साथ शहीद वीरांगनाओं का सम्मान भी किया गया.

बता दें कि हर वर्ष राजरिफ के जवान इच्छामति दिवस मनाते हैं. कार्यक्रम में सर्वप्रथम शहीद स्मारक पर शहीदों को पुष्प अर्पित किए. कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व ओरनरी कैप्टन ज्ञानचंद ने की. कार्यक्रम में 12 राजरिफ के चार राज्यों के पूर्व सैनिक और वीरांगनाओं ने हिस्सा लिया.

राजरिफ के जवानों ने मनाया इच्छामती दिवस

झुंझुनू के जवानों ने बताया कि भारत-पाक युद्ध में किस तरह से जवानों ने इच्छा मति नदी को पार कर ऐसा साहस दिखाया कि पाकिस्तानी कुछ समझ ही नहीं सके. कुछ को तो भागने का मौका भी नहीं मिल पाया और वही मारे गए. तो कुछ ने भागकर अपनी जान बचाई. बता दें कि ऐसा करने वाली 12 राजरिफ यूनिट के जवानों में बड़ी संख्या में झुंझुनू के सैनिक भी शामिल थे.

यह भी पढ़ें : CM गहलोत ने की कानून-व्यवस्था की समीक्षा, भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के दिए निर्देश

चार राज्यों के सैनिकों ने लिया भाग...

एमपी, यूपी ,हरियाणा व राजस्थान के पूर्व और वर्तमान सैनिकों ने भाग लिया. वहीं 12 राजरिफ के शहीद हुए वीरों की वीरांगनाओं का भी सम्मान किया गया. ओरनरी कैप्टन ज्ञानचंद ने बताया कि हम बांग्लादेश बॉर्डर पर हमारी पलटन 12 राजरिफ इच्छामति नदी के पास अपना परचम लहराया था. इसी के तहत हमारी पलटन को इच्छामति अवार्ड दिया गया. जिसके बाद हर साल हम इच्छामती दिवस मनाते हैं. उसी के तहत आज शहीद स्मारक में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया.

झुंझुनू. भारत-पाक युद्ध में अदम्य साहस दिखाने वाले पूर्व जवानों ने झुंझुनू में शहीद स्मारक में इच्छामती दिवस के रूप में मनाया. जिसमें 12 राजरिफ के पूर्व सैनिकों ने युद्ध के प्रसंग सुनाकर अपनी युद्ध में भूमिका को याद किया. इसी के साथ शहीद वीरांगनाओं का सम्मान भी किया गया.

बता दें कि हर वर्ष राजरिफ के जवान इच्छामति दिवस मनाते हैं. कार्यक्रम में सर्वप्रथम शहीद स्मारक पर शहीदों को पुष्प अर्पित किए. कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व ओरनरी कैप्टन ज्ञानचंद ने की. कार्यक्रम में 12 राजरिफ के चार राज्यों के पूर्व सैनिक और वीरांगनाओं ने हिस्सा लिया.

राजरिफ के जवानों ने मनाया इच्छामती दिवस

झुंझुनू के जवानों ने बताया कि भारत-पाक युद्ध में किस तरह से जवानों ने इच्छा मति नदी को पार कर ऐसा साहस दिखाया कि पाकिस्तानी कुछ समझ ही नहीं सके. कुछ को तो भागने का मौका भी नहीं मिल पाया और वही मारे गए. तो कुछ ने भागकर अपनी जान बचाई. बता दें कि ऐसा करने वाली 12 राजरिफ यूनिट के जवानों में बड़ी संख्या में झुंझुनू के सैनिक भी शामिल थे.

यह भी पढ़ें : CM गहलोत ने की कानून-व्यवस्था की समीक्षा, भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के दिए निर्देश

चार राज्यों के सैनिकों ने लिया भाग...

एमपी, यूपी ,हरियाणा व राजस्थान के पूर्व और वर्तमान सैनिकों ने भाग लिया. वहीं 12 राजरिफ के शहीद हुए वीरों की वीरांगनाओं का भी सम्मान किया गया. ओरनरी कैप्टन ज्ञानचंद ने बताया कि हम बांग्लादेश बॉर्डर पर हमारी पलटन 12 राजरिफ इच्छामति नदी के पास अपना परचम लहराया था. इसी के तहत हमारी पलटन को इच्छामति अवार्ड दिया गया. जिसके बाद हर साल हम इच्छामती दिवस मनाते हैं. उसी के तहत आज शहीद स्मारक में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया.

Intro:
झुन्झुनू। शहीदों और सैनिकों की भर्ती झुंझुनू के जवान याद करते हैं कि भारत-पाक युद्ध में किस तरह से जवानों ने इच्छा मति नदी को पार कर ऐसा साहस दिखाया कि पाकिस्तानी कुछ समझ ही नहीं सके। कुछ तो भागने का मौका भी नहीं पा सके और वही मारे गए तो कुछ ने भागकर अपनी जान बचाई। जी हां ऐसा करने वाली 12 राज रिफ यूनिट के जवानों में बड़ी संख्या में झुंझुनू के सैनिक भी शामिल थे और उन्होंने यहां इच्छा मति दिवस मनाया।Body:झुंझुनू। भारत-पाक युद्ध में अदम्य साहस दिखाने वाले पूर्व जवानों ने यहां झुंझुनू में शहीद स्मारक मे इच्छामती दिव के रूप में मनाया। 12 राजरीफ के पूर्व सैनिकों ने युद्ध के प्रसंग सुनाकर अपनी युद्ध में भूमिका को भी याद किया। वही शहीद वीरांगनाओं का सम्मान भी किया गया । हर वर्ष को राजरिफ के जवान इच्छामति दिवस के रूप में मनाते हैं। कार्यक्रम में सर्वप्रथम शहीद स्मारक पर शहीदों को पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम की अघ्यक्षता पूर्व ओरनरी केप्टन ज्ञानचंद ने की । कार्यक्रम में 12 राज रिफ के चार राज्यो के पूर्व सैनिक व वीरांगनाओं ने हिस्सा लिया ।
चार राज्यों के सैनिकों ने लिया भाग


एमपी, यूपी ,हरियाणा व राजस्थान के पूर्व व वर्तमान सेनिको ने भाग लिया। वही 12 राजरीफ के शहीद हुए वीरो की वीरांगनाओ का भी सम्मान किया गया। ओरनरी केप्टन ज्ञानचंद ने बताया कि हम बांग्लादेश बॉर्डर पर हमारी पलटन 12 राजरीफ इच्छा मति नदी के पास अपना परचम लहराया था । इसी के तहत हमारी पलटन को इच्छामति अवार्ड दिया गया। जिसके बाद हर साल हम इच्छामती दिवस मनाते हैं । उसी के तहत आज शहीद स्मारक में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया ।

बाईट ज्ञानचंद ओरनरी केप्टनConclusion:
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