सूरजगढ़ (झुंझुनू). कोरोना वायरस के बाद लगे लॉकडाउन में शिक्षा संस्थानों के सामने आर्थिक संकट की स्थिति आ गई है. लॉकडाउन के बाद से सभी स्कूल और कॉलेज बंद पड़े हैं. इसी के मद्देनजर सूरजगढ़ में निजी स्कूल संचालकों ने बैठक की. बैठक में उन्होंने आर्थिक संकट की वजह से शिक्षण संस्थानों को कौन-कौनसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके बारे में बताया और सरकार से इस स्थिति से निपटने में मदद की गुहार लगाई.
शनिवार को सूरजगढ़ कस्बे के सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में निजी शिक्षण संस्थान संघ ब्लॉक सूरजगढ़ की बैठक आयोजित हुई. बैठक की अध्यक्षता संघ के ब्लॉक अध्यक्ष राजेंद्र जांगिड़ ने की. बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में निजी शिक्षण संस्थान संघ के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र अहलावत मौजूद रहे. बैठक की शुरुआत में संघ की ब्लॉक कार्यकारिणी का विस्तार हुआ. जिसके बाद कोविड-19 महामारी के दौरान हो रही आर्थिक परेशानी को दूर करने बारे में चर्चा की गई.
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जिलाध्यक्ष सुरेंद्र अहलावत ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों को आर्थिक तंगी हो रही है. संस्थान पेरेंट्स से फीस भी नहीं ले पा रहे है और ना ही राज्य सरकार द्वारा निजी स्कूलों को कोई राहत देने की घोषणा की गई है. जबकि निजी स्कूलों के खर्चे तो यथावत है, लेकिन आय के साधन बंद हो गए हैं. अहलावत ने कहा की हम सब को इस आर्थिक संकट के दौरान संगठित होकर प्रयास करना होगा. बैठक में निजी स्कूल संचालकों ने आर्थिक संकट दूर करने के लिए सरकार से राहत उपलब्ध कराने की मांग की है.