सूरजगढ़ (झुंझुनू). कोविड 19 के संकट के दौरान समाज का हर वर्ग परेशान है. सबसे अधिक संकट का सामना श्रमिकों, गरीब मजदूरों और अल्प वेतन भोगी कार्मिकों को करना पड़ रहा है. ऐसे संकट के समय सरकार की ओर से श्रम कानूनों में कुछ संसोधन किया गया है. सरकार की ओर से श्रम कानून में किए गए संशोधन के विरोध के सुर भी उठने शुरू हो गए है.
झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ उपखंड में आदर्श समाज समिति इंडिया ने श्रम कानून संसोधन का विरोध जताया है. बता दें कि गुरुवार को श्रमिक कानूनों में बदलाव का आदर्श समाज समिति इंडिया ने विरोध किया. समिति के पदाधिकारी और कार्यकर्ता समिति के सरंक्षक मंजीत सिंह तंवर के नेतृत्व में तहसील कार्यालय पहुंचे और तहसीलदार बंशीधर योगी को प्रधानमंत्री, श्रम और रोजगार मंत्री और मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन के जरिये समिति श्रमिक, गरीब मजदूरों के लिए बनाये गए श्रम कानूनों को यथावत रखने की मांग उठाई है. साथ ही बताया कि देश के प्रधानमंत्री की ओर से राष्ट्र के नाम संबोधन में आत्मनिर्भर रहने पर जोर दिया जा रहा है.
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वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से श्रमिक गरीब मजदूरों के अधिकारों को समाप्त किया जा रहा है और मजदूरों का शोषण करने के लिए श्रमिक विरोधी कानून बनाये जा रहे हैं. देश के निर्माण में कामगारों, श्रमिक, मजदूरों और किसानों का सबसे ज्यादा योगदान होता है. आज आपदा के समय लॉकडाउन के दौरान देश के गरीब मजदूरों के साथ सबसे ज्यादा भेदभाव हो रहा है. बीच रास्तों में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाया जाना चाहिये. इस मौके पर समिति के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी, वैध जयप्रकाश स्वामी, विनोद काजला, संदीप रायला और अन्य सदस्य मौजूद थे.