झुंझुनू. राजस्थान और जयपुर में लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था में पुलिस की छवि पर सवालिया निशान लगा दिया है. दिन प्रतिदिन बाल यौन शोषण, बलात्कार और उत्पीड़न के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ऐसी घटनाओं पर अखिल भारतीय विद्या परिषद के विद्यार्थियों ने चिंता जताई है. पुलिस प्रशासन इन मामलों में कार्रवाई करने की बजाय आम लोगों को परेशान कर रही है.
अलवर में खरेली थाना के थानेदार भरत सिंह के पास फरियाद लेकर पहुंची पीड़िता के साथ 3 दिन तक लगातार बलात्कार किया गया. वहीं, दौसा में कार्रवाई में एसपी मनीष अग्रवाल को रिश्वतखोरी के मामले में सरकार ने दो पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त किया.
इस तरह के कितने ही मामले हैं जहां पुलिस की वर्दी दागदार हुई है. पुलिस की ओर से दिया गया नारा आमजन में विश्वास अपराधियों में डर अब उल्टा होता नजर आ रहा है. अब लगता है कि राजस्थान की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. मामला 16 मार्च का है जब राजस्थान विश्वविद्यालय में हड़ताल पर बैठे विद्यार्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और विद्या के मंदिर को कलंकित किया.
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पुलिस की ओर से चीफ प्रोक्टर के लेटर पर बिना जांच पड़ताल के एबीवीपी के 15 कार्यकर्ताओं पर राज्यकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज करना शर्मनाक है. इसी विषय के संदर्भ में एबीवीपी के विद्यार्थियों ने एसपी को ज्ञापन देकर 15 विद्यार्थियों पर दर्ज हुए झूठे मुकदमें को खारिज करके दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है ताकि आम जनता में पुलिस और प्रशासन के प्रति विश्वास बना रहे.