झुंझुनू. जिले में स्वरोजगार के लिए 2800 बेरोजगारों ने आवेदन किया है लेकिन उनमें से महज 300 को ही बैंकों ने ऋण प्रदान किया है. दरअसल, कोरोना काल में स्ट्रीट वेंडरों के लिए सरकार की ओर से दिए जाने वाले 10000 रुपए के लोन के लिए 2800 लोगों ने आवेदन किया था. लेकिन बैंक ने उनमें से ज्यादातर आवेदन को रिजेक्ट कर दिया और मात्र 10 फीसदी लोगों को ही ऋण की स्वीकृति दी.
जिला स्तरीय बैठक में सामने आई स्थिति...
जिला कलेक्टर उमरदीन खान की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को जिला स्तरीय डीसीसी एवं डीएलआरसी की बैठक हुई. जिसके बाद यह सारी हकीकत सामने आई है. जिला कलेक्टर खान ने कहा कि सभी बैंकर्स गरीब लोगों की मदद करते हुए उन्हें ऋण उपलब्ध करवाएं. कोरोना काल के दौरान छोटे-छोटे व्यापार चौपट हो चुके हैं. लोगों के पास व्यापार करने एवं अन्य कार्य करने के लिए रूपये नहीं हैं. सभी बैंक लिबरल होकर उन्हें लोन दें.
उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान जिले में करीब 45 हजार से अधिक लोग दूसरे अन्य स्टेट से यहां आए. उनके पास व्यापार करने के लिए रूपये नहीं हैं. साथ ही जिले के अधिक लोग गल्फ कंट्री में रहते हैं. जिसका एक बड़ा एमाउंट जिले में आता हैं. वर्तमान में बाहर से पैसे आना बंद हो चुके हैं. कोरोना के कारण इनकम भी बंद हो गई हैं. लोगों के पास रूपयों की समस्या आ रही है.
गौरतलब है कि मुख्य रूप से लोगों को व्यापार एवं छोटा-मोटा काम करने तथा स्ट्रीट वैण्डर्स के लिए ऋण की आवश्यकता पड़ रही हैं. जिसके लिए सभी बैंक लोन शत प्रतिशत देते हुए वार्षिक ऋण योजना के टार्गेट पूरा नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में जिला प्रशासन ने कहा है कि बैंक अधिकारी लिबरल रहते हुए गरीब व्यक्ति को लोन देने का कार्य करें. बता दें कोरोना काल में सरकार की ओर से 50 हजार रुपये का लोन देने के निर्देश आएं थे.