झुंझुनू. जिले के कसेरू गांव से इंसानियत को शर्मसार करने वाली खबर आई है. यहां 25 साल के एक युवक को खेत में जानवर की तरह जंजीरों से बांधकर रखा गया था. यह युवक मानसिक रोगी था. अब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस युवक को न केवल लोहे की सांकलों से आजादी दिलाई है, बल्कि इलाज भी शुरू कर दिया है.
राजकीय बीडीके अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. कपूर थालौर ने बताया कि कसेरू गांव के सरपंच ने डिप्टी सीएमएचओ डॉ. राजकुमार डांगी को इस मामले के बारे में जानकारी दी थी कि मानसिक रोगी युवक को इलाज के अभाव में खेतों में बांध कर रखा गया है. सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल गुर्जर के निर्देश पर बीडीके अस्पताल की टीम ने कसेरू गांव जाकर मरीज को बेडि़यों से मुक्त किया और उसका इलाज शुरू किया.
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मानसिक रूप से पीडि़त संजू (बदला हुआ नाम) के परिजनों से टीम ने उसकी दिनचर्या के बारे में पूछा. इसके बाद रोगी की मानसिक स्थिति की जांच की गई. टीम की ओर से मरीज को मौके पर ही दवाई दी गई. साथ ही परिजनों को पाबंद किया कि वे मरीज को दवाएं समय पर देते रहें. टीम ने परिजनों को बताया कि मानसिक बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति का इलाज संभव है. टीम ने संजू के परिजनों को बीडीके अस्पताल में जांच कराकर इलाज शुरू करवाने की हिदायत दी.
इस दौरान परिजनों को अस्पताल में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इलाज निःशुल्क उपलब्ध करवाने की जानकारी दी गई. गांव के पंच शीशराम ने भी संजू की देख रेख की जिम्मेदारी ली.