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झुंझुनू के चिड़ावा में शहीद 'भगवत सिंह' की मूर्ति का किया गया अनावरण - शहीद सवार भगवत सिंह

आज से तकरीबन पचास साल पहले पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में दुश्मनों से लोहा लेते हुए झुंझुनू जिले का वीर सपूत शहीद हो गया था. शहीद के सम्मान में मंगलवार को उनके गांव में मूर्ति का अनावरण किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कल्याण बोर्ड के चेयरमैन प्रेम सिंह बाजौर रहे.

झुंझुनू, Martyr statue unveiled
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Published : Oct 22, 2019, 8:48 PM IST

चिड़ावा (झुंझुनू). जिले के चिड़ावा कस्बे के नजदीक गांव किठाना में शहीद सवार भगवत सिंह की मूर्ति का अनावरण किया गया. बता दें कि भगवत सिंह 15 सितंबर 1965 में ओपी नपाल जोन में शहीद हो गए थे. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के अलावा डॉ. मूल सिंह शेखावत, विनोद झाझड़िया, सरपंच ममता देवी, कर्नल रामौतार सिंह, सुबेदार मोहर सिंह और भाजपा नेता विश्वम्भर पूनिया आदि मौजूद रहे. इस दौरान शहीद की विरागंना गीता कंवर, शहीद के भाई जगदीश सिंह और भंवर सिंह को सम्मानित किया गया.

शहीद सवार भगवत सिंह के गांव में मूर्ती अनावरण कर दिया गया सम्मान

शहीद सवार भगवत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को चिड़ावा कस्बे के समीप छोटे से गांव किठाना में हुआ. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में प्राप्त की. 12 मई 1961 को शहीद सवार भगवत भारतीय सेना में भर्ती हुए और 15 सितंबर 1965 में शहीद हो गए. शहीद सवार भगवत सिंह 1965 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में लोहा लेते हुए अपनी जाबाजी का पराक्रम दिखाते हुए वीर गति को प्राप्त हुए.

पढ़ें: जयपुर में ऐसा मेला, जिसका उद्धाटन करने से बचता है हर नेता, क्योंकि जिसने भी काटा यहां फीता, छीन गई उसकी सत्ता

पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड के चेयरमैन प्रेमसिंह बाजौर ने कहा कि झुंझुनू जिला सैनिका का जिला रहा है. जिले में धनौरी गांव में सात से आठ शहीद है. दूसरा गांव किठाना है जहां पर भी सात से आठ शहीद है. उन्होंने लोगों से शहीदों को भगवान की तरह पूजने की अपील की और शहीद भगवत सिंह को नमन किया.

चिड़ावा (झुंझुनू). जिले के चिड़ावा कस्बे के नजदीक गांव किठाना में शहीद सवार भगवत सिंह की मूर्ति का अनावरण किया गया. बता दें कि भगवत सिंह 15 सितंबर 1965 में ओपी नपाल जोन में शहीद हो गए थे. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के अलावा डॉ. मूल सिंह शेखावत, विनोद झाझड़िया, सरपंच ममता देवी, कर्नल रामौतार सिंह, सुबेदार मोहर सिंह और भाजपा नेता विश्वम्भर पूनिया आदि मौजूद रहे. इस दौरान शहीद की विरागंना गीता कंवर, शहीद के भाई जगदीश सिंह और भंवर सिंह को सम्मानित किया गया.

शहीद सवार भगवत सिंह के गांव में मूर्ती अनावरण कर दिया गया सम्मान

शहीद सवार भगवत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को चिड़ावा कस्बे के समीप छोटे से गांव किठाना में हुआ. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में प्राप्त की. 12 मई 1961 को शहीद सवार भगवत भारतीय सेना में भर्ती हुए और 15 सितंबर 1965 में शहीद हो गए. शहीद सवार भगवत सिंह 1965 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में लोहा लेते हुए अपनी जाबाजी का पराक्रम दिखाते हुए वीर गति को प्राप्त हुए.

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पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड के चेयरमैन प्रेमसिंह बाजौर ने कहा कि झुंझुनू जिला सैनिका का जिला रहा है. जिले में धनौरी गांव में सात से आठ शहीद है. दूसरा गांव किठाना है जहां पर भी सात से आठ शहीद है. उन्होंने लोगों से शहीदों को भगवान की तरह पूजने की अपील की और शहीद भगवत सिंह को नमन किया.

Intro:शहीद सवार भगवत सिंह की मूर्ति का अनावरण
पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड प्रेमसिंह बाजौर ने किया अनावरण
चिड़ावा/झुंझुनूं। जिले के चिड़ावा कस्बे के नजदीक गांव किठाना में मनोता रोड-राजपूत का मोहल्ला में शहीद सवार भगवत सिंह की मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम समारोह पूर्वक हुआ।Body:बता दे कि 15 सितंबर 1965 में ओपी नपाल ओन में शहीद हुए सवार भगवत सिंह की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड के चेयरमैन प्रेमसिंह बाजौर ने मूर्ति का अनावरण किया। जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में झुंझुनूं के पूर्व विधायक डॉ मूलसिंह शेखावत, विनोद झाझड़िया, सरपंच ममता देवी, कर्नल रामौतार सिंह, सुबेदार मोहरसिंह, भाजपा नेता विश्वम्भर पूनियां आदि मौजूद रहे। इस दौरान शहीद की विरागंना गीता कंवर, शहीद के भाई जगदीश सिंह, भंवर सिंह आदि का सम्मान किया गया।

पाकिस्तान से लोहा लेते हुए थे शहीद
शहीद सवार भगवत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को चिड़ावा कस्बे के समीप छोटे से गांव किठाना में हुआ। प्राथमिक शिक्षा उन्होंने गांव की सरकारी स्कूल में प्राप्त की। 12 मई 1961 को शहीद सवार भगवत सिंह भारतीय सेना में भर्ती हुए। 15 सितंबर 1965 में वे शहीद हो गए। शहीद सवार भगवत सिंह 1965 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में लोहा लेते हुए अपनी जाबाजी का पराक्रम दिखाते हुए भारत माता की रक्षा के लिए वीर गति को प्राप्त हुए।

पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड के चेयरमैन प्रेमसिंह बाजौर ने कहां कि झुंझुनूं जिला सैनिका का जिला रहा है। जिले में धनौरी गांव में सात से आठ शहीद है और दूसरा गांव किठाना है जहां पर भी सात से आठ शहीद है। उन्होंने भगवान के जैसे ही शहीदों की पूजा-अर्चना करने की बात कहते हुए शहीद भगवत सिंह को नमन किया।

बाइट 01- प्रेमसिंह बाजौर, पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड के चेयरमैन।Conclusion:
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