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50 से ज्यादा टिड्डी दल आया झुंझुनू...लेकिन ये रही राहत की बात, जानें

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Published : Aug 20, 2020, 3:07 PM IST

राजस्थान में टिड्डियों के आतंक से किसान परेशान हैं. ऐसे में झुंझुनू जिले में भी अब तक 50 से ज्यादा दल आ चुके हैं, लेकिन गनीमत यही रही है कि अभी तक यहां टिड्डियां कोई बड़ा नुकसान नहीं कर पाई हैं.

locust attack in Jhunjhunu, झुंझुनू में टिड्डी अटैक
50 से ज्यादा टिड्डी दल आया झुंझुनू

झुंझुनू. राजस्थान सहित देश के कई हिस्सों में गत दो माह में टिड्डी दलों ने जमकर कहर मचाया है. इस कड़ी में झुंझुनू जिले में भी अब तक 50 से ज्यादा दल आ चुके हैं, लेकिन गनीमत यही रही है कि अभी तक यहां टिड्डियों ने कोई बड़ा नुकसान नहीं किया है.

50 से ज्यादा टिड्डी दल आया झुंझुनू

कृषि विभाग की मानें तो टिड्डी दल ने जब जिले में प्रवेश किया तो उस समय फसलें छोटी थीं और ऐसे में ज्यादातर टिड्डी दल ने पेड़ों और झाड़ियों पर ही अपना डेरा जमाया. इसकी वजह से फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ है. ऐसे में विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले में अब तक टिड्डी दल से नुकसान का आंकड़ा शून्य रहा है.

पढ़ेंः CM के भाई अग्रसेन गहलोत ने ED की कार्यवाही को दी हाईकोर्ट में चुनौती

27 साल पहले किया था बड़ा नुकसान...

जिले में 27 साल पहले 1993 में टिड्डियों का दल आया था. 1993 में टिड्डी दल नवलगढ़ में प्रवेश कर भाटीवाड़ होते हुए आगे निकला और भारी नुकसान पहुंचाया था. हालांकि इस साल भी अभी तक झुंझुनू जिले का ऐसा कोई गांव नहीं बचा है, जहां पर टिड्डी नहीं आईं हो. टिड्डियों के दल का आकार पांच किलोमीटर लंबा और दो किलोमीटर तक चौड़े था. जबकि 2020 में अकेले मई, जून और जुलाई में 50 दल टिड्डियों के आने से किसानों की चिंता बढ़ गई थी, लेकिन गनीमत है कि अभी तक फसलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

पढ़ेंः टोंक में पायलट का जोरदार स्वागत, कहा- हर हाल में करेंगे कार्यकर्ताओं के सम्मान की रक्षा

अब तक आ चुके हैं 50 'दल'...

इससे पहले जिले में पहला टिड्डी दल 19 मई को चूरू जिले से प्रवेश कर खेतड़ी में पड़ाव डाला था और अब तक 50 दल आ चुके हैं. हालांकि अब भी इस बार जिले में और भी टिड्डी दलों के आने की आशंका है, क्योंकि बहुत सारे दल पाकिस्तान की सीमा से राजस्थान में प्रवेश कर रहे हैं. टिड्डियों के प्रजनन का उपयुक्त समय है. ऐसे में उपरोक्त परिस्थितियों को देखते हुए कृषि विभाग ने दल के आने तक किसानों से अपने खेतों में विभिन्न प्रकार के यंत्रों बरतन, पीपे या अन्य आवाज करने वाले साधनों को तैयार रखने के लिए कहा है.

झुंझुनू. राजस्थान सहित देश के कई हिस्सों में गत दो माह में टिड्डी दलों ने जमकर कहर मचाया है. इस कड़ी में झुंझुनू जिले में भी अब तक 50 से ज्यादा दल आ चुके हैं, लेकिन गनीमत यही रही है कि अभी तक यहां टिड्डियों ने कोई बड़ा नुकसान नहीं किया है.

50 से ज्यादा टिड्डी दल आया झुंझुनू

कृषि विभाग की मानें तो टिड्डी दल ने जब जिले में प्रवेश किया तो उस समय फसलें छोटी थीं और ऐसे में ज्यादातर टिड्डी दल ने पेड़ों और झाड़ियों पर ही अपना डेरा जमाया. इसकी वजह से फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ है. ऐसे में विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले में अब तक टिड्डी दल से नुकसान का आंकड़ा शून्य रहा है.

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27 साल पहले किया था बड़ा नुकसान...

जिले में 27 साल पहले 1993 में टिड्डियों का दल आया था. 1993 में टिड्डी दल नवलगढ़ में प्रवेश कर भाटीवाड़ होते हुए आगे निकला और भारी नुकसान पहुंचाया था. हालांकि इस साल भी अभी तक झुंझुनू जिले का ऐसा कोई गांव नहीं बचा है, जहां पर टिड्डी नहीं आईं हो. टिड्डियों के दल का आकार पांच किलोमीटर लंबा और दो किलोमीटर तक चौड़े था. जबकि 2020 में अकेले मई, जून और जुलाई में 50 दल टिड्डियों के आने से किसानों की चिंता बढ़ गई थी, लेकिन गनीमत है कि अभी तक फसलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

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अब तक आ चुके हैं 50 'दल'...

इससे पहले जिले में पहला टिड्डी दल 19 मई को चूरू जिले से प्रवेश कर खेतड़ी में पड़ाव डाला था और अब तक 50 दल आ चुके हैं. हालांकि अब भी इस बार जिले में और भी टिड्डी दलों के आने की आशंका है, क्योंकि बहुत सारे दल पाकिस्तान की सीमा से राजस्थान में प्रवेश कर रहे हैं. टिड्डियों के प्रजनन का उपयुक्त समय है. ऐसे में उपरोक्त परिस्थितियों को देखते हुए कृषि विभाग ने दल के आने तक किसानों से अपने खेतों में विभिन्न प्रकार के यंत्रों बरतन, पीपे या अन्य आवाज करने वाले साधनों को तैयार रखने के लिए कहा है.

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