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भाजपा प्रत्याशी बबलू चौधरी ने खुद को बताया 'ओरिजिनल', कहा- ओला परिवार ने झुंझुनू के लिए कुछ नहीं किया - Bablu Choudhary Targets Brijendra Singh Ola

झुंझुनू विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बबलू चौधरी और कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र ओला सिंह ओला आमने-सामने हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में बबलू चौधरी ने कहा कि ओला परिवार ने आज तक झुंझुनू के लिए कुछ नहीं किया. आज तक लोगों के दुख-सुख में भी शामिल नहीं होते हैं.

Jhunjhunu seat BJP Candidate Bablu Choudhary
Jhunjhunu seat BJP Candidate Bablu Choudhary
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 5, 2023, 7:49 PM IST

भाजपा प्रत्याशी बबलू चौधरी

झुंझुनू. राजस्थान में झुंझुनू विधानसभा सीट से जाटों के कद्दावर नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला के पुत्र बृजेंद्र सिंह ओला लगातार चौथी बार कांग्रेस की तरफ से चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने भारतीय जनता पार्टी ने बबलू चौधरी उर्फ निषित कुमार को मैदान में उतारा है. ईटीवी भारत से बबलू चौधरी ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र ओला पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह शहीदों का जिला है, लेकिन आज तक ओला किसी शहीद की अंतिम यात्रा में नहीं गए. वो लोगों के दुख-सुख में भी शामिल नहीं होते हैं.

जीतने पर करेंगे यह पांच बड़े काम : बबलू चौधरी ने कहा कि इस बार बदलाव की बयार है. राजस्थान में भी भाजपा की सरकार बनेगी. ऐसे में काटली नदी को पुनर्जीवित करने के अलावा किसानों की फसलों को आवारा पशुओं से बचने के लिए भी काम करेंगे. ये सैनिक बाहुल्य जिला है, ऐसे में यहां के लोगों को सेना से जुड़े हुए कामों के लिए बाहर नहीं जाना पड़े इसके लिए भी प्रयास करेंगे. झुंझुनू नगर परिषद में हालत बहुत खराब हैं, इसलिए झुंझुनू शहर के विकास के लिए भी अलग से रूपरेखा बनाएंगे. इसके अलावा झुंझुनू में जो खेल विश्वविद्यालय की घोषणा हुई थी वह अभी तक मूर्त रूप नहीं ले पाई है, इसलिए खेल विश्वविद्यालय की स्थापना भी उनका प्रमुख लक्ष्य रहेगा.

पढ़ें. Exclusive : कल निर्दलीय नामांकन दाखिल करेंगे कैलाश मेघवाल, भाजपा नेतृत्व को लेकर कह दी ये बड़ी बात

मैं पूरी तरह से ओरिजिनल हूं : वहीं, अपने बारे में बबलू चौधरी ने कहा कि वो पूरी तरह से ओरिजिनल हैं और उनके अंदर किसी भी तरह का कोई दिखावा नहीं है. उन्होंने कहा कि ओला परिवार ने आज तक झुंझुनू के लिए कुछ नहीं किया है. पहले उनके पिता ने लंबे समय तक झुंझुनू में राजनीति की, इसके बाद वंशवाद बढ़ाते हुए अपने पुत्र को मंत्री और विधायक बना दिया. बागी प्रत्याशी को मनाने का प्रयास किया गया या नहीं, इस सवाल को उन्होंने पार्टी फोरम की बात कहकर टाल दिया. बता दें कि इस बार बबलू चौधरी को टिकट मिलने से पिछले बार के भाजपा प्रत्याशी रहे राजेंद्र भांबू बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं.

इस तरह से मिला है बबलू चौधरी को टिकट : वर्ष 2018 में बिना किसी राजनीतिक पृष्टभूमि के 42 वर्ष के बबलू चौधरी ने जाने माने कद्दावर ओला परिवार के सामने झुंझुनू से टिकट की दावेदारी पेश की, लेकिन कांग्रेस पृष्ठभूमि वाले बड़े कांट्रेक्टर राजेंद्र सिंह भांबू को टिकट मिल गया. इसके बाद बबलू चौधरी ने बागी होकर चुनाव लड़ा और अप्रत्याशित रूप से उन्हें 29410 वोट मिला. इसके बाद बबलू के नजदीकी रिश्तेदार जगदीप धनखड़ उपराष्टपति बने और माना जाता है कि उन्हीं की बदौलत भाजपा से 2023 का टिकट उन्हें मिला है.

भाजपा प्रत्याशी बबलू चौधरी

झुंझुनू. राजस्थान में झुंझुनू विधानसभा सीट से जाटों के कद्दावर नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला के पुत्र बृजेंद्र सिंह ओला लगातार चौथी बार कांग्रेस की तरफ से चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने भारतीय जनता पार्टी ने बबलू चौधरी उर्फ निषित कुमार को मैदान में उतारा है. ईटीवी भारत से बबलू चौधरी ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र ओला पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह शहीदों का जिला है, लेकिन आज तक ओला किसी शहीद की अंतिम यात्रा में नहीं गए. वो लोगों के दुख-सुख में भी शामिल नहीं होते हैं.

जीतने पर करेंगे यह पांच बड़े काम : बबलू चौधरी ने कहा कि इस बार बदलाव की बयार है. राजस्थान में भी भाजपा की सरकार बनेगी. ऐसे में काटली नदी को पुनर्जीवित करने के अलावा किसानों की फसलों को आवारा पशुओं से बचने के लिए भी काम करेंगे. ये सैनिक बाहुल्य जिला है, ऐसे में यहां के लोगों को सेना से जुड़े हुए कामों के लिए बाहर नहीं जाना पड़े इसके लिए भी प्रयास करेंगे. झुंझुनू नगर परिषद में हालत बहुत खराब हैं, इसलिए झुंझुनू शहर के विकास के लिए भी अलग से रूपरेखा बनाएंगे. इसके अलावा झुंझुनू में जो खेल विश्वविद्यालय की घोषणा हुई थी वह अभी तक मूर्त रूप नहीं ले पाई है, इसलिए खेल विश्वविद्यालय की स्थापना भी उनका प्रमुख लक्ष्य रहेगा.

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मैं पूरी तरह से ओरिजिनल हूं : वहीं, अपने बारे में बबलू चौधरी ने कहा कि वो पूरी तरह से ओरिजिनल हैं और उनके अंदर किसी भी तरह का कोई दिखावा नहीं है. उन्होंने कहा कि ओला परिवार ने आज तक झुंझुनू के लिए कुछ नहीं किया है. पहले उनके पिता ने लंबे समय तक झुंझुनू में राजनीति की, इसके बाद वंशवाद बढ़ाते हुए अपने पुत्र को मंत्री और विधायक बना दिया. बागी प्रत्याशी को मनाने का प्रयास किया गया या नहीं, इस सवाल को उन्होंने पार्टी फोरम की बात कहकर टाल दिया. बता दें कि इस बार बबलू चौधरी को टिकट मिलने से पिछले बार के भाजपा प्रत्याशी रहे राजेंद्र भांबू बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं.

इस तरह से मिला है बबलू चौधरी को टिकट : वर्ष 2018 में बिना किसी राजनीतिक पृष्टभूमि के 42 वर्ष के बबलू चौधरी ने जाने माने कद्दावर ओला परिवार के सामने झुंझुनू से टिकट की दावेदारी पेश की, लेकिन कांग्रेस पृष्ठभूमि वाले बड़े कांट्रेक्टर राजेंद्र सिंह भांबू को टिकट मिल गया. इसके बाद बबलू चौधरी ने बागी होकर चुनाव लड़ा और अप्रत्याशित रूप से उन्हें 29410 वोट मिला. इसके बाद बबलू के नजदीकी रिश्तेदार जगदीप धनखड़ उपराष्टपति बने और माना जाता है कि उन्हीं की बदौलत भाजपा से 2023 का टिकट उन्हें मिला है.

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