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झुंझुनू: साल 2019 में 22 लोगों की हिस्ट्रीशीट खुली, जिले में हुए 194 हिस्ट्रीशीटर

झुंझुनू पुलिस ने 2019 में 22 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली. आमतौर पर 10 से ज्यादा मुकदमे दर्ज होने के बाद हिस्ट्रीशीट खोल दी जाती है, ताकि अपराधी पर नजर रखी जा सके और किसी भी तरह का अपराध होने पर उसकी आपराधिक पृष्टभूमि का पता लगाया जा सके.

Jhunjhunu news, history sheet, आपराधिक पृष्टभूमि
हिस्ट्रीशीटरों पर रहेगी कड़ी नजर
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Published : Jan 4, 2020, 11:01 AM IST

झुंझुनू. जिले में अब कुल 194 हिस्ट्रीशीटर हो गए हैं. साल 2018 के आखिर में झुंझुनू जिले में हिस्ट्रीशीटर 172 हुआ करते थे, लेकिन इस बार पुलिस ने रिकॉर्ड कीपिंग में बेहतरीन काम करते हुए 22 नए अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोल दी है.

हिस्ट्रीशीटरों पर रहेगी कड़ी नजर

जिले के आपराधिक इतिहास की बात की जाए तो यह पहली बार हुआ है, कि एक ही साल में 22 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है. इनमें से कई अपराधी तो ऐसे हैं, जिन पर 20 से ज्यादा मामला दर्ज है. विभिन्न कारणों से रिकॉर्ड कीपिंग नहीं हुई, लिहाजा उनकी हिस्ट्रीशीट पहले नहीं खुल पाई थी.

आमतौर पर 10 से ज्यादा मुकदमे दर्ज होने के बाद हिस्ट्रीशीट खोल दी जाती है, ताकि अपराधी पर नजर रखी जा सके और किसी भी तरह का अपराध होने पर यह खंगाला जा सके, कि कोई शख्स, कहीं अपराध में शामिल तो नहीं है. झुंझुनू जिले की पुलिस ने इस बार ऐसे अपराधियों को चिन्हित करने के लिए बड़ा काम किया और साल 2019 में 22 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोल दी है.

मार्च महीने से शुरू हुआ था काम

अपराधियों के रिकॉर्ड को रखने में उदासी दिखाने की वजह से अबतक जिला पुलिस को यह नहीं ध्यान था, कि अमुक व्यक्ति के खिलाफ अब तक कितने मामले दर्ज हो चुके हैं और उनकी हिस्ट्रीशीट खोली जानी चाहिए. इसके लिए जिला पुलिस अधीक्षक की ओर से मार्च-अप्रैल में ही रिकॉर्ड कीपिंग का कार्य सुचारू रुप से करवाना शुरू किया गया. इसके बाद सामने आया, कि कई अपराधी तो 20 मुकदमों में शामिल हैं, लेकिन इसके बावजूद उनकी हिस्ट्रीशीट नहीं खुली है.

यह भी पढ़ें- झुंझुनूः हस्तशिल्प और पर्यटन मेला 2020 का आगाज

ऐसे में अब थानाधिकारी और उसके ऊपर के अधिकारियों को भी यह समझने में मदद मिलेगी, कि अमुक व्यक्ति पहले से अपराध में लिप्त है.

झुंझुनू. जिले में अब कुल 194 हिस्ट्रीशीटर हो गए हैं. साल 2018 के आखिर में झुंझुनू जिले में हिस्ट्रीशीटर 172 हुआ करते थे, लेकिन इस बार पुलिस ने रिकॉर्ड कीपिंग में बेहतरीन काम करते हुए 22 नए अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोल दी है.

हिस्ट्रीशीटरों पर रहेगी कड़ी नजर

जिले के आपराधिक इतिहास की बात की जाए तो यह पहली बार हुआ है, कि एक ही साल में 22 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है. इनमें से कई अपराधी तो ऐसे हैं, जिन पर 20 से ज्यादा मामला दर्ज है. विभिन्न कारणों से रिकॉर्ड कीपिंग नहीं हुई, लिहाजा उनकी हिस्ट्रीशीट पहले नहीं खुल पाई थी.

आमतौर पर 10 से ज्यादा मुकदमे दर्ज होने के बाद हिस्ट्रीशीट खोल दी जाती है, ताकि अपराधी पर नजर रखी जा सके और किसी भी तरह का अपराध होने पर यह खंगाला जा सके, कि कोई शख्स, कहीं अपराध में शामिल तो नहीं है. झुंझुनू जिले की पुलिस ने इस बार ऐसे अपराधियों को चिन्हित करने के लिए बड़ा काम किया और साल 2019 में 22 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोल दी है.

मार्च महीने से शुरू हुआ था काम

अपराधियों के रिकॉर्ड को रखने में उदासी दिखाने की वजह से अबतक जिला पुलिस को यह नहीं ध्यान था, कि अमुक व्यक्ति के खिलाफ अब तक कितने मामले दर्ज हो चुके हैं और उनकी हिस्ट्रीशीट खोली जानी चाहिए. इसके लिए जिला पुलिस अधीक्षक की ओर से मार्च-अप्रैल में ही रिकॉर्ड कीपिंग का कार्य सुचारू रुप से करवाना शुरू किया गया. इसके बाद सामने आया, कि कई अपराधी तो 20 मुकदमों में शामिल हैं, लेकिन इसके बावजूद उनकी हिस्ट्रीशीट नहीं खुली है.

यह भी पढ़ें- झुंझुनूः हस्तशिल्प और पर्यटन मेला 2020 का आगाज

ऐसे में अब थानाधिकारी और उसके ऊपर के अधिकारियों को भी यह समझने में मदद मिलेगी, कि अमुक व्यक्ति पहले से अपराध में लिप्त है.

Intro:आमतौर पर 10 से ज्यादा मुकदमे दर्ज होने के बाद हिस्ट्री शीट खोल दी जाती है ताकि अपराधी पर नजर रखी जा सके और किसी भी तरह का अपराध होने पर यह खंगार आ जा सके कि अमुक व्यक्ति कहीं अपराध में शामिल तो नहीं है। झुंझुनू जिले की पुलिस ने इस बार ऐसे अपराधियों को चिन्हित करने के लिए बड़ा काम किया और वर्ष 2019 में 22 में अपराधियों की हिस्ट्री शीट खोली है।


Body:झुंझुनू। झुंझुनू जिले में अब कुल 194 हिस्ट्रीशीटर हो गए हैं। वर्ष 2018 के अंत में झुंझुनू जिले में हिस्ट्रीशीटर 172 हुआ करते थे लेकिन इस बार पुलिस ने रिकॉर्ड कीपिंग में बेहतरीन कार्य करते हुए 22 नए अपराधियों की हिस्ट्री शीट खोल दी है। झुंझुनू जिले के अपराधिक इतिहास की बात की जाए तो यह पहली बार हुआ है कि एक ही साल में 22 में अपराधियों की हिस्ट्री शीट खोली गई है। इनमें से कई अपराधी तो ऐसे हैं जिन पर 20 से ज्यादा बुक में दर्ज है पर विभिन्न कारणों वह रिकॉर्ड कीपिंग नहीं होने से से गत वर्षों में उनकी हिस्ट्री शीट नहीं खुल पाई थी।

मार्च माह से शुरू कर दिया था कार्य
अपराधियों के रिकॉर्ड को रखने में उदासी दिखाने की वजह से अब तक जिला पुलिस को यह नहीं ध्यान देता था कि अमुक व्यक्ति के खिलाफ अब तक कितने मामले दर्ज हो चुके हैं और उनकी हिस्ट्री शीट खोली जानी चाहिए। इसके लिए जिला पुलिस अधीक्षक की ओर से मार्च-अप्रैल में ही रिकॉर्ड कीपिंग का कार्य सुचारु रुप से करवाना शुरू किया और इसके बाद सामने आया कि कई अपराधी तो 20 मुकदमों में शामिल होने के बावजूद उनकी हिस्ट्री शीट नहीं खुली है। ऐसे में अब थानाधिकारी व उसके ऊपर के अधिकारियों को भी यह समझने में मदद मिलेगी कि अमुक व्यक्ति पहले से अपराध में लिप्त है।


बाइक गौरव यादव जिला पुलिस अधीक्षक झुंझुनू


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