ETV Bharat / state

Special: ओला परिवार की रणनीति, सियासी समीकरण के जरिए सत्ता की राह बनाई आसान - Jhunjhunu Brijendra Ola news

राजनीतिक दलों में समाजों को प्रतिनिधित्व और उनके वोट बैंक को साधने की रणनीति कई बार उनके लिए सत्ता का रास्ता भी बन जाती है. शायद यही वजह रही कि मुस्लिम बहुल्य विधानसभा क्षेत्र में झुंझुनू में शीशराम ओला की ओर से शुरू की गई इस पहल का अब भी पार्टी को फायदा मिल रहा है. यहां ओला परिवार की इसी रणनीति के तहत दो दशक से झुंझुनू नगर परिषद में सभापति पद पर मुस्लिम तथा उप सभापति की सीट पर जाट समाज को बिठाकर इस समीकरण को सही साबित किया है.

Jhunjhunu Ola family strategy, झुंझुनू ओला परिवार की रणनीति, Jhunjhunu Brijendra Ola news, Jhunjhunu Shishram Ola family
ओला परिवार की रणनीति रही कामयाब
author img

By

Published : Nov 29, 2019, 12:56 PM IST


झुंझुनू. नगर परिषद झुंझुनू में कांग्रेस का बोर्ड बनने पर दो दशक से चल आ रही परंपरा के तहत सभापति पद पर मुस्लिम समाज की नगमा बानो तो उप सभापति की सीट पर जाट समाज के राकेश झाझरिया काबिज हो गए हैं.

ओला परिवार की रणनीति रही कामयाब

कद्दावर नेता शीशराम ओला की हमेशा ही यह रणनीति रही थी कि मुस्लिम बहुल्य झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र में नगर परिषद सभापति पद पर हमेशा मुस्लिम प्रत्याशी को ही यह पद देकर संतुष्ट रखा जाए तो उप सभापति का पद जाट समाज को देकर उन्हें भी साथ रखा जाए.

यह भी पढ़ें : झुंझुनू नगर परिषद पर कांग्रेस का एकतरफा कब्जा

इस बात का फायदा शीशराम ओला को भी मिलता रहा है और उन्हीं के नक्शे कदम पर चलते हुए उनके पुत्र बृजेंद्र ओला ने भी अब इसी समीकरण पर काम किया है. यह आप खुद सुन सकते हैं कि पद पर चुने जाने के बाद दोनों ही जनप्रतिनिधियों ने कहा है कि बृजेंद्र ओला जो कहेंगे, उसके अनुसार ही वे कार्य करेंगे.

इस तरह से चलता रहा है इतिहास

झुंझुनू की राजनीति में बड़े केंद्र के रूप में जब शीशराम ओला का उदय हो रहा था तो उन्होंने 1999 में कांग्रेस का बोर्ड आने के बाद तैय्यब अली को उस समय नगरपालिका में अध्यक्ष बनवाया था. इसके बाद कांग्रेस का बोर्ड आने पर खालिद हुसैन को सभापति तथा इस बार नगमा बानो को सभापति बनाया गया है. इसी क्रम में उप सभापति की सीट पर जाट समाज के वीरेंद्र डारा, विमला बेनीवाल तथा अब राकेश झाझरिया को इस कुर्सी पर बिठाया गया है.

यहां पर हो गई गड़बड़...

वहीं बात भारतीय जनता पार्टी की कि जाए तो कम से कम यहां पर वह जातिगत समीकरण साधने में असफल रही और संभवत इसका खामियाजा ही इस बार पार्टी को भुगतना पड़ा. नगर परिषद में भाजपा के गत बोर्ड में तो सभापति व उप सभापति दोनों ही पदों पर जाट समाज के सुदेश अहलावत व अनीता काबिज थे. वहीं भाजपा की ओर से पहले जिला मुख्यालय ब्राह्मण, बनिया बहुल्य होने पर दोनों ही पद इसी समाज को दे दिए जाते थे. इसी के तहत रमेश टीबड़ा, भारती टीबड़ा नगर पालिका में अध्यक्ष व नगर परिषद बनने के बाद सभापति पद पर काबिज रहे.


झुंझुनू. नगर परिषद झुंझुनू में कांग्रेस का बोर्ड बनने पर दो दशक से चल आ रही परंपरा के तहत सभापति पद पर मुस्लिम समाज की नगमा बानो तो उप सभापति की सीट पर जाट समाज के राकेश झाझरिया काबिज हो गए हैं.

ओला परिवार की रणनीति रही कामयाब

कद्दावर नेता शीशराम ओला की हमेशा ही यह रणनीति रही थी कि मुस्लिम बहुल्य झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र में नगर परिषद सभापति पद पर हमेशा मुस्लिम प्रत्याशी को ही यह पद देकर संतुष्ट रखा जाए तो उप सभापति का पद जाट समाज को देकर उन्हें भी साथ रखा जाए.

यह भी पढ़ें : झुंझुनू नगर परिषद पर कांग्रेस का एकतरफा कब्जा

इस बात का फायदा शीशराम ओला को भी मिलता रहा है और उन्हीं के नक्शे कदम पर चलते हुए उनके पुत्र बृजेंद्र ओला ने भी अब इसी समीकरण पर काम किया है. यह आप खुद सुन सकते हैं कि पद पर चुने जाने के बाद दोनों ही जनप्रतिनिधियों ने कहा है कि बृजेंद्र ओला जो कहेंगे, उसके अनुसार ही वे कार्य करेंगे.

इस तरह से चलता रहा है इतिहास

झुंझुनू की राजनीति में बड़े केंद्र के रूप में जब शीशराम ओला का उदय हो रहा था तो उन्होंने 1999 में कांग्रेस का बोर्ड आने के बाद तैय्यब अली को उस समय नगरपालिका में अध्यक्ष बनवाया था. इसके बाद कांग्रेस का बोर्ड आने पर खालिद हुसैन को सभापति तथा इस बार नगमा बानो को सभापति बनाया गया है. इसी क्रम में उप सभापति की सीट पर जाट समाज के वीरेंद्र डारा, विमला बेनीवाल तथा अब राकेश झाझरिया को इस कुर्सी पर बिठाया गया है.

यहां पर हो गई गड़बड़...

वहीं बात भारतीय जनता पार्टी की कि जाए तो कम से कम यहां पर वह जातिगत समीकरण साधने में असफल रही और संभवत इसका खामियाजा ही इस बार पार्टी को भुगतना पड़ा. नगर परिषद में भाजपा के गत बोर्ड में तो सभापति व उप सभापति दोनों ही पदों पर जाट समाज के सुदेश अहलावत व अनीता काबिज थे. वहीं भाजपा की ओर से पहले जिला मुख्यालय ब्राह्मण, बनिया बहुल्य होने पर दोनों ही पद इसी समाज को दे दिए जाते थे. इसी के तहत रमेश टीबड़ा, भारती टीबड़ा नगर पालिका में अध्यक्ष व नगर परिषद बनने के बाद सभापति पद पर काबिज रहे.

Intro:भारतीय राजनीति में कई जातियों का गठजोड़ सत्ता के केंद्र में रहा है और झुंझुनू में भी ओला परिवार कई सालों से इसी तरह से एक गठजोड़ के तहत अपना दबदबा कायम रखने में सफल रहा है। झुंझुनू जिले में यदि मुस्लिम और जाट इकतरफा किसी के पक्ष में वोट करें तो फिर उस गठबंधन का जीतना तय है। ऐसे में जब भी कांग्रेस का बोर्ड बना, ओला परिवार इसी रणनीति के तहत दो दशक से झुंझुनू नगर परिषद के सभापति पर मुस्लिम तथा उपसभापति पद जाट समाज को देखकर इस समीकरण को पालित पोषित करता रहा है।


Body:झुंझुनू। झुंझुनू नगर परिषद में कांग्रेस का बोर्ड काबिज होने पर दो दशक से चल रही परंपरा के तहत सभापति पर मुस्लिम समाज की नगमा बानो उपसभापति पर जाट समाज के राकेश झाझरिया काबिज हो गए हैं। कद्दावर नेता शीशराम ओला की हमेशा ही रणनीति रही थी कि मुस्लिम बाहुल्य झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र में नगर परिषद सभापति पर हमेशा मुस्लिम प्रत्याशी को ही यह पद देखकर संतुष्ट रखा जाए तो उपसभापति जाट कम्युनिटी को देखकर उन्हें भी साथ रखा जाए। इस बात का फायदा शीशराम ओला को भी मिलता रहा है और उन्हीं के नक्शे कदम पर चलते हुए उनके पुत्र बृजेंद्र ओला ने भी इसी समीकरण पर काम किया है। यह आप खुद सुन सकते हैं की पद पर चुने जाने के बाद दोनों ही पदाधिकारियों ने कहा कि बृजेंद्र ओला जो कहेंगे उसके अनुसार ही वे कार्य करेंगे।


इस तरह से चलता रहा है इतिहास
झुंझुनू की राजनीति में बड़े केंद्र के रूप में जब से शीशराम ओला का उदय हो रहा था तो उन्होंने 1999 में कांग्रेस का बोर्ड आने के बाद तय्यैब अली को उस समय नगरपालिका में अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद कांग्रेस का बोर्ड आने पर खालिद हुसैन को सभापति तथा इस बार नगमा बानो को सभापति बनाया गया है। इसी क्रम में उपसभापति पर जाट समाज के वीरेंद्र डारा, विमला बेनीवाल तथा अब राकेश झाझरिया को उपसभापति बनाया गया है।

यहां पर हो गई गड़बड़
वहीं भारतीय जनता पार्टी कम से कम यहां पर जातिगत समीकरण साधने में असफल रही और संभवत इसका खामियाजा ही इस बार पार्टी को उठाना पड़ा है।
नगर परिषद में भाजपा के गत बोर्ड में तो सभापति व उपसभापति दोनों ही पदों पर जाट समाज के सुदेश अहलावत व अनीता मारिगसर काबिज थे। वहीं भाजपा की ओर से पहले जिला मुख्यालय ब्राह्मण बनिया बाहुल्य होने पर दोनों ही पद इसी समाज को दे दिए जाते थे । इसी के तहत रमेश टीबड़ा, भारती टीबड़ा नगर पालिका में अध्यक्ष व नगर परिषद बनने के बाद सभापति पद पर काबिज रहे।



व्हाइट वन सभापति नगमा बानो

वाइट दो राकेश झाझरिया उपसभापति









Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.