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झुंझुनूः घुमंतू समाज के लोगों ने की जमीन की मांग

घुमंतू, अर्धघुमंतू और गाडिया लुहार समाज के लोगों ने स्थाई आवास बनाने के लिए जमीन की मांग की है. झुंझुनू कलेक्ट्रेट पहुंचे लोगों ने कलेक्टर को इस आशय का एक पत्र सौंपा है.

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Published : Aug 19, 2019, 11:19 PM IST

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झुंझुनू. जिले की सभी तहसीलों में घुमंतू, अर्धघुमंतू और गाडिया लुहार समाज के भूमिहीन परिवारों की भूमि एवं जाति प्रमाण पत्र दिलवाने के लिए लुहार समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया. इसके बाद में समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर को सोमवार को ज्ञापन दिया.

झुझुनू में घुमंतू समाज के लोगों ने की जमीन की मांग

जिला कलेक्टर को दिए ज्ञापन में बताया गया है कि झुंझुनू में करीब घुमंतू, अर्धघुमंतू और गाड़िया लुहार समाज कुल 5 हजार परिवार निवास करते हैं, जो पिछले लगभग40 से 50 वर्षों से यहां झुग्गी झोपड़ी और कच्चा पक्का मकान में रह रहे हैं. जिनके पास राशन कार्ड, पहचान पत्र, जॉब कार्ड, आधार कार्ड, भामाशाह कार्ड आदि दस्तावेज बने हुए हैं. ये प्रत्येक चुनाव में मतदान करते आ रहे हैं. लेकिन राज्य सरकार से मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं से ये सभी परिवार वंचित हैं.

यह भी पढ़ें: राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर का 55वां दीक्षांत समारोह, डीजीपी भूपेंद्रर यादव रहे मौजूद

इन मांगों को लेकर दिया ज्ञापन
घुमंतू, अर्धघुमंतू और गाडिया लुहार समाज के भूमिहीन परिवारों ने भूखंड का पट्टा दिलवाने की मांग की है. बता दें कि इन घुमंतू परिवारों के बच्चे स्कूलों में पढ़ने के लिए जाते हैं, लेकिन इनके पास जाति प्रमाण पत्र व मूल निवास नहीं होने के कारण विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जिसके चलेत इन समाज के लोगों ने जाति प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र बनाने का की व्यवस्था देने की मांग की है.


झुंझुनू. जिले की सभी तहसीलों में घुमंतू, अर्धघुमंतू और गाडिया लुहार समाज के भूमिहीन परिवारों की भूमि एवं जाति प्रमाण पत्र दिलवाने के लिए लुहार समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया. इसके बाद में समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर को सोमवार को ज्ञापन दिया.

झुझुनू में घुमंतू समाज के लोगों ने की जमीन की मांग

जिला कलेक्टर को दिए ज्ञापन में बताया गया है कि झुंझुनू में करीब घुमंतू, अर्धघुमंतू और गाड़िया लुहार समाज कुल 5 हजार परिवार निवास करते हैं, जो पिछले लगभग40 से 50 वर्षों से यहां झुग्गी झोपड़ी और कच्चा पक्का मकान में रह रहे हैं. जिनके पास राशन कार्ड, पहचान पत्र, जॉब कार्ड, आधार कार्ड, भामाशाह कार्ड आदि दस्तावेज बने हुए हैं. ये प्रत्येक चुनाव में मतदान करते आ रहे हैं. लेकिन राज्य सरकार से मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं से ये सभी परिवार वंचित हैं.

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इन मांगों को लेकर दिया ज्ञापन
घुमंतू, अर्धघुमंतू और गाडिया लुहार समाज के भूमिहीन परिवारों ने भूखंड का पट्टा दिलवाने की मांग की है. बता दें कि इन घुमंतू परिवारों के बच्चे स्कूलों में पढ़ने के लिए जाते हैं, लेकिन इनके पास जाति प्रमाण पत्र व मूल निवास नहीं होने के कारण विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जिसके चलेत इन समाज के लोगों ने जाति प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र बनाने का की व्यवस्था देने की मांग की है.


Intro:समाज के वंचित तबके को मुख्यधारा में लाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जाते हैं लेकिन सही लोगों तक सही उसका फायदा नहीं पहुंच पाता है। गाडिया लोहार समाज के लोगों ने प्रदर्शन कर उन्हें मिलने वाली सुविधाओं की मांग की।


Body:झुंझुनू। झुंझुनू जिले की सभी तहसीलों में घुमंतू अर्धघुमंतू गाडिया लुहार समाज के भूमिहीन परिवारों की भूमि एवं जाति प्रमाण पत्र दिलवाने के लिए लुहार समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया । इसके बाद में समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर को सोमवार को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में में बताया गया कि झुंझुनू जिले की समस्त तहसीलों में रहने वाले घुमंतू अर्धघुमंतू गाड़ियां लुहार के लोग जिले में लगभग 5000 परिवार निवास कर रहे हैं जो लगभग पिछले 40 से 50 वर्षों से झुंझुनू जिले में झुग्गी झोपड़ी व कच्चा पक्का मकान में रह रहे हैं। जिनके पास राशन कार्ड,पहचान पत्र,जॉब कार्ड,आधार कार्ड,भामाशाह कार्ड आदि दस्तावेज बने हुए हैं और हर चुनाव में मतदान करते आ रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार से मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं से ये सभी परिवार वंचित है।

इन मांगों को लेकर दिया ज्ञापन
भूमिहीन परिवारों को भूखंड व भूमि का पट्टा दिलवाया जाए। जिससे यह घुमंतु परिवार स्थाई निवास करते हुए अपने बच्चों को पढ़ा लिखा सकें। इन घुमंतू परिवारों के बच्चे स्कूलों में पढ़ने के लिए जाते हैं लेकिन इनके पास जाति प्रमाण पत्र व मूल निवास नहीं होने के कारण विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए जाति प्रमाण पत्र व मूल निवास प्रमाण पत्र बनाने का आदेश करें ताकि इन घुमंतु परिवारों के बच्चे भी ऊंची शिक्षा प्राप्त कर सकें।

बाइट वन. घुमंतु अर्धघुमंतू संघठन का प्रदेशाध्यक्ष डुमना सपेरा


Conclusion:
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