सिंघाना/झुंझुनू. सिक्किम के जेम में हुए हादसे में झुंझुनूं के माजरी गांव के मनोज यादव शहीद (Sikkim Army Truck Accident) हो गए. इस हादसे की खबर सुनते ही पूरे गांव में शोक का माहौल है. शहीद मनोज यादव के बड़े भाई प्रमोद भी बीएसएफ में है, जो वर्तमान में बांग्लादेश सीमा पर तैनात हैं. शहीद जवान के पिता जगदीश प्रसाद यादव हरियाणा के गोद बलाहा पेट्रोल पंप पर काम करते हैं. वह 7 नवंबर को ही एक महीने की छुट्टी पूरी कर वापस अपने यूनिट में लौट गए थे. मनोज यादव के पिता ने बताया कि बेटे के शहीद होने की सूचना सेना की ओर से सबसे पहले उसके बड़े भाई प्रमोद को दी गई थी. उसके बाद प्रमोद ने मनोज के शहीद होने की सूचना परिवार को दी.
बता दें कि मनोज यादव 15 दिसंबर 2015 में पहली बार सेना की भर्ती प्रक्रिया देखी थी. इस दौरान उनका चयन सेना में हो गया था. मनोज यादव की शादी साल 2018 में खेतड़ी तहसील के दलोता गांव की ज्योति के साथ हुआ था. वह एक बेटी के पिता थे, जिसका नाम अवनी है. परिवार वालों ने बताया कि गुरुवार की शाम को मनोज यादव ने फोन किया था. इस दौरान अपनी माता विमला देवी से बात की और फरवरी में छुट्टी आने की बात कही थी. मनोज यादव की वर्तमान में अरुणाचल में पोस्टिंग थी, लेकिन किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह उनकी आखिरी बात होगी.
शहीद मनोज यादव को जानिए: मनोज यादव का जन्म 13 मई 1995 मे हुआ था. उन्होंने दसवीं तक की पढाई पचेरी खुर्द से और 12 वीं की पढाई कैम्ब्रिज स्कूल सिंघाना से की थी. मनोज यादव के सेना में जाने की इतनी ललक थी कि वह सुबह 4 बजे ही तैयारी करने के लिए गांव की सड़क पर चले जाते थे, जहां सड़क पर दौड़ लगाकर अपनी तैयारी करते थे. उन्होंने झुंझुनू में ओपन भर्ती में पहली बार ही सेना में सेलेक्ट हुए थे. उन्होंने दिपावली के त्यौहार के दिन महाराष्ट्र के नासिक में सेना मे ज्वाइन किया था, जहां उनकी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें पहली पोस्टिंग श्रीनगर के गुरेज में मिली. वहां डेढ़ साल तक रहने के बाद दूसरी पोस्टिंग पंजाब के गुरूदासपुर मे हुई. इसके बाद साल 2021 मे प्रमोशन होने के बाद मनोज यादव को लांस नायक बनाया गया. वह पिछले डेढ़ साल से अरूणाचल प्रदेश में तैनात थे.
सेना की वर्दी पहनने का था मनोज का जुनून? बड़े भाई प्रमोद यादव ने बताया कि मनोज यादव पढ़ाई लिखाई में तो अव्वल था. साथ ही उसे सेना में जाने का बड़ा जुनून था और आर्मी की वर्दी पहनना चाहता था. वह सुबह जल्दी उठ कर सड़क पर ही तैयारी करने निकल जाता था. मैंने कई बार उसे मना किया कि सिविल जॉब कर लो, लेकिन वह नहीं माना और अपनी लगन और मेहनत के दम पर ओपन भर्ती में सेलेक्ट हुआ. उन्होंने बताया कि मनोज ने दीपावली के दिन सेना ज्वॉइन कर ली थी.
25 दिसंबर को पत्नी की परीक्षा: शहीद जवान मनोज के पिता ने कहा कि वह हरियाणा के एक पेट्रोल पंप पर मजदूरी करते हैं. दोनों बेटों को पढ़ा लिखा कर देश सेवा में भेजा. मनोज घर पर ही तैयारी करता था दीपावली के दिन उसने श्रीनगर में ड्यूटी ज्वॉइन की थी. पत्नी भी टीचर भर्ती की जयपुर में रहकर तैयारी कर रही थी. 25 दिसंबर को उसका पेपर होना था.
कल आ सकता है शहीद मनोज का पार्थिव शरीर: शहीद लांस नायक मनोज यादव का पार्थिव शरीर रविवार को उनके पैतृक गांव पचेरी के माजरी के पहुंचने की संभावना है. सबसे पहले सभी शहीदों को सिक्किम में ही सेना के अधिकारियों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, दुर्घटनाग्रस्त हुए ट्रक में अलग-अलग यूनिट के जवान मौजूद थे. उनको यूनिट के अधिकारियों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा. उसके बाद फ्लाइट के स्पेशल विमान के द्वारा शहीद मनोज यादव के पार्थिव शरीर दिल्ली पहुंचने की संभावना है. हरियाणा के गुड़गांव, रेवाड़ी से नारनौल होते हुए उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन किया जाएगा.