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पंचतत्व में विलीन हुए झुंझुनू के लाल कमलेश, अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा लोगों का हुजूम

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Published : Oct 20, 2019, 5:13 PM IST

झुंझुनू के श्यामपुरा गांव में देश के लाल कमलेश कुमार की अंतिम विदाई के दौरान लोगों की आंखें नम हो गई. वहीं चारों तरफ गम का महौल छाया रहा. लोगों ने उनकी शहादत को याद कर गार्ड ऑफ ओनर के साथ अंतिम संस्कार किया.

झुंझुनू गार्ड ऑफ ओनर,Jhunjhunu guard of owner

चिड़ावा (झुंझुनू). श्यामपुरा गांव के लाल कमलेश कुमार का पार्थिव देह उनके पैतृक गांव पहुंचते ही शोक की लहर दौड़ गई. लोगों की आंखें नम हो गईं. वहीं परिवार के सदस्यों की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. उनके पार्थिव देह के अतिंम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.

पढ़ें: बापू की 150वीं जयंती : ईटीवी भारत की खास प्रस्तुति का PM मोदी ने किया अभिनंदन

अचानक तबीयत बिगड़ी...

इस दौरान सुबेदार प्रकाश और मनवर अली की अगुवाई में जाट रेजिमेंट 20 बटालियन के 15 सदस्यीय सलामी गार्ड ने गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार किया. कमलेश 2003 में गढ़वाल राईफल रेजिमेंट में लैंसडाउन उत्तराखंड में भर्ती हुए जो वर्तमान में भी उत्तराखंड के लैंसडाउन में राइफल मैन के तौर पर तैनात थे.

जवान कमलेश की अंतिम विदाई में नम हुई आंखें

लेकिन 18 अक्टूबर को उनकी अचानक तबीयत बिगड़ी गई. जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टर्स ने कमलेश को मृत घोषित कर दिया. वहीं 31 अक्टूबर को कमलेश कुमार सैन्य सेवा से सेवारत होने वाले थे. उन्होंने अपने कार्यकाल में गढ़वाल राइफल की कई बटालियन में सेवारत रहे.

चिड़ावा (झुंझुनू). श्यामपुरा गांव के लाल कमलेश कुमार का पार्थिव देह उनके पैतृक गांव पहुंचते ही शोक की लहर दौड़ गई. लोगों की आंखें नम हो गईं. वहीं परिवार के सदस्यों की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. उनके पार्थिव देह के अतिंम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.

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अचानक तबीयत बिगड़ी...

इस दौरान सुबेदार प्रकाश और मनवर अली की अगुवाई में जाट रेजिमेंट 20 बटालियन के 15 सदस्यीय सलामी गार्ड ने गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार किया. कमलेश 2003 में गढ़वाल राईफल रेजिमेंट में लैंसडाउन उत्तराखंड में भर्ती हुए जो वर्तमान में भी उत्तराखंड के लैंसडाउन में राइफल मैन के तौर पर तैनात थे.

जवान कमलेश की अंतिम विदाई में नम हुई आंखें

लेकिन 18 अक्टूबर को उनकी अचानक तबीयत बिगड़ी गई. जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टर्स ने कमलेश को मृत घोषित कर दिया. वहीं 31 अक्टूबर को कमलेश कुमार सैन्य सेवा से सेवारत होने वाले थे. उन्होंने अपने कार्यकाल में गढ़वाल राइफल की कई बटालियन में सेवारत रहे.

Intro:सेना के जवान कमलेश की अंतिम विदाई में नम हुई आंखे
15 सदस्यी सैनिक टुकड़ी ने दिया गार्ड ऑफ ओनर
ड्यूटी के दौरान बिगड़ी थी तबीयत, उत्तराखंड के लेंसडोन में थे तैनात
चिड़ावा/झुंझुनूं।
जिले के चिड़ावा कस्बे के नजदीक श्यामपुरा गांव के लाल कमलेश कुमार की अंतिम विदाई में आंखे नम हो गई। 15 सदस्यी सैनिक टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ओनर के साथ अंतिम संस्कार किया गया। कमलेश कुमार उत्तराखंड के लेंसडोन में तैनात थे तथा डय्टी के दौरान ही तबीयत बिगड़ी थी।

Body:ये है चिड़ावा कस्बे के नजदीक श्यामपुरा गांव की मिट्टी का लाल कमलेश कुमार। कमलेश कुमार का 2003 में गढ़वाल राईफल रेजिमेंट में लेंसडोन उत्तराखंड में भर्ती हुए। वर्तमान में भी कमलेश कुमार उत्तराखंड के लेंसडोन में राइफल मैन के तौर पर तैनात थे। लेकिन 18 अक्टूबर 19 को जवान कमलेश कुमार की अचानक तबीयत बिगड़ी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां कमलेश कुमार को मृत घोषित कर दिया।
गांव पहुंचा शव तो नम हो गई आंखे
जवान कमलेश कुमार का पार्थिव देह आज रविवार सुबह उनके पैतृक गांव श्यामपुरा पहुंचा। जैसे ही पार्थिव देह गांव में पहुंचा वैसे ही शोक की लहर दौड़ गई तथा आंखे नम हो गई। परिवार की आंखों से तो आंसू रूकने का नाम ही नहीं ले रहे है। गांव के श्मशाम घाट में कमलेश कुमार का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान सुबेदार प्रकाश एवं मनवर अली की अगुवाई में जाट रेजिमेंट 20 बटालियन के 15 सदस्यीय सलामी गार्ड ने पुष्प चक्र अर्पित किया तथा गार्ड ऑफ ओनर दिया। कमलेश कुमार के भतीजे ने मुखाग्नि दी। अंत्येष्टि स्थल पर जवान कमलेश कुमार को पूर्व जिप मोहर सिंह सोलाना,सरपंच प्रदीप कुमार,सुल्ताना चौकी प्रभारी धर्मपाल यादव ने पुष्पचक्र अर्पित कर नम आंखों से अंतिम श्रद्धांजलि दी। इससे पूर्व अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
31 अक्टूबर को सैन्य सेवा से सेवारत होने वाले थे कमलेश
31 अक्टूबर 19 को कमलेश कुमार सैन्य सेवा से सेवारत होने वाले थे। लेकिन 18 अक्टूबर को सुबह साढ़े छह बजे उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई। इसके बाद लेंसडोन उत्तराखंड के सेना अस्पताल में उन्हें लेकर जाया गया, लेकिन वहां पर 18 अक्टूबर को ही सुबह 7 बजकर 40 मिनट पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कमलेश कुमार ने गढ़वाल राईफल की कई बटालियन में सेवारत रहे। इनमें 3 गढ़वाल, 10 गढ़वाल, 15 गढ़वाल एवं 16 गढ़ावाल और सात गढ़वाल में दो बार सेवारत रहेConclusion:
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